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शिमला-मनाली छोड़ें, दिल्ली के पास हुई बंपर बर्फबारी, कार उठाइये.. निकल लीजिए
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शिमला-मनाली छोड़ें, दिल्ली के पास हुई बंपर बर्फबारी, कार उठाइये.. निकल लीजिए
Chakrata Snowfall : लोग नए साल का जश्न मनाने के लिए हिमाचल प्रदेश के शिमाला, मनाली और दूसरी पहाड़ी जगहों की ओर जा रहे हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि दिल्ली के पास ही एक जगह पर बंपर बर्फबारी हुई है. बर्फ इतनी ही शिमला मनाली तक में नहीं पड़ रही. हम बात कर रहे उत्तराखंड के चकराता की. यहां पर्यटकों और होटल कारोबारियों के लिए एक अच्छी खबर सामने आ रही है. पहाड़ की ऊंची चोटियों ने एक बार फिर बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है. चकराता के लोखंडी क्षेत्र में सीजन की दुसरी बर्फबारी शुरू हो चुकी है. अब जो लोग क्रिसमस और न्यू ईयर को लेकर चकराता जाने का प्लान तैयार कर रहे थे उनके लिए अच्छी खबर है. उधर बागवानी और होटल कारोबारियों के लिए भी अच्छी खबर है. घुमने आए पर्यटक भी बर्फबारी का आनंद लेते हुए खुश नजर आ रहे हैं.
हिमाचल में न्यू ईयर का है प्लान, मौसम होगा मेहरबान, बर्फबारी के बीच कहिए Happy New Year
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हिमाचल में न्यू ईयर का है प्लान, मौसम होगा मेहरबान, बर्फबारी के बीच कहिए Happy New Year
शिमलाः नया साल बहुत जल्द दस्तक देने वाला है. लोग नए साल का स्वागत करने के लिए खुली बांहों के साथ खड़े हैं. हर किसी का अपना प्लान है. कोई दर्शन करने की प्लानिंग कर रहा है तो कोई हिल स्टेशन पर न्यू ईयर सेलिब्रेट करने की योजना बना रहा है और जब हिल स्टेशन की बात होती है तो हर किसी की जुबां पर हिमाचल का नाम सबसे पहले आता है, जहां खूबसूरत वादियां हैं, जो बर्फ की चादरों से ढकी हुई हैं, तो ऐसे में अगर आप भी हिमाचल जाने का सोच रहे हैं तो आपके लिए खूब सारा सरप्राइज है.
दरअसल, मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक 27 और 28 दिसंबर को पश्चिमी विक्षोभ के असर से बर्फबारी होने की संभावना है. यह बर्फबारी खासतौर पर राज्य के उच्च पर्वतीय व मध्यवर्ती इलाकों में देखने को मिल सकती है. मौसम विभाग के मुताबिक शिमला और मनाली में भी बर्फ गिरने का अनुमान है. साथ ही राज्य के ऊंचे इलाकों कुल्लू, रोहतांग पास, चंबा, लाहौल-स्पीति और किन्नौर में भी बर्फबारी की संभावना जताई गई है. साथ ही मैदानी इलाकों में बारिश होने की भी संभावना है.
वहीं आज कांगड़ा जनपद में काले घने बादल छाए हुए हैं. बादलों की आगोश में समूची धौलाधार और धर्मशाला समाया हुआ है. एक बार फिर से बारिश और बर्फबारी के आसार लग रहे हैं. अमूमन क्रिसमस या नए साल पर देखा जाता है स्नो फॉल. धर्मशाला के नड्डी, त्रियुंड और धर्मकोट में देखने को मिलता है स्नो फॉल. हालांकि बीते कुछ सालों से बर्फबारी का सिलसिला कम हुआ है. इस बार तो मौसम ने कुछ ज़्यादा ही बेरुखी दिखाई है. फिर भी काले घने बादलों को देख इस बार क्रिसमिस और न्यू ईयर के व्हाइट होने की है संभावना. इलाके में पड़ रही है कड़ाके की सूखी सर्दी. फ़िलहाल सूखी सर्दी से परेशान चल रहा है हर जनमानस.
आशा कार्यकर्ताओं को राज्य कर्मचारी बनाने की मांग, धर्मशाला में वर्करों ने उठाई आवाज, सरकार के सामने रखी फरियाद
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आशा कार्यकर्ताओं को राज्य कर्मचारी बनाने की मांग, धर्मशाला में वर्करों ने उठाई आवाज, सरकार के सामने रखी फरियाद
हिमाचल प्रदेश जिला कांगड़ा के धर्मशाला में चल रहे शीतकालीन विधानसभा सत्र के तीसरे दिन शुक्रवार को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आशा कार्यकर्ता यूनियन जिला कांगड़ा की प्रधान श्यामा गुलेरिया कि अगवाई में विधानसभा पहुंचीं. उन्होंने अपनी मांगों को सरकार के समक्ष उठाया व अपनी बात को सरकार तक पहुंचाया. उन्होंने मुख्यमंत्री और स्वस्थ्य मंत्री से आग्रह है कि लिखित मांगों पर गहन रूप से विचार करें व इन्हें जल्द पूरा करें, ताकि हमारा कठिन से कठिन कार्य करने में भी मनोबल बढ़ेगा.
क्या बोलीं यूनियन की प्रधानयूनियन की प्रधान श्यामा गुलेरिया ने बताया कि पिछले गत वर्षों से हिमाचल प्रदेश की समस्त आशाएं स्वस्थ्य विभाग में अपनी सेवाएं दे रही हैं. सभी आशाएं पूरी निष्ठा से कार्य कर रही हैं. इस दौरान प्रधान श्यामा गुलेरिया ने कहा कि प्रदेश सरकार आशा कार्यकर्ताओं को राज्य कर्मचारी घोषित करें और उनके कोई स्थायी नीति बनाई जाए. उन्होंने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं को कब वेतन मिलना है, कोई पता नहीं होता. सरकार से हमारी यह मांग है कि हमें वेतन देने के लिए महीने की एक तिथि सुनिश्चित की जाए, ताकि हमें पता रहे कि महिने के इतनी तारीख को हमें वेतन मिलना है.
मुख्यमंत्री ने दिया आश्वासन इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा सभी आशाओं को मोबाइल फोन दिए गए थे, जो कि कुछ समय के बाद खराब हो गए और जिस कंपनी के फोन दिए गए थे उनकी कंपनी ही बंद हो गई है.अगर इन खराब मोबाइलों को ठीक करवाएं, तो कहां पर. उन्होंने बताया कि आशा कार्यकर्ता ऑनलाइन छह ऐपों पर कार्य करती है. सरकार से हमारी मांग है कि प्रदेश में कार्यरत सभी आशाओं को अच्छी क्वालटी के मोबाइल फोन या टैब दिए जाएं, हम सभी अपना ऑनलाईन कार्य आसानी से कर सकें.
उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द मुख्यमंत्री उनकी मांगों को अवश्य पूरा करेंगे. इस मौके पर यूनियन प्रधान श्यामा गुलेरिया, मधु शर्मा, कंचन शर्मा, सुनीत देवी, सामली देवी, मुकेश और मीरा आदि मौजूद रहीं.
धारा-118: डेरा ब्यास के लिए CM सुक्खू ने जमीन कानून बदला, लेकिन घिर गए विक्रमादित्य सिंह, चुप्पी पर उठ रहे सवाल
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धारा-118: डेरा ब्यास के लिए CM सुक्खू ने जमीन कानून बदला, लेकिन घिर गए विक्रमादित्य सिंह, चुप्पी पर उठ रहे सवाल
हिमाचल प्रदेश में लैंड सिलिंग एक्ट में सुक्खू सरकार ने बदलाव किया. हालांकि, इस मामले में अब सुक्खू कैबिनेट में शामिल मंत्री विक्रमादित्य सिंह निशाने पर आ गए हैं. 2021 में मंत्री की तरफ से डाली गई पोस्ट अब वायरल होने लगी है. विक्रमादित्य सिंह के उस बयान को लेकर अब सवाल पूछे जा रहे हैं.
सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह की पोस्ट को लेकर कहा जा रहा है कि सही का समर्थन करने वाले मंत्री अब क्यों चुप हैं. क्योंकि उन्होंने 2021 में राधा स्वामी की तरफ से जमीन को बेचने के लिए की गई मांग का विरोध किया था.
विक्रमादित्य सिंह ने क्या था कहा
दरअसल, 17 जनवरी 2021 को विक्रमादित्य सिंह ने एक पोस्ट डाली थी. इस पोस्ट में अखबार की कटिंग भी थी. उन्होंने पोस्ट में लिखा था कि हम “राधा स्वामी” और सभी धार्मिक संस्थानों और उनके गुरु का मान सम्मान करते हैं, मगर धार्मिक कार्यों की आड़ में प्रदेश के हितों को नज़र अंदाज़ हम किसी भी क़ीमत पे नहीं होने देंगे. हिमाचल प्रदेश सीलिंग ऑन लैंड होल्डिंग एक्ट 1972 में इस संस्था के लिए सरकार द्वारा किसी भी तरह की छूट हिमाचल के हित में नहीं हैं और इस एक “मिसाल” से प्रदेश में अनेको ऐसे मसले भविष्य में देखने को आएंगे, जहां ख़ास कर “चाय के बग़ीचे” मैं इस नियम में छूट माँगी जाएगी, तब सरकार विवश हों जाएगी. धार्मिक संस्था अपने कार्य को धार्मिक और अध्यात्मवाद तक सीमित रखे तों यह सबके हित में होगा. इस विषय में कोई आवाज़ उठाए ना उठाए हम ज़रूर उठाएँगे.
हिमाचल विधानसभा सत्र का दूसरा दिन: ‘सुक्खू भाया, सुक्खू भाया...जंगली मुर्गा किसने खाया’, तपोवन के बाहर मुर्गों की तख्तियां और गूंजते नारे!
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हिमाचल विधानसभा सत्र का दूसरा दिन: ‘सुक्खू भाया, सुक्खू भाया...जंगली मुर्गा किसने खाया’, तपोवन के बाहर मुर्गों की तख्तियां और गूंजते नारे!
हिमाचल प्रदेश में जंगली मुर्गा विवाद में भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने सुक्खू सरकार को घेरा. विधानसभा सत्र के दूसरे दिन गुरुवार को पूर्व सीएम जयराम ठाकुर सहित अन्य भाजपा विधायकों ने धर्मशाला के तपोवन में नारेबाजी की और पूछा कि जंगली मुर्गे किसने खाए.
भाजपा विधायकों ने तपोवन के बार से जंगली मुर्गों की तख्यितां हाथ में ली और नारेबाजी की कि सुक्खू भाया… सुक्खू भाया… जंगली मुर्गा किसने खाया? साथ ही इस मामले पर पत्रकारों के खिलाफ केस दर्ज करने पर भी विरोध जताया. पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने इस दौरान मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस सरकार ने जनमंच को बंद कर सरकार आपके द्वार कार्यक्रम शुरू किया. इस कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह शिमला के टिक्कर गांव गए थे और रात्रि भोज के मेन्यू में 12वें नंबर पर जंगली मुर्गा शामिल था. मुख्यमंत्री रात्रि भोज करने लगे तो वहां पर खुद इसका जिक्र कर रहे थे और जो साथ में बैठे लोग थे उन्हें खाने के लिए ऑफर कर रहे थे. अब हिमाचल सरकार की ओर से फरमान हुआ कि जिन लोगों ने जंगली मुर्गी का जिक्र मीडिया में किया है, उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाए और अब पिछले कल मामला दर्ज किया गया और भाजपा नेता विधायक सुधीर शर्मा के खिलाफ भी केस किया गया है. जो कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि किसने जंगली मुर्गा खाया और किसे परोसा गया. वह खुद जिक्र कर रहे हैं. केस के बारे में उन्हें भी सोशल मीडिया से जानकारी मिली है. .
भाजपा विधायक जयराम ठाकुर ने कहा कि मुर्गा जिसने मारा, उसके ऊपर एफआईआर होनी चाहिए थी. हालांकि, जिन लोगों ने इस मामले को उजागर किया उसके खिलाफ मामला दर्ज करने का कोई औचित्य नहीं बनता है. सरकार फिर को तुरंत वापस ले. इस मामले को आज सदन के अंदर भी उठाया जाएगा.
क्या है पूरा विवाद
13 दिसंबर को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के डिनर प्रोग्राम का मेन्य लीक हुआ था. इसमें जंगली मुर्गे का जिक्र था. इसके बाद डिनर के दौरान खुद सीएम कहते हुए दिखे थे इन्हें जंगली मुर्गा सर्व करो. हालांकि, यह बाद में मुद्दा बन गया था क्योंकि जंगली मुर्गे का शिकार वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत कानूनी अपराध है. हालांकि, बीते कल यानी बुधवार को स्थानीय महिला प्रधान ने मीडिया ग्रुप और कुछ पत्रकारों के खिलाफ केस दर्ज करवाया है कि गांव की छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया है. शिमला के चौपाल विधानसभा क्षेत्र का यह मामला था.
हिमाचल पर अगले 7 दिन बेहद भारी, पड़ेगी कड़ाके की ठंड; इन इलाकों में कोल्ड वेव का अलर्ट
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हिमाचल पर अगले 7 दिन बेहद भारी, पड़ेगी कड़ाके की ठंड; इन इलाकों में कोल्ड वेव का अलर्ट
हिमाचल प्रदेश के मध्यम ऊंचाई और मैदानी क्षेत्रों में अगले 7 दिनों के लिए कोल्ड वेव और सीवियर कोल्ड वेव का अलर्ट जारी किया गया है. बीते करीब 2 सप्ताह से हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में कोल्ड वेव देखने को मिल रही है. इनमें मंडी, ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा और चंबा शामिल हैं. वहीं, प्रदेश में न्यूनतम तापमान सामान्य से 2 से 3 डिग्री कम चल रहा है. ऊंचाई वाले क्षेत्रों में माइनस 1 से माइनस 7 डिग्री, मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 1 डिग्री से 5 डिग्री और मैदानी क्षेत्रों में 1 डिग्री से 3 डिग्री तक न्यूनतम तापमान दर्ज किया जा रहा है.
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, अगले 7 दिनों में हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों के लिए कोल्ड वेव और सीवियर कोल्ड वेव का अलर्ट जारी किया गया है. जिला ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर और मंडी जिले के कुछ हिस्सों के लिए सीवियर कोल्ड वेव का अलर्ट, वहीं चंबा और कांगड़ा जिला के कुछ हिस्सों के लिए अगले 7 दिनों तक कोल्ड वेव का अलर्ट जारी किया गया है. हालांकि, अगले 7 दिनों तक मौसम मुख्यतः साफ रहने का पूर्वानुमान है. वहीं, तापमान में कोई मुख्य बदलाव देखने को नहीं मिलेगा. हालांकि, प्रदेश के कुछ हिस्सों में अगले 3 दिनों तक तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट दर्ज की जा सकती है.
कोहरे को लेकर भी कई क्षेत्रों में अलर्टवहीं, प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में मध्यम से घना कोहरा छाए रहने का पूर्वानुमान है. इनमें बिलासपुर क्षेत्र के भाखड़ा बांध के रिजर्वायर क्षेत्र में मध्यम से घना कोहरा छाए रहने का पूर्वानुमान है. वहीं, मंडी जिला के बल्ह और हमीपुर के कुछ क्षेत्रों में देर रात और सुबह के समय अगले 4 दिनों तक हल्के से मध्यम कोहरा छाए रहने का पूर्वानुमान है. इसके अलावा जिला मंडी, ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर और चंबा में अगले 5 दिनों तक देर रात और सुबह के समय जमीन पर पाला जमने का भी पूर्वानुमान है.
हिमाचल प्रदेश: HRTC की पहली महिला चालक सीमा ठाकुर के साथ क्या हुआ, क्यों वह 6 माह से ड्यूटी पर नहीं आ रही?
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हिमाचल प्रदेश: HRTC की पहली महिला चालक सीमा ठाकुर के साथ क्या हुआ, क्यों वह 6 माह से ड्यूटी पर नहीं आ रही?
हिमाचल प्रदेश में एचआरटीसी की लगेज पॉलिसी (Hrtc Luggage Policy) के बाद अब पहली महिला चालक सीमा ठाकुर (Hrtc Women Driver Seema Thakur) सुर्खियों में है. वह बीते छह महीने से ड्यटी पर नहीं आ रही हैं. सोशल मीडिया पर सूबे के वकील विनय शर्मा ने इस पर सवाल उठाए तो अब एचआरटीसी प्रबंधन की तरफ से भी इस पर जवाब आया है. एचआरटीसी प्रबंधन ने बताया कि वह बीते छह महीने से वे ड्यूटी पर नहीं आ रह हैं. उधर, न्यूज18 ने सीमा ठाकुर से फोन पर संपर्क करना चाहा, लेकिन उनका नंबर बंद आया.
हिमाचल पथ परिवहन निगम शिमला के कार्यकारी निदेशक डॉ. मुरारी लाल ने बताया कि सीमा ठाकुर ने 05 मई, 2016 को शिमला लोकल यूनिट में बतौर चालक अपनी सेवाएं शुरू की थी. इस बीच वोल्वो बस चलाने के लिए ट्रैनिंग को लेकर 17 से 21 अक्टूबर, 2022 तक बैंगलुरु भेजा गया था. बाद में जब ट्रेनिंग से वह लौटी तो उन्हें इच्छानुसार वोल्वो बस में चालक के रूप में तैनात किया गया. हालांकि, वोल्वो बस संचालन के दौरान उनकी ओर से दो गंभीर दुर्घटनाएं तथा दो अन्य लापरवाही से संबंधित मामले सामने आए. ये सभी मामले यात्रियों की सुरक्षा से जुड़े थे और इन्हें किसी भी परिस्थिति में अनदेखा नहीं किया जा सकता.
प्रबंधन ने बताया कि सामान्य हालात में इस प्रकार की लापरवाही के मामलों में चालकों को निलंबित किया जाता है. हालांकि, विभाग ने महिला कर्मचारी होने के मद्देनजर नरम रुख अपनाते हुए उन्हें निलंबित नहीं किया. इसी वजह से 8 जुलाई, 2024 को उन्हें शिमला के लोकल डिपो में ट्रांसफर कर दिया गया और स्थानीय बस सेवाओं में चालक के तौर पर ड्यूटी दी गई.
हालांकि, ट्रांसफर के बाद से सीमा ठाकुर ने ड्यूटी नहीं ज्वाइन की. इस दौरान विभाग ने उन्हें एक माह का अवकाश भी दिया. जो कि 1 अक्टूबर, 2024 को खत्म हो चुका है. बावजूद उन्होंने ना ड्यूटी ज्वाइन की और ना ही विभाग की तरफ से भेजे गए नोटिसों का जवाब दिया. फिलहाल, अब तक विभाग ने नरम रुख अपनाते हुए उनके खिलाफ सेवा नियमों के अंतर्गत अनुपस्थित रहने पर कोई कार्रवाई नहीं की है. प्रबंधन ने कहा कि पूरे मामले की वास्तविकता जाने बिना, इस प्रकार की पोस्ट या खबरों के माध्यम से किसी संस्था का दुष्प्रचार करना अत्यंत निराशाजनक है. इस प्रकार की पोस्ट या खबरें साझा करने से पहले निगम का पक्ष जानना बेहद आवश्यक है. तथ्यों और जानकारी के अभाव में इस प्रकार की अधूरी और भ्रामक खबरों को प्रकाशित करना पूर्णतः अव्यावसायिक (अनप्रोफेशनल) है. जनता को भ्रमित न होने देने के लिए निगम की ओर से अपना पक्ष स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया जा रहा है.
वकील ने क्या लिखा
हिमाचल प्रदेश की वीरभद्र सरकार में डिप्टी एडवोकेट जनरल रहे विनय शर्मा ने फेसबुक पर लिखा कि सीमा ठाकुर को लोकल रूट से हटाकर वॉल्वो बस थमाकर कटरा-शिमला रूट पर भेजा गया. यहां पर GPS से इनका रास्ता थोड़ा भटका, जो किसी का भी भटक सकता है, तो इन्हें घर बिठा दिया. बिना किसी कसूर के. अब यह बेटी पिछले छह महीने से घर बैठी है. बिना कसूर और बिना कोई जाँच के मंत्री लोग अपनी खुद की बेटियों के लिए कितने संजीदा हैं, लेकिन गरीब घर की बेटियों के साथ सौतेला व्यवहार कैसे करते हैं. इसका ताज़ा उदाहरण सीमा हैं.
कौन है सीमा ठाकुर
सीमा ठाकुर मूल रूप से सोलन के अर्की की रहने वाली हैं. उनके पिता भी एचआरटीसी में बस चालक रहे हैं. उन्होंने शिमला से ग्रेजुशन की पढ़ाई की थी और बाद में एचआरटीसी विभाग ज्वाइन किया था. वह प्रदेश की पहली महिला एचआरटीस चालक हैं. वह पहले सीमा में सरकारी टैक्सी चलाते थी, लेकिन बाद में सरकार ने उन्हें वोल्वो बसें चलाने की अनुमति दी थी.
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षाबलों का बड़ा ऑपरेशन, 5 आतंकियों को किया ढेर
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जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षाबलों का बड़ा ऑपरेशन, 5 आतंकियों को किया ढेर
सुबह-सुबह सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस को जानकारी मिली कि यहां आतंकी छिपे हो सकते हैं. सर्च ऑपरेशन के दौरान फायरिंग शुरू हो गई, जिसमें 5 आतंकी ढेर हुए हैं.
कुलगाम:जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में बृहस्पतिवार को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में कम से कम पांच आतंकवादी मारे गए. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि बुधवार आधी रात के बाद शुरू किए गए अभियान में सुरक्षा बल के दो जवान भी घायल हो गए हैं.
एक अधिकारी ने बताया कि संदिग्ध आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने बुधवार रात जिले के बेहिबाग इलाके के कद्देर गांव में घेराबंदी कर तलाश अभियान शुरू किया. उन्होंने बताया कि तलाश अभियान के दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर गोलियां चलाईं जिसके बाद सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की और अभियान मुठभेड़ में तब्दील हो गया.
अधिकारी ने बताया, ‘‘पांच आतंकवादियों के शव बाग में पड़े हैं लेकिन अभी तक उन्हें कब्जे में नहीं लिया गया है.''
पहले आतंकियों का गढ़ होता था दक्षिणी कश्मीर
बता दें कि एक वक्त में दक्षिणी कश्मीर लोकल आतंकी संगठन का गढ़ हुआ करता था. लेकिन अब वहां गिनती के आतंकी बचे हुए हैं और जो भी आतंकी बचे हैं, उन्हें ऑपरेशन ऑल आउट के तहत मार गिराया जाएगा
दिलजीत दोसांझ के बाद किस पंजाबी गायक के शोज पर काला साया? हिमाचल में धड़ाधड़ शो हो रहे कैंसिल, CM को लिखा 'लेटर'
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दिलजीत दोसांझ के बाद किस पंजाबी गायक के शोज पर काला साया? हिमाचल में धड़ाधड़ शो हो रहे कैंसिल, CM को लिखा 'लेटर'
दिलजीत दोसांझ के शोज के बाद एक और पंजाबी सिंगर के शोज पर काला साया मंडरा रहा है. हिमाचल प्रदेश में उनके एक के बाद एक लगातार म्यूजिक शो कैंसिल हो रहे हैं. सिंगर रंजीत बावा ने शो कैंसिल होने को लेकर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को शोसल मीडिया के जरिए पोस्ट लिखकर मदद की गुहार लगाई है. सिंगर ने सोशल मीडिया पर लिखा कि लोग शो रद्द करवाकर नफरत फैलाकर इसे राजनीतिक मुद्दा बना रहे हैं.
गायक रणजीत बावा ने अपने सोशल मीडिया हेंडल पर शो कैंसिल होने को लेकर पोस्ट लिखा है कि “नालागढ़ शो रद्द करवाकर कुछ लोगों ने नफरत फैलाकर इस बात का सबूत दे दिया है कि राजनीति खेलकर हिंदू-सिख का मुद्दा बना लो. जोड़ना सीखो, तोड़ना नहीं. यह देश सबका सांझा है, किसी एक का नहीं, जो जब जी चाहा रौला मचा लिया.”
रणजीत बावा ने आगे लिखा कि “मैं माननीय सीएम हिमाचल जी से निवेदन करता हूं कि हमारा तीसरा शो हिमाचल में रद्द हुआ, पिछले एक साल में. हमें कोई कमी नहीं है… पंजाब में ही बहुत शो हुए हैं. बस बात यह है कि आप इस नफरत को ज्यादा ओवर कर रहे हो, आप इन लोगों को थोड़ा समझाइए जो धर्म के नाम पर राजनीति खेलते हैं. कलाकार लोग लोगों के मनोरंजन के लिए होते हैं, लेकिन आप लोग अब नफरत का सबूत दे रहे हो.”
गौरतलब है कि, हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ में 3 दिवसीय जिला स्तरीय रेड क्रॉस मेला आयोजित किया जा रहा है. जो 13 दिसंबर से 15 दिसंबर तक आयोजित होना है. इसमें पंजाबी गायक रणजीत बावा परफॉर्मैंस देने जा रहे थे, लेकिन हिंदू संगठनों ने लगातार रैलियां निकालकर गायक का विरोध जताया था. जिसके बाद बावा का यह शो रद्द कर दिया गया. बताया जा रहा है कि रंजीत बावा ने “मेरा क्या कसूर” गाना गाया है. जिस पर हिंदू संगठनों को आपत्ति है.
उत्तर और मध्य भारत में जारी रहेगी शीत लहर, कोहरा बढ़ाएगा परेशानी
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उत्तर और मध्य भारत में जारी रहेगी शीत लहर, कोहरा बढ़ाएगा परेशानी
मौसम विभाग के अनुसार उत्तर और मध्य भारत में शीत लहर जारी रहेगी। हालांकि, अगले सप्ताह से शीत लहर का असर कम होने की संभावना है। वहीं, ओडिशा और मेघालय जैसे राज्यों में कोहरा परेशानी बना हुआ है।
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार उत्तर और मध्य भारत में लोगों को इस सप्ताह ठंड से राहत मिलने के कोई आसार नहीं हैं। आने वाले पांच दिनों तक उत्तर भारतीय राज्यों में शीत लहर जारी रहेगी। वहीं, मध्य भारतीय राज्यों में अगले तीन दिन तक शीत लहर जारी रहने के आसार हैं। हालांकि, शीत लहर रुकने पर भी ठंड कम होने की संभावना कम है। हवा की गति कम होने पर कोहरा गिरने और गलन बढ़ने की संभावना है।
आने वाले दिनों में आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल में भारी बारिश होने के आसार हैं। तमिलनाडु के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि केरल, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के कुछ हिस्सों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। मेघालय और ओडिशा जैसे राज्यों में कोहरा गिर रहा है। इसकी वजह से आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। आने वाले दिनों में उत्तर और मध्य भारतीय राज्यों में भी कोहरे का असर दिख सकता है।
दिल्ली की हवा खराब
दिल्ली में रविवार को न्यूनतम तापमान 4.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, लेकिन अभी तक शीत लहर की स्थिति नहीं बनी। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों के अनुसार शीत लहर की कोई स्थिति नहीं बनी। दिल्ली में रविवार को न्यूनतम तापमान 4.9 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया जो रात्रि के सामान्य तापमान से 3.1 डिग्री कम था। इससे पहले शनिवार को न्यूनतम तापमान आठ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
आईएमडी ने बताया कि रविवार को दिल्ली में अधिकतम तापमान 23.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 0.2 डिग्री कम था। साथ ही आर्द्रता का स्तर 91 से 45 प्रतिशत के बीच रहा। आईएमडी ने सोमवार को मध्यम कोहरे का अनुमान जताया है तथा अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। इस बीच दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम चार बजे 294 दर्ज किया गया जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है।
पंजाब और हरियाणा में शीतलहर का प्रकोप
पंजाब और हरियाणा में रविवार को ठंड का प्रकोप जारी रहा और फरीदकोट क्षेत्र का सबसे ठंडा स्थान रहा जहां न्यूनतम तापमान एक डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने यह जानकारी दी। पंजाब के गुरदासपुर और बठिंडा में भी रातें सर्द रहीं। गुरदासपुर में न्यूनतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस और बठिंडा में 4.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार पठानकोट में न्यूनतम तापमान 3.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि अमृतसर में यह 3.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। विभाग के मुताबिक लुधियाना में न्यूनतम तापमान 6.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि पटियाला में पारा 3.8 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया।
मौसम विभाग ने बताया कि हरियाणा के हिसार में न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि नारनौल में न्यूनतम तापमान तीन डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। भिवानी में भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है जहां न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि गुरुग्राम में न्यूनतम तापमान 5.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। विभाग ने बताया कि रोहतक में न्यूनतम तापमान 5.2 डिग्री और अंबाला में 5.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हरियाणा और पंजाब की साझा राजधानी चंडीगढ़ में न्यूनतम तापमान 4.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
कश्मीर में भीषण शीतलहर से राहत
घाटी में न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी होने से कश्मीर में शीतलहर से थोड़ी राहत मिली है। हालांकि यह हिमांक बिंदु से नीचे बना हुआ है। मौसम विभाग के अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। मौसम विभाग ने बताया कि ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 3.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया जो पिछली रात के शून्य से 4.6 डिग्री सेल्सियस नीचे से बेहतर है। इसमें कहा गया है कि स्कीइंग के लिए लोकप्रिय पर्यटन स्थल गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान 3.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो लगभग चार डिग्री की वृद्धि दर्शाता है।
मौसम विभाग के अनुसार वार्षिक अमरनाथ यात्रा के आधार शिविर पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 4.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जो पिछली रात की तुलना में तीन डिग्री अधिक था। पंपोर शहर के बाहरी इलाके में स्थित कोनीबाल घाटी का सबसे ठंडा स्थान रहा, जहां पारा शून्य से 5.2 डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया। कश्मीर के प्रवेशद्वार काजीगुंड में न्यूनतम तापमान शून्य से 4.0 डिग्री सेल्सियस नीचे, उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में 3.7 डिग्री सेल्सियस और दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग में 2.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार 21 दिसंबर तक मौसम मुख्यतः शुष्क रहने की संभावना है। हालांकि अगले तीन दिनों के दौरान घाटी में न्यूनतम तापमान में और गिरावट आने तथा कई स्थानों पर शीत लहर चलने का अनुमान है।
हिमाचल के CM के डिनर में परोसा गया जंगली मुर्गे का मीट, मचा बवाल, BJP ने की कार्रवाई की मांग
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हिमाचल के CM के डिनर में परोसा गया जंगली मुर्गे का मीट, मचा बवाल, BJP ने की कार्रवाई की मांग
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधायक सुधीर शर्मा ने राज्य के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में जंगली मुर्गे के शिकार पर पूर्ण रूप से बैन है. लेकिन मुख्यमंत्री के खाने के मेन्यू में जंगली मुर्गा भी था.
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के डिनर में जंगली मुर्गा परोसने पर बवाल मच गया है. मुख्यमंत्री बीते दिन शिमला के दूरदराज के क्षेत्र चौपाल के टिककर गांव के दौरे पर थे और रात को वहां पर एक स्थानीय व्यक्ति के घर पर उनका रात्रि भोज का कार्यक्रम रखा गया था. इस दौरान उनको जंगली मुर्गी का मीट परोसा गया. डिनर का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. इस मामले में बीजेपी ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को घेरना शुरू कर दिया. वहीं पूरे विवाद पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सफाई दी हैं. उन्होंने कहा कि ये ग्रामीणों का भोजन है. बीजेपी इससे ग्रामीणों का अपमान कर रही हैं. उन्होंने कहा कि मैं तेल युक्त व्यजनों व नॉन वेज खाता नहीं हूं. बीजेपी बेवजह मुद्दा बना रही हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा, "स्थानीय ग्रामीण मुझे देशी चिकन दे रहे थे, मैं इसे नहीं खाता - और एक चैनल इसे ऐसे प्रसारित कर रहा था जैसे मैं चिकन खा रहा हूं. नॉन-वेज खाना पहाड़ों में जीवन का हिस्सा है. जयराम ठाकुर इस पर बयान दे रहे हैं."
दरअसल राज्य में जंगली मुर्गी को खाना पूर्ण रूप से बैन है. बावजूद इसके मुख्यमंत्री के डिनर में जंगली मुर्गा भी शामिल थी. वहीं इसको लेकर बीजेपी भी हमलावर है और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. वायरल वीडियो में मुख्यमंत्री के अलावा स्वस्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ,अधिकारियों सहित अन्य लोगों भी मौजूद थे
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधायक सुधीर शर्मा ने इसको लेकर मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जंगली मुर्गी का शिकार करने पर भी पूर्ण रूप से प्रतिबंध है. लेकिन मुख्यमंत्री को जंगली मुर्गा परोसा गया. जो की निंदनीय है. प्रदेश में जंगली जानवरों और पक्षियों को सुरक्षित करने के लिए लोग जागरूक है. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ही जंगली मुर्गा खाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. जबकि हिमाचल में जंगली मुर्गे की सारी प्रजातियां वाइल्डलाइफ प्रोटक्शन एक्ट 1972 और वाइल्डलाइफ प्रोटक्शन अमेंडमेंट एक्ट 2022 के तहत शेड्यूल्ड वन में रखी गई है.शेड्यूल 1 में वही प्रजातियां रखी जाती हैं जो हाईली एंडेंजर्ड होती हैं. जिनका शिकार और किसी प्रकार से वध आपराधिक कृत्य माना जाता है. सजा का प्रावधान भी है. ऐसे में यदि प्रदेश के मुखिया ही जंगली मुर्गों को खाने के लिए प्रोत्साहन करेंगे तो किस तरह से इस प्रजाति को बचाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस तरह से जंगली मुर्गी को परोसे जाना कानूनी अपराध है. इस पर कार्रवाई होनी चाहिए.
'कंडक्टर ने सही काम किया...' HRTC ने बताया हीटर ले जा रहे छात्र का क्यों काटा था 264 रुपये टिकट?
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'कंडक्टर ने सही काम किया...' HRTC ने बताया हीटर ले जा रहे छात्र का क्यों काटा था 264 रुपये टिकट?
हिमाचल प्रदेश में सरकारी बसों में सामान का टिकट काटने पर लगातार विवाद हो रहा है. एचआरटीसी की लगेग पॉलिसी (HRTC Luggage Policy) को लेकर खासी चर्चा औऱ रोष है.कुकर और हीटर का टिकट काटने के मामले सामने आने के बाद अब एचआरटीसी प्रबंधन ने स्पष्टीकरण जारी किया है. प्रबंधन ने इस पूरे विवाद को लेकर कंडक्टर के काम को सही बताया और सफाई भी पेश की.
दरअसल, शिमला से धर्मशाला जा रहे मंडी के छात्र के पास हीटर और अन्य सामान था. युवक ने बताया कि कंडक्टर ने सामान का 264 रुपये किराया वसूला है. अब एचआरटीसी प्रबंधन ने सफाई देते हुए कहा कि शिमला से धर्मशाला के लिए रिकॉन्गपिओ डिपो की बस में 4 दिसंबर को दो छात्र बैठे थे. इस दौरान दोनों छात्रों के पास पांच बैग, 1 हीटर और एक टैबल था. रिकॉन्गपिओ के रिजनल मैनेजर ने अपने स्पष्टीकरण में लिखा कि लगेज पॉलिसी के अनुसार, 30 किलो सामान या फिर दो बैग किसी भी आकार के साथ ले जा सकते हैं. इनके पास 30 किलो से अधिक सामाना था और ऐसे में कंडक्टर ने सही टिकट काटा था और सोशल मीडिया पर भ्रामक प्रचार किया जा रहा है. ऐसे में स्पष्टीकरण जारी किया जा है.
मंडी के छात्र ने क्या बताया था
मंडी के सराज के छात्र मोहन लाल ने न्यूज18 से फोन पर बातचीत में कहा था कि हीटर का 264 रुपये का टिकट काटा गया था. वह सेंट्रल यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं और शिमला से धर्मशाला जा रहा थे. उन्होंने हीटर के टिकट काटने का विरोध भी किया था. इस मामले में हीटर और टिकट की तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी. इससे पहले, मंडी में भी एक कुकर का टिकट काटा गया था और पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने भी उस पर प्रतिक्रिया दी थी और सरकार पर निशाना साधा था.
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने टिकट विवाद पर कहा कि यह स्तर नेता प्रतिपक्ष का नहीं है. यह कोई मुद्दा ही नहीं है. विपक्ष दिमाग से खाली है. कुकर और हीटर के टिकट मामले की जांच में सामने आया है कि जो यात्री सफर कर रहे थे, उनके पास 30 किलो से ज्यादा सामान था. 30 किलोग्राम सामान तक का कोई टिकट नहीं लगता है.
क्या है एचआरटीसी की लगेग पॉलिसी
हिमाचल प्रदेश मे सुक्खू सरकार से पहले एचआरटीसी की बसों में सामान का किराया नहीं लगता था. लेकिन सुक्खू सरकार के गठन के बाद मुकेश अग्निहोत्री के पास परिवहन विभाग का जिम्मा सौंपा गया और वही यह लगेग पॉलिसी लाए. पॉलिसी लाते ही विवाद हो गया था. बाद में इसमें संशोधन किया गया. इसमें 0-5 किलो तक के सामान का एक चौथाई किराया, 6-40 किलो तक आधा टिकट और 41-80 किलो सामान का पूरा टिकट काटने का प्रावधान है.