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उत्तराखंड और हिमाचल के इन हिस्सों में अगले कुछ दिनों में हो सकती है बर्फबारी

उत्तराखंड और हिमाचल के इन हिस्सों में अगले कुछ दिनों में हो सकती है बर्फबारी नैनीताल, मसूरी, चकराता, मुक्तेश्वर, सुरकंडा, टिहरी, जोशीमठ आदि जगह शामिल है. केवल 23 और 24 ही नहीं बल्कि 27 और 28 दिसंबर को भी इन हिस्सों में बर्फबारी हो सकती है. दिल्ली एनसीआर में ठंड  का असर बढ़ने लगा है और इसके साथ ही सोमवार सुबह हुई हल्की बारिश ने ठंड और भी बढ़ा दी है. अब दिल्ली एनसीआर में बारिश होने के साथ ही पहाड़ों में एक बार फिर बर्फबारी शुरु होने वाली है. तो चलिए आपको बताते हैं कि आज और कल में उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के किन हिस्सों में बर्फबारी होने की संभावना है.  बता दें कि मौसम विभाग ने उत्तराखंड के कई हिस्सों में 23 और 24 दिसंबर को बारिश और बर्फबारी का अलर्ट जारी किया है. उत्तराखंड में 1800 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले हिस्सों में बर्फबारी होने की संभावना है. इनमें नैनीताल, मसूरी, चकराता, मुक्तेश्वर, सुरकंडा, टिहरी, जोशीमठ आदि जगह शामिल है. केवल 23 और 24 ही नहीं बल्कि 27 और 28 दिसंबर को भी इन हिस्सों में बर्फबारी हो सकती है. ऐसे में अगर आप भी न्यू ईयर की छुट्टियों के लिए पहाड़ों में जाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो अभी से ही अपनी डेस्टिनेशन तय कर लें.  वहीं हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भी बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है. मौसम विभाग के मुताबिक कलपा, कसौली, कुफरी, कुल्लु, मनाली, शिमला, सोलन और स्पिति में भी आज और कल बारिश और बर्फबारी हो सकती है. तो छुट्टियों के इस सीजन में आप भी अपनी डेस्टिनेशल डिसाइड कर लें और पैकिंग करते हुए गर्म कपड़े रखना न भूलें. 
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उत्तराखंड : पिथौरागढ़ के धारचूला में लैंडस्‍लाइड, नेशनल हाईवे बंद, दोनों ओर फंसे दर्जनों वाहन

उत्तराखंड : पिथौरागढ़ के धारचूला में लैंडस्‍लाइड, नेशनल हाईवे बंद, दोनों ओर फंसे दर्जनों वाहन नेशनल हाईवे बंद होने से लोगों को खासा परेशानी हो रही है. सड़क से मलबे को हटाने का काम तेजी से किया जा रहा है. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के धारचूला में लैंडस्‍लाइड की घटना हुई है. जिसके कारण नेशनल हाईवे बंद हो गया है. हाईवे बंद होने से दोनों और दर्जन वाहन फंस गए हैं. हाईवे से मलबा हटाने का काम तेजी से चल रहा है. जानकारी के अनुसार धारचूला तवाघाट नेशनल हाइवे पर ये लैंडस्‍लाइड हुई है और पहाड़ी दरकने से नेशनल हाइवे बंद हो गया है. गनीमत रही कि जिस समय पहाड़ दरक रहा था उस दौरान कोई वाहन यह से गुजर नहीं रहा था.बता दें कि अचानक पहाड़ी दरकने से नेशनल हाइवे जीरो प्वाइंट के पास बंद हो गया है.
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छत्‍तीसगढ़ के नारायणपुर में IED ब्‍लास्‍ट, 2 जवान घायल

छत्‍तीसगढ़ के नारायणपुर में IED ब्‍लास्‍ट, 2 जवान घायलछत्‍तीसगढ़ के नारायणपुर में IED ब्‍लास्‍ट की चपेट में आने से 2 जवान घायल हो गए.छत्‍तीसगढ़ के नारायणपुर में IED ब्‍लास्‍ट की चपेट में आने से 2 जवान घायल हो गए. घायलों जवानों को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है. फिलहाल जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक ये जवान सड़क निर्माण कार्य के सुरक्षा में तैनात थे. यह घटना कोहकमेटा थाना के तोके गांव की है. जहां IED नक्सलियों द्वारा प्लांट किया गया था. इसी IED ब्लास्ट की चपेट में आने से दोनों जवाल घायल हो गए.अबूझमाड़ मुठभेड़ पर सवालपिछले सप्ताह नारायणपुर जिले में हुई मुठभेड़ पर एक कार्यकर्ता और ग्रामीणों ने सवाल उठाए हैं. उनका दावा है कि मुठभेड फर्जी थी, जिसमें पुलिस ने सात नक्सलियों को मार गिराने का दावा किया था. उन्होंने दावा किया कि मारे गए लोगों में से पांच स्थानीय लोग थे जो खेतों में काम कर रहे थे. उन्होंने यह भी दावा किया कि अबूझमाड़ क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान एक लड़की समेत चार नाबालिग पुलिस की गोलीबारी में घायल हो गए.पुलिस ने किया क्या दावादावों को खारिज करते हुए पुलिस ने कहा कि चारों नाबालिग नक्सलियों की गोलीबारी में घायल हुए थे और नक्सलियों ने मुठभेड़ के दौरान उन्हें मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया था. पुलिस ने 12 दिसंबर को दावा किया था कि नारायणपुर और दंतेवाड़ा जिलों की सीमा पर दक्षिण अबूझमाड़ के कल्हाजा-दोंदरबेड़ा गांव की पहाड़ियों पर सुरक्षाकर्मियों की संयुक्त टीम के साथ मुठभेड़ में दो महिलाओं समेत सात नक्सली मारे गए. बाद में पुलिस ने बताया कि सभी सातों पर इनाम घोषित था.पुलिस ने बताया कि मारे गए माओवादियों में ओडिशा राज्य माओवादी समिति का सदस्य रामचंद्र उर्फ ​​कार्तिक उर्फ ​​दसरू शामिल था जिस पर 25 लाख रुपये का इनाम घोषित था और क्षेत्रीय समिति का सदस्य रमीला मदकम उर्फ ​​कोसी शामिल था, जिस पर पांच लाख रुपये का इनाम था. आदिवासी कार्यकर्ता सोनी सोरी ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘13 दिसंबर की रात को मुझे पता चला कि पुलिस की गोलीबारी में कुछ बच्चे घायल हो गए हैं, जिसके बाद मैंने 14 दिसंबर को इलाके का दौरा किया और घायल बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया.''नीय लोगों ने क्या कुछ बतायास्थानीय लोगों के अनुसार, 11 दिसंबर को सुबह करीब नौ बजे सुरक्षाकर्मियों ने उन पर तब गोलियां चलाईं, जब वे नारायणपुर जिले के रेखावाया पंचायत के अंतर्गत कुम्माम और लेकावाड़ा गांवों के पास पहाड़ियों पर खेतों में काम कर रहे थे. उन्होंने बताया कि उनमें से कुछ घायल हो गए, जबकि कई बच गए. उन्होंने बताया कि पुलिस ने मुठभेड़ में मारे गए लोगों को नक्सली बताकर तस्वीरें साझा कीं, जिसके बाद पता चला कि उनमें से पांच ग्रामीण थे जो अपने खेतों में काम कर रहे थे और केवल रामचंद्र और रमीला ही नक्सली थे.सोरी ने पुलिस पर नक्सलवाद को खत्म करने के नाम पर बच्चों सहित निर्दोष आदिवासियों को निशाना बनाने का आरोप लगाया. रामली के पिता ने रायपुर में ‘पीटीआई-भाषा' को बताया, 'पुलिस ने अंधाधुंध गोलीबारी की. मेरी बेटी खेल रही थी, तभी पुलिस की गोलीबारी में वह घायल हो गई, वहां कोई नक्सली मौजूद नहीं था.' वहीं, नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) प्रभात कुमार ने कहा कि नक्सलियों ने अपने वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की जान बचाने के लिए नाबालिगों सहित कुछ ग्रामीणों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया, जिसके कारण बच्चे घायल हो गए.  
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गाजियाबाद : दंपती ने किया सुसाइड, घर के अलग-अलग कमरे में मिले शव, मामले की जांच में जुटी पुलिस

गाजियाबाद : दंपती ने किया सुसाइड, घर के अलग-अलग कमरे में मिले शव, मामले की जांच में जुटी पुलिस पुलिस ने बताया कि उन्होंने व्यवसाय को पाटने के लिए लोन लिया था जिसे वो चुका नहीं पाए थे और ऐसे में परेशान होकर उन्होंने ये कदम उठाया. गाजियाबाद जिले के शालीमार गार्डेन क्षेत्र में कर्ज में डूबे एक व्यवसायी और उसकी पत्नी के शव उनके घर के अलग-अलग कमरों में फंदे से लटकते पाये गये. पुलिस ने यह जानकारी दी. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह घटना बुधवार सुबह सामने आई जब पंकज कुमार गुप्ता के पिता ने उन्हें फोन करने की कोशिश की. संदेह होने पर पंकज के पिता ने उसी कॉलोनी में रहने वाले अपने छोटे बेटे राजकुमार को मौके पर भेजा तो अंदर पंकज कुमार गुप्ता (51) और उनकी पत्नी रीना (48) के शव दो अलग-अलग कमरों में फंदे से लटके पाये गये. शालीमार गार्डन के थाना प्रभारी नरेंद्र कुमार ने कहा, 'सूचना मिलने पर हम मौके पर पहुंचे और कमरों से फिंगरप्रिंट और अन्य सुबूत इकट्ठा करने के लिए फॉरेंसिक साइंस टीम को बुलाया.' उन्होंने कहा कि पुलिस विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए मामले की जांच कर रही है. कुमार ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि पंकज ने अपने व्यवसाय में हुए घाटे को पाटने के लिये काफी कर्ज ले रखा था. पंकज दिल्ली में एक क्लब संचालित करते थे. इससे पहले, पंकज ने मल्टी-लेवल मार्केटिंग व्यवसाय में कदम रखा था, लेकिन उन्हें वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा था.  
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बाबा केदार के भुकुंट भैरव मंदिर में जूते पहन घुसा शख्स, मूर्ति से की छेड़छाड़, FIR

बाबा केदार के भुकुंट भैरव मंदिर में जूते पहन घुसा शख्स, मूर्ति से की छेड़छाड़, FIR रुद्रप्रयाग. शीतकाल के लिए बाबा केदार के कपाट बंद होने के बाद धाम में लोगों का जाना वर्जित होता है. ऐसे में केदारनाथ धाम के रक्षक कहे जाने वाले भुकुंट भैरव मंदिर से एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. यहां वीडियो में एक शख्स चोरी करते हुए दिखाई दे रहा है. वीडियो में शख्स जूते पहनकर मूर्तियों से छेड़छाड़ करता है, फिर मूर्तियों के आसपास कुछ टटोलने लगता है. काफी देर तक वहीं रहने के बाद व्यक्ति वहां से कुछ उठाकर चलते बनता है. वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया है. उसकी गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गई है. भुकुंट भैरव का मंदिर केदारनाथ से लगभग आधा किलोमीटर दूर है. यहां भैरव बाबा की मूर्ति खुले में स्थापित है. भुकुंट भैरव को केदारनाथ के रक्षक देवता के रूप में पूजा जाता है. मान्यता के अनुसार, केदारनाथ धाम के कपाट खोले जाने से पहले भैरव बाबा की पूजा की जाती है. बाबा केदार के शीतकालीन प्रवास पर आने आने के बाद धाम में सीमित लोग रहते हैं. इस बीच केदारनाथ के रक्षक भुकुंट भैरवनाथ मंदिर से एक व्यक्ति के चोरी करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. भुकुंट भैरव मंदिर के ठीक सामने लगे सीसीटीवी कैमरे में व्यक्ति की चोरी करने का वीडियो कैद हो गया. सोशल मीडिया पर वीडियो को लेकर लोगों द्वारा तरह-तरह के सवाल खड़े किए जा रहे हैं. केदारनाथ धाम में शीतकाल के लिए कपाट बंद होने के बाद सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. पंच पंडा समाज ने प्रशासन से मामले में ठोस कार्रवाई की मांग की है. आरोपी की जल्द गिरफ्तारी की मांगकेदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने इस बारे में कहा कि पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. हम उसकी जल्द गिरफ्तारी की मांग करते हैं. इस संबंध में केदारनाथ विकास प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यधिकारी योगेंद्र सिंह को भी अवगत करा दिया गया है. वहीं पंच पंडा समिति के अध्यक्ष अंकित शुक्ला ने शीतकाल में बाबा केदार के कपाट बंद होने के बाद धाम में गतिविधि पर रोक लगाने की मांग की है. वीडियो में दिखाई देने वाले व्यक्ति की पहचान एक मजदूर के रूप में हुई है. वीडियो वायरल होने के बाद दर्ज हुई FIRरुद्रप्रयाग के पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध कुमार घिल्डियाल ने कहा कि 17 दिसंबर को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक व्यक्ति जूते पहनकर हाथ में डंडा लिए भैरवनाथ मंदिर में मूर्तियों से छेड़छाड़ कर रहा है. चूंकि यह धार्मिक भावनाओं से जुड़ा हुआ मामला था, जिसे पुलिस ने तुरंत संज्ञान में लिया और आरोपी के खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया. युवक की शिनाख्त हो गई है. पुलिस ने एक टीम गठित की है, जो आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए निकल गई है.  
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उत्तराखंड में जनवरी से लागू हो जाएगा UCC, पोर्टल और मोबाइल ऐप भी तैयार, सीएम पुष्‍कर धामी का बड़ा ऐलान

उत्तराखंड में जनवरी से लागू हो जाएगा UCC, पोर्टल और मोबाइल ऐप भी तैयार, सीएम पुष्‍कर धामी का बड़ा ऐलान देहरादून : उत्तराखंड में अगले साल जनवरी से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू हो जाएगी. यह घोषणा खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को की. देहरादून में उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड (यूआईआईडीबी) की बैठक के दौरान धामी ने कहा कि राज्य सरकार अपने संकल्प के अनुसार, समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने की दिशा में ‘होमवर्क’ पूरा कर चुकी है और जनवरी 2025 से इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा. इसके साथ ही उत्तराखंड आजादी के बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला प्रदेश बन जाएगा. इस संबंध में धामी ने कहा कि मार्च 2022 में उत्तराखंड में नयी सरकार बनने के बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही प्रदेश में यूसीसी लागू करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्णय लिया गया था. उन्होंने कहा कि इसी क्रम में सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर सात फरवरी 2024 को राज्य विधानसभा में समान नागरिक संहिता विधेयक-2024 पारित किया गया. धामी ने कहा कि विधेयक पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सहमति मिलने के बाद 12 मार्च 2024 को इसकी अधिसूचना जारी की गई. उन्होंने कहा कि अब समान नागरिक संहिता अधिनियम की नियमावली भी तैयार कर ली गई है और उत्तराखंड जनवरी से यूसीसी को लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. मुख्यमंत्री ने कहा, ”उत्तराखंड का समान नागरिक संहिता कानून ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ की मूल भावना पर अमल करते हुए समाज को नयी दिशा देगा. यह कानून खासकर देवभूमि की महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण के नये द्वार खोलेगा.” उन्होंने अधिकारियों को यूसीसी के प्रावधान लागू करने के लिए कर्मियों को समुचित प्रशिक्षण देने के साथ ही सभी तरह की आधारभूत सुविधाएं जुटाने के निर्देश देते हुए कहा कि अधिक से अधिक सेवाओं को ऑनलाइन रखते हुए जनसामान्य की सहूलियत का ख्याल रखा जाए. धामी ने कहा कि जनसामान्य की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए एक पोर्टल और मोबाइल ऐप भी तैयार किया गया है, ताकि पंजीकरण और अपील सहित अन्य सुविधाएं ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध हो सकें.  
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स्पीड ब्रेकर पर हवा में उड़तीं गाड़ियां, 15 मिनट में 7 हादसे, देहरादून की सड़कों पर ये हो क्या रहा है

स्पीड ब्रेकर पर हवा में उड़तीं गाड़ियां, 15 मिनट में 7 हादसे, देहरादून की सड़कों पर ये हो क्या रहा है देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल के अनुसार कई जगहों पर स्पीड ब्रेकर बनाए गए थे. वहां पर साइन बोर्ड और स्पीड ब्रेकर पर पेंट किया गया. लेकिन देहरादून के क्लॉक टावर के पास बने स्पीड ब्रेकर पर नहीं किया गया, जो की लापरवाही है. देहरादून की एक सड़क पर ऐसा स्पीड ब्रेकर बनाया गया है, जिसकी वजह से कई हादसे हो रहे हैं. इस स्पीड ब्रेकर को पार करते हुए टू व्हीलर से लेकर कारे हवा में उड़ रही है. वाहनों की गति को कम करने की जगह स्पीड ब्रेकर हादसे का कारण बन रहा है. मात्र 15 मिनट में इस स्पीड ब्रेकर की वजह से 7 दुर्घटनाएं हुई हैं. हादस के वीडियो वायरल होने के बाद राज्य के लोक निर्माण विभाग की आंख खुली और लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज पांडे ने इस बात का संज्ञान लेते हुए एक पत्र जारी किया है. स्पीड ब्रेकर की वजह से एक 3 साल का बच्चा भी हादसे का शिकार हो गया. बच्चा अपनी मां के साथ स्कूटी पर जा रहा था लेकिन स्पीड ब्रेकर इतना ऊंचा था कि वह उछलकर साइड में गिर गया. जिसकी वजह से उसको चोट आई है. इसके अलावा देर रात स्पीड ब्रेकर में कई टू व्हीलर और फोर व्हीलर अपनी स्पीड कंट्रोल नहीं कर पाए जिसकी वजह से एक्सीडेंट होते गए. देहरादून के क्लॉक टावर के पास यह स्पीड ब्रेकर रेड लाइट एरिया में बनाया गया है. ये स्पीड ब्रेकर तय मानक के मुताबिक नहीं बना हैं. स्पीड ब्रेकर पर निशान नहीं बनाया गया है. स्पीड ब्रेकर के कारण 7 से ज्यादा हादसे हुए हैं. कुछ स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि स्पीड ब्रेकर के कारण बारिश में यह सारा पानी ब्लॉक होगा. इंजीनियर से स्पष्टीकरण मांगा लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज पांडे ने पत्र में लिखा कि मीडिया के माध्यम से संज्ञान में आया है कि देहरादून शहर में अनेक स्थानों पर यातायात के नियमों एवं मानकों को बिना ध्यान में रखे स्पीड ब्रेकर (गति अवरोधक) बनाए गए हैं. लेकिन इससे असुविधा हो रही है. दुर्घटना की आशंका भी बनी हुई है. पंकज कुमार पांडे ने लोक निर्माण विभाग के प्रमुख इंजीनियर से तत्काल स्पष्टीकरण मांगा है और यह पूछा है कि इन स्पीड ब्रेकर्स को बनाते हुए यातायात के मानकों को ध्यान में क्यों नहीं रखा गया. इस वजह से हो रहे हादसे स्थानीय लोगों का कहना है कि स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं. लेकिन कोई ऐसा निशान नहीं लगाया गया है, जिससे यह पता चले कि इस सड़क पर स्पीड ब्रेकर है. स्पीड ब्रेकर पर कोई व्हाइट लाइन भी नहीं बनाई गई है. स्पीड ब्रेकर से वाहनों की ओवर स्पीड को कंट्रोल किया जाता है. एक्सीडेंटल प्रोन एरियाज पर इन्हें बनाया जाता है. ताकि वहां से गुजरने वाले वाहनों की गति को कम किया जा सके. जब वाहन इसके ऊपर से जाते हैं, तो स्पीड कम हो जाता है. वाहन चलाने वाले लोगों को स्पीड ब्रेकर का पता चल सके, इसके लिए स्पीड ब्रेकर के ऊपर पीले और सफेद रंग का निशाना बनाया जाता है. साथ ही साइन बोर्ड भी बनाया जाता है. जिससे पता चले कि यहां पर स्पीड ब्रेकर है.देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल का कहना है कि सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में निर्णय लिया गया था कि ओवर स्पीड को रोकने के लिए स्पीड ब्रेकर बनाए जाए. एक्सीडेंटल प्रोन एरियाज पर स्पीड ब्रेकर बनाने का निर्णय लिया गया था. जिलाधिकारी का कहना है कि नियम फॉलो होने चाहिए थे. अगर स्पीड ब्रेकर बनाए हैं तो उसे पर निशाना लगाने चाहिए या उसके आसपास साइन बोर्ड होने चाहिए जिससे पता चले कि यहां पर स्पीड ब्रेकर है. कई जगहों पर स्पीड ब्रेकर बनाए गए थे. वहां पर साइन बोर्ड और स्पीड ब्रेकर पर पेंट किया गया. लेकिन देहरादून के क्लॉक टावर के पास बने स्पीड ब्रेकर पर नहीं किया गया, जो की लापरवाही है. ऐसे में संबंधित अधिकारियों को नोटिस दिया गया और जवाब देने को कहा गया है.
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उत्तराखंड में बनेगा ट्रांसजेंडर पर्सन्स कल्याण बोर्ड, बिजली पर भी मिलेगी सब्सिडी... कैबिनेट बैठक में 22 प्रस्तावों को मंजूरी

उत्तराखंड में बनेगा ट्रांसजेंडर पर्सन्स कल्याण बोर्ड, बिजली पर भी मिलेगी सब्सिडी... कैबिनेट बैठक में 22 प्रस्तावों को मंजूरी उत्तराखंड में ट्रांसजेण्डर समुदाय के हितों को देखते हुए ट्रांसजेण्डर पर्सन्स (प्रोटेक्शन ऑफ राइट) अधिनियम, 2019 की धारा-22 एवं ट्रांसजेण्डर पर्सन्स (प्रोटेक्शन ऑफ राइट) रूल्स, 2020 की धारा-10 के अन्तर्गत उत्तराखण्ड ट्रांसजेण्डर पर्सन्स कल्याण बोर्ड का गठन किए जाने की मंजूरी दी गई है. देहरादून: बुधवार को उत्तराखंड कैबिनेट बैठक में 22 प्रस्तावों पर कैबिनेट ने मंजूरी दी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मंजूरी दी गई. हालांकि, इसमें सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव है उत्तराखंड ट्रांसजेंडर पर्सन्स कल्याण बोर्ड बनाया जाना. इसके अलावा प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए आने वाले सभी मरीजों को अब एक समान पर्ची बनाने से लेकर बेड और एंबुलेंस का एक ही समान शुल्क देना होगा. राज्य मंत्रिमंडल ने सेब और नाशपाती का समर्थन मूल्य भी घोषित किया है. कैबिनेट ने बिजली बिल में छूट के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है. दरअसल, बिजली के बिल में सब्सिडी के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विचलन से मंजूरी दी थी. इसके बाद कैबिनेट ने अपनी औपचारिक तौर पर मंजूरी दे दी है. इस योजना में मैदानी क्षेत्रों में 1 किलोवाट और 100 यूनिट बिजली खर्च करने वालों को विद्युत दरों में 50% की सब्सिडी दी जाएगी. वहीं हिम आच्छादित क्षेत्र में घरेलू श्रेणी के 200 यूनिट प्रति माह के बल पर 50% की सब्सिडी दी जाएगी. उत्तराखंड राज्य में अब तक 30 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा चुकी है. वहीं यदि कोई इस योजना पर मिलने वाले लाभ का दुरुप्योग करता है तो उनसे दोगुना भूगतान भी वसूला जाएगा. सके अलावा उत्तराखंड में ट्रांसजेण्डर समुदाय के हितों को देखते हुए ट्रांसजेण्डर पर्सन्स (प्रोटेक्शन ऑफ राइट) अधिनियम, 2019 की धारा-22 एवं ट्रांसजेण्डर पर्सन्स (प्रोटेक्शन ऑफ राइट) रूल्स, 2020 की धारा-10 के अन्तर्गत उत्तराखण्ड ट्रांसजेण्डर पर्सन्स कल्याण बोर्ड का गठन किए जाने की मंजूरी दी गई है. वहीं राज्य के सेब और नाशपाती के उत्पादकों के लिए सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य की मंजूरी दी है जिसमें सी ग्रेड सेब का न्यूनतम समर्थन मूल्य 13 रुपए प्रति किलो और नाशपाती का 7 रुपये प्रति किलो घोषित किया गया है. इसके अलावा भविष्य में सी ग्रेड सेब, नाशपाती माल्टा गलगल पहाड़ी नींबू आदि का न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण वित्त विभाग की सहमति से किया जाएगा. वहीं राज्य के पांच राजकीय मेडिकल कॉलेज जिसमें देहरादून, श्रीनगर, हरिद्वार, हल्द्वानी, अल्मोड़ा है. इसके अलावा राज्य के अंडर कंस्ट्रक्शन राजकीय मेडिकल कॉलेज रुद्रपुर और पिथौरागढ़ हैं. इन सभी मेडिकल कॉलेज में अब इलाज के लिए आने वाले मरीजों को एक समान यूजर चार्ज लिया जाएगा. इसमें ओपीडी, आईपीडी पर्ची बनाने से लेकर बेड और एंबुलेंस का एक समान चार्ज लिया जाएगा.  
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उत्तराखंड में घुसने के लिए देना होगा ग्रीन टैक्स! कितना लगेगा, किसे मिलेगी छूट- जानिए हर एक बात

उत्तराखंड में घुसने के लिए देना होगा ग्रीन टैक्स! कितना लगेगा, किसे मिलेगी छूट- जानिए हर एक बात जानकारी के अनुसार इलेक्ट्रिक, सीएनजी, राज्य के नंबर प्लेट वाले वाहनों को ग्रीन टैक्स से छूट होगी. इसके अलावा सरकारी वाहनों, दमकल गाड़ियों और एंबुलेंस जैसे वाहनों से भी ग्रीन टैक्स नहीं वसूला जाएगी. देहरादून: आनेवाले समय में अगर आप उत्तराखंड जाते हैं तो आपको ग्रीन टैक्स देना पड़ सकता है. उत्तराखंड सरकार अन्य राज्य से प्रवेश करने वाले वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने की योजना पर काम कर रही है. उत्तराखंड सरकार ने ग्रीन टैक्स का एक प्रस्ताव केंद्र को भेजते हुए सलाह मांगी है.  अगर सबको सही रहता है तो जल्द ही उत्तराखंड में प्रवेश करने वाले वाहनों से ग्रीन टैक्स की वसूली की जाएगी. एक अंग्रेजी वेबसाइट पर छपी खबर के अनुसार राज्य की सीमा को पार करते ही स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) कैमरों के जरिए एक निश्चित राशि वाहन पर लगे फास्टैग वॉलेट से काट ली जाएगी. जल्द ही राज्य की सभी सीमाओं पर यह प्रणाली स्थापित की जाएगी.  क्या होता है ग्रीन टैक्स ग्रीन टैक्स को प्रदूषण या पर्यावरण टैक्स भी कहा जाता है. पर्यावरण को प्रदूषित करने वाली वाहनों पर ये टैक्स लगाया जाता है. इस टैक्स को प्रदूषण स्तर को रोकने और पर्यावरण अनुकूल विकल्पों के उपयोग को बढ़ावा देने की एक पहल के रूप में देखा जाता है. कितना लगेगा टैक्स उत्तराखंड राज्य में बाहर से आनेवाले वाहनों से  20 रुपये से 80 रुपये तक वसूले जा सकते हैं. दोपहिया वाहनों को ग्रीन टैक्स से छूट दी जा सकती है. जबकि थ्री व्हीलर पर 20 रुपये, चार व्हीलर पर 40 रुपये और मध्यम एवं भारी वाहनों पर क्रमश: 60 रुपये और 80 रुपये का टैक्स लगाया जाए सकता है. किन वाहनों को मिलेगी छूट जानकारी के अनुसार इलेक्ट्रिक, सीएनजी, राज्य के नंबर प्लेट वाले वाहनों को ग्रीन टैक्स से छूट होगी. इसके अलावा सरकारी वाहनों, दमकल गाड़ियों और एंबुलेंस जैसे वाहनों से भी ग्रीन टैक्स नहीं वसूला जाएगी. उत्तराखंड परिवहन विभाग इस प्रणाली को लागू करने के लिए एक निजी कंपनी को नियुक्त करने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए निविदा प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है.  
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कमाख्या देवी की धरती के बाद प्रभु जगन्नाथ के घर भी बीफ बैन की तैयारी, विपक्ष का भी मिला साथ

कमाख्या देवी की धरती के बाद प्रभु जगन्नाथ के घर भी बीफ बैन की तैयारी, विपक्ष का भी मिला साथ असम की राज्य सरकार ने बीफ (गोमांस) पर बैन लगा दिया है. यह नियम बुधवार से लागू हुआ. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)  नेता और राज्य के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा एक्स पर पोस्ट पर जानकारी देते हुए लिखा, ‘आज से होटलों, रेस्तरां, त्योहारों और सामुदायिक कार्यक्रमों में गोमांस की खपत पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. धार्मिक, सामाजिक और अन्य सार्वजनिक समारोहों में गोमांस नहीं परोसा जाएगा.’ राज्य सरकार ने इस प्रावधान को असम मवेशी संरक्षण अधिनियम 2021 में जोड़ने की भी बात कही. असम के मां कामख्या की धरती के बाद अब प्रभु जगन्नाथ की धरती पर भी गोमांस को बैन करने की मांग होने लगी है. ओडिशा में भाजपा की मोहन चरण माझी की सरकार भी बीफ बैन करने की बात कही है. असम द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर गोमांस खाने पर प्रतिबंध लगाने के एक दिन बाद ओडिशा सरकार ने गोहत्या और तस्करी के खिलाफ सख्त कानून विधानसभा में पेश करने की मांग की. राज्य के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा, ‘सरकार जल्द ही इस पर फैसला लेगी. विधानसभा में पहले से ही कुछ विधेयक लंबित हैं… प्रस्तावित कानून के तौर-तरीकों पर अभी भी काम किया जा रहा है. सख्त दंड की सिफारिशमत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास मंत्री गोकुलानंद मलिक ने कहा कि उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव की अध्यक्षता वाली एक समिति गायों की सुरक्षा, उनकी जनसंख्या वृद्धि और अपराधियों के लिए सख्त दंड के लिए सिफारिशें तैयार करेगी. खबर यह है कि समान पार्टी की राज्य सरकार (असम) द्वारा बीफ बैन के बाद सरकार उसने नियमों को लेकर संपर्क में है. हालांकि इस पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी. सरकार के साथ विपक्षराज्य सरकार की गोमांस पर बैन करने की बात पर विपक्ष ने हंगामा करना शुरू कर दिया. बीजेडी विधायक प्रमिला मलिक और कांग्रेस विधायक तारा प्रसाद बहिनीपति ने सरकार से सबसे पहले गोमांस निर्यात बंद करने की मांग की. बहिनीपति ने कहा कि गोमांस निर्यात बंद होने से गोहत्या स्वतः ही बंद हो जाएगी. उन्होंने कहा कि वे गोहत्या रोकने के लिए किसी भी कानून की योजना का विरोध नहीं करते हैं.  
राष्ट्रीय  उत्तर प्रदेश  उत्तराखंड 

आज 6 दिसंबर है...6 दिसंबर का दिन उत्तर प्रदेश के लिए ऐतिहासिक और संवेदनशील दिन माना जाता है

  आज 6 दिसंबर है...6 दिसंबर का दिन उत्तर प्रदेश के लिए ऐतिहासिक और संवेदनशील दिन माना जाता है, अयोध्या, संभल और मथुरा समेत पूरा यूपी हाई अलर्ट पर है। रात से ही संवेदनशील जगहों पर निगरानी की जा रही है। आज जुमा भी है, इसे देखते हुए संभल में पुलिस विशेष सतर्कता बरत रही है। DIG ने कल शाम संभल में फ्लैग मार्च निकाला। वहीं, मथुरा में ड्रोन कैमरे से शहर पर नजर रखी जा रही है। राम नगरी अयोध्या में पुलिस की तैनाती के साथ साथ सीसीटीवी से भी नजर रखी जा रही है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का मैसेज क्लीयर है किसी को भी उपद्रव करने की इजाजत नहीं है जो करेगा उसे भरना पड़ेगा। #Sambhal #SambhalMosqueRow #UPNews #BabriMasjid #6december #undekhikhaba #news
हरियाणा  उत्तराखंड 

देहरादून के डीएम सविन बंसल की संस्तुति के बाद आबकारी सचिव ने देहरादून-मसूरी रोड पर स्थित हयात होटल के बार का 24 घंटे का लाइसेंस रद्द कर इसे 12 घंटे कर दिया है

उत्तराखंड | देहरादून के डीएम सविन बंसल की संस्तुति के बाद आबकारी सचिव ने देहरादून-मसूरी रोड पर स्थित हयात होटल के बार का 24 घंटे का लाइसेंस रद्द कर इसे 12 घंटे कर दिया है. देहरादून के डीएम सविन बंसल ने कहा कि जिले में रात 11:00 बजे के बाद कोई भी बार, पब, क्लब संचालित नहीं किया जाएगा.
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