केदारनाथ के रास्ते में इतनी बर्फ! हैरान रह जाएंगे आप, देखिए कैसे ग्लेशियर काट बन रहा रास्ता

केदारनाथ के रास्ते में इतनी बर्फ! हैरान रह जाएंगे आप, देखिए कैसे ग्लेशियर काट बन रहा रास्ता

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केदारनाथ के रास्ते में इतनी बर्फ! हैरान रह जाएंगे आप, देखिए कैसे ग्लेशियर काट बन रहा रास्ता

आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की टीमें पैदल मार्गों पर जमी मोटी बर्फ को हटाने में दिन-रात लगी हैं. पिछले साल आई आपदा से टूटे रास्तों की मरम्मत भी की जा रही है.

विश्व प्रसिद्ध श्री केदारनाथ धाम की यात्रा 2 मई से शुरू होने वाली है. इससे पहले जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और अन्य संबंधित टीमें यात्रा की तैयारियों में जुट गई हैं. सबका मकसद बस एक ही है, कपाट खुलने से पहले सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त हो जाएं. ताकि यात्रा सुगम और भव्य तरीके से चल सके. प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती पैदल मार्गों पर जमी मोटी बर्फ को हटाने की है. बर्फ को हटाने के लिए दिन-रात काम चल रहा है. धाम सहित पूरे पैदल मार्ग पर 270 मजदूर बर्फ हटाने के कार्य में जुटे हुए है.

मजदूरों ने पैदल मार्ग से बड़े-बड़े ग्लेशियरों को काटकर रास्ता तैयार कर दिया है. मंदिर के निकट तक रास्ता तैयार हो गया है. एक-दो दिन के भीतर धाम तक रास्ता तैयार हो जाएगा. धाम तक रास्ता तैयार होने के बाद आगामी यात्रा तैयारियांं की धाम में भी तैयारियां शुरू की जाएंगी. जबकि दूसरे चरण के पुनर्निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएंगे.

युद्ध स्तर पर चल रहा है काम

मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जीएस खाती ने बताया कि सड़क मार्ग से लेकर केदारनाथ के पैदल रास्तों को तेजी से ठीक किया जा रहा है. आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की टीमें पैदल मार्गों पर जमी मोटी बर्फ को हटाने में दिन-रात लगी हैं. पिछले साल आई आपदा से टूटे रास्तों की मरम्मत भी की जा रही है. डॉ. खाती ने कहा, "हमारा लक्ष्य है कि श्रद्धालुओं को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े. इसके लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है."

वहीं, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. रामप्रसाद ने बताया कि इस बार केदारनाथ धाम में 17 बेड का अस्पताल तैयार हो रहा है. जैसे ही बर्फ हटाने का काम पूरा होगा, स्वास्थ्य विभाग की टीमें जरूरी सामान के साथ व्यवस्था जुटाने में लग जाएंगी. उन्होंने कहा, "गौरीकुंड से केदारनाथ तक पैदल मार्ग पर सभी मेडिकल रिलीफ पॉइंट्स को ठीक किया जा रहा है. फाटा में इस बार हड्डी विशेषज्ञ डॉक्टर और एक्स-रे मशीन की सुविधा भी उपलब्ध होगी." इसके अलावा, यात्रा के लिए डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की मांग शासन से की गई है.

जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमें यह सुनिश्चित करने में जुटी हैं कि श्रद्धालुओं को किसी तरह की दिक्कत न हो. बर्फबारी और आपदा के बाद रास्तों को सुरक्षित बनाना बड़ी चुनौती है. लेकिन, तैयारियां तेजी से चल रही हैं.

 

केदारनाथ के रास्ते में इतनी बर्फ! हैरान रह जाएंगे आप, देखिए कैसे ग्लेशियर काट बन रहा रास्ता

आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की टीमें पैदल मार्गों पर जमी मोटी बर्फ को हटाने में दिन-रात लगी हैं. पिछले साल आई आपदा से टूटे रास्तों की मरम्मत भी की जा रही है.

विश्व प्रसिद्ध श्री केदारनाथ धाम की यात्रा 2 मई से शुरू होने वाली है. इससे पहले जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और अन्य संबंधित टीमें यात्रा की तैयारियों में जुट गई हैं. सबका मकसद बस एक ही है, कपाट खुलने से पहले सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त हो जाएं. ताकि यात्रा सुगम और भव्य तरीके से चल सके. प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती पैदल मार्गों पर जमी मोटी बर्फ को हटाने की है. बर्फ को हटाने के लिए दिन-रात काम चल रहा है. धाम सहित पूरे पैदल मार्ग पर 270 मजदूर बर्फ हटाने के कार्य में जुटे हुए है.

मजदूरों ने पैदल मार्ग से बड़े-बड़े ग्लेशियरों को काटकर रास्ता तैयार कर दिया है. मंदिर के निकट तक रास्ता तैयार हो गया है. एक-दो दिन के भीतर धाम तक रास्ता तैयार हो जाएगा. धाम तक रास्ता तैयार होने के बाद आगामी यात्रा तैयारियांं की धाम में भी तैयारियां शुरू की जाएंगी. जबकि दूसरे चरण के पुनर्निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएंगे.

युद्ध स्तर पर चल रहा है काम

मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जीएस खाती ने बताया कि सड़क मार्ग से लेकर केदारनाथ के पैदल रास्तों को तेजी से ठीक किया जा रहा है. आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की टीमें पैदल मार्गों पर जमी मोटी बर्फ को हटाने में दिन-रात लगी हैं. पिछले साल आई आपदा से टूटे रास्तों की मरम्मत भी की जा रही है. डॉ. खाती ने कहा, "हमारा लक्ष्य है कि श्रद्धालुओं को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े. इसके लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है."

वहीं, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. रामप्रसाद ने बताया कि इस बार केदारनाथ धाम में 17 बेड का अस्पताल तैयार हो रहा है. जैसे ही बर्फ हटाने का काम पूरा होगा, स्वास्थ्य विभाग की टीमें जरूरी सामान के साथ व्यवस्था जुटाने में लग जाएंगी. उन्होंने कहा, "गौरीकुंड से केदारनाथ तक पैदल मार्ग पर सभी मेडिकल रिलीफ पॉइंट्स को ठीक किया जा रहा है. फाटा में इस बार हड्डी विशेषज्ञ डॉक्टर और एक्स-रे मशीन की सुविधा भी उपलब्ध होगी." इसके अलावा, यात्रा के लिए डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की मांग शासन से की गई है.

जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमें यह सुनिश्चित करने में जुटी हैं कि श्रद्धालुओं को किसी तरह की दिक्कत न हो. बर्फबारी और आपदा के बाद रास्तों को सुरक्षित बनाना बड़ी चुनौती है. लेकिन, तैयारियां तेजी से चल रही हैं.

 

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