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अब अटेंडेंस के साथ लोकेशन भी बताना जरूरी... केंद्र सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टर्स पर क्यों की ये सख्ती...
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नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने देश के सभी मेडिकल कॉलेजों से उनके अस्पतालों की जीपीएस लोकेशन मांगी है. NMC ने 20 अप्रैल तक सभी कॉलेज से अपनी जीपीएस लोकेशन शेयर करने को कहा है.
केंद्र सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टर्स की अटेंडेंस यानी उपस्थिति को लेकर सख्त आदेश दिए हैं. इस आदेश के तहत अब डॉक्टरों को अपनी अटेंडेंस के साथ लोकेशन भी बतानी होगी.केंद्र ने डॉक्टर्स की अटेंडेंस को लेकर फेस आधारित आधार प्रमाणीकरण एप बनवाया है. इस एप को सभी डॉक्टरों को अपने मोबाइल में इनस्टॉल करना होगा. साथ ही डॉक्टरों को हॉस्पिटल आने के बाद एप के जरिये सेल्फी क्लिक करके देनी होगी.
इसी दौरान एप पर मौजूद GPS लोकेशन भी देनी होगी. App की खास बात ये है कि अस्पताल कैंपस के 100 मीटर के दायरे से बाहर होने पर यह मोबाइल एप अटेंडेंस को निरस्त कर देगा. नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने देश के सभी मेडिकल कॉलेजों से उनके अस्पतालों की जीपीएस लोकेशन मांगी है. NMC ने 20 अप्रैल तक सभी कॉलेज से अपनी जीपीएस लोकेशन शेयर करने को कहा है.
लोकेशन को मोबाइल एप के साथ जोड़ा जाएगा
बताया जा रहा है कि 24 अप्रैल से यह मोबाइल एप एक्टिव होगा. 30 अप्रैल तक सभी डॉक्टरों को app को अपने फोन में इंस्टॉल करना कंपल्सरी है. एप को डाउनलोड करने के बाद प्रत्येक उपयोगकर्ता को अपने आधार कार्ड से इसे लिंक करना होगा. 1 मई से सिर्फ इसी मोबाइल एप के जरिये मेडिकल कॉलेजों के संकाय सदस्यों की अटेंडेंस मान्य होगी. अभी तक सभी कॉलेजों में अंगूठे के निशान देकर हाजिरी लगाई जाती है.
NMC ने स्नातकोत्तर न्यूनतम मानक आवश्यकताएं 2023 के तहत कड़े नियम लागू किए हैं. अब मेडिकल कॉलेजों के फैकल्टी मेंबर्स की 75 प्रतिशत अटेंडेंस कंपल्सरी होगी. NMC ने कॉलेज के समय में निजी प्रैक्टिस पर भी रोक लगाई है. NMC की सख्ती के मेडिकल कॉलेजों में स्टूडेंट्स की अटेंडेंस में गिरावट आना बड़ा कारण माना जा रहा है.
दिल्ली में AAP नेता दुर्गेश पाठक के घर पर सीबीआई की रेड, सुबह से चल रही है छापेमारी
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आम आदमी पार्टी नेताओं ने गुरुवार को आरोप लगाया कि उनके वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक दुर्गेश पाठक के दिल्ली स्थित घर पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने छापा मारा है।
आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता दुर्गेश पाठक के घर पर सीबीआई छापेमारी कर रही है। सीबीआई ने दुर्गेश पाठक के खिलाफ विदेशी मुद्रा विनियमन (एफसीआरए) उल्लंघन का मामला दर्ज किया है और उसी के संबंध में आम आदमी पार्टी के नेता के आवास पर तलाशी ली जा रही है।
छापेमारी के बाद आप ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार गुजरात में अपने नेताओं को निशाना बनाने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। पार्टी ने इसे राजनीति से प्रेरित कदम बताया।
संजय सिंह ने बीजेपी पर बोला हमला
सांसद संजय सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि भाजपा और मोदी सरकार का गंदा खेल फिर से शुरू हो गया है। पहले भी AAP को रोकने का हर प्रयास किया गया। हमारे सबसे बड़े नेता को जेल में डाला, पंजाब और दिल्ली में छापे पड़े। आज फिर वैसी ही एक नापाक कोशिश की गई है। पार्टी के PAC सदस्य और गुजरात के सह प्रभारी दुर्गेश पाठक के घर पीएम मोदी ने CBI को भेज दिया है, इसलिए क्योंकि अरविंद केजरीवाल ने उन्हें गुजरात भेज दिया संगठन को मजबूर करने। गुजरात में AAP को 14 फ़ीसदी वोट मिले थे।
दुर्गेश पाठक के साथ है आपः संजय
संजय सिंह ने कहा कि गुजरात में भाजपा की हालत पतली है। गुजरात के लोगों को AAP से उम्मीद है. लेकिन इन्होंने डराने के लिए सीबीआई भेज दी।मोदी जी को गुजरात में हार की संभावना दिख रही है। इन्होंने पहले भी बहुत कोशिश कर ली, आगे भी जितनी कोशिश करनी है कर लें, हम डरने वाले नहीं हैं। आम आदमी पार्टी हर तरह से दुर्गेश पाठक और उनके परिवार के साथ खड़ी है।
संजय सिंह ने कहा कि मुझे पूरी जानकारी नहीं है कि किस मामले में यह रेड हुई है, लेकिन जो मामला बताया जा रहा है, यह राग तो बीजेपी लंबे समय से अलाप रही है। पाठक को गुजरात का सह प्रभारी बनाए जाने के बाद ही क्यों छापे हुए।
आतिशी ने भी बीजेपी पर बोला हमला
पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने एक्स पर पोस्ट किया, गुजरात में केवल आप ही भाजपा को चुनौती दे सकती है और यह छापेमारी उनकी हताशा को दर्शाती है। इतने वर्षों में भाजपा को यह समझ में नहीं आया कि हम उनकी धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। पिछले साल राजेंद्र नगर के पूर्व विधायक पाठक का नाम दिल्ली आबकारी नीति मामले में सीबीआई की चार्जशीट में शामिल किया गया था।
दिल्ली के कोर्टरूम में हुई जमकर लड़ाई, महिलाओं ने भी मारे लात-घूंसे
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दिल्ली के कोर्टरूम में हुई एक लड़ाई का वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में कई लोग कोर्ट परिसर में ही लड़ते दिख रहे हैं, जिसमें महिलाएं भी एक दूसरे पर लात-घूसें बरसा रही हैं।
दिल्ली के कोर्टरूम में हुई लड़ाई का एक वीडियो इन दिनों वायरल हो रहा है। दरअसल यह पूरा मामला एसईएम नॉर्थ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट कोर्ट का है। यहां कोर्टरूम में दो लोगों के बीच झगड़ा हो गया और विवाद इतना बढ़ गया कि हंगामा शुरू हो गया। बता दें कि यह कोर्ट व्यक्तिगत विवादों से जुड़े मामलों की सुनवाई करता है, जैसे धारा 107/151, यानी साधारण झगड़े से जुड़े केस। इसी बीच मामले की सुनवाई के दौरान ही दो लोग आपस में भिड़ गए और नौबत मारपीट तक आ गई। यह पूरा मामला कब का है और किन दो लोगों के बीच लड़ाई हुई है, यह अबतक साफ नहीं हो पाया है। हालांकि संभवत: ऐसा लग रहा है जैसे दो वकीलों के बीच यह लड़ाई हुई है।
सुर्खियों में रहा दिल्ली यूनिवर्सिटी
बता दें कि इससे पहले दिल्ली यूनिवर्सिटी में छात्रों और कॉलेज प्रशासन के बीच का विवाद खूब सुर्खियों में छाया रहा। दरअसल लक्ष्मीबाई कॉलेज की प्रिंसिपल का वीडियो सामने आया था, जिसमें वो क्लासरूम की दीवारों पर गोबर का लेप लगाते हुए दिख रही थीं। प्रिंसिपल प्रत्यूष वत्सला ने बताया कि यह काम एक संकाय सदस्य द्वारा शुरू की गई रिसर्च प्रोजेक्ट का हिस्सा है। उन्होंने खुद ही इस वीडियो को कॉलेज के शिक्षकों के साथ शेयर किया था, जिसमें उन्होंने बताया कि क्लासरूम को ठंडा रखने के लिए देसी तरीके अपनाए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रोजेक्ट का नाम है 'पारंपरिक भारतीय ज्ञान का उपोग करके तापीय तनाव नियंत्रण का अध्ययन।'
एक हफ्ते बाद शेयर करेंगी डिटेल
उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रक्रियाधीन है। मैं एक हफ्ते के बाद पूरी रिसर्च का डिटेल शेयर कर सकूंगी। रिसर्च ‘पोर्टा केबिन’ में की जा रही है। मैंने उनमें से एक पर खुद ही लेप लगाया है क्योंकि प्राकृतिक मिट्टी को छूने से कोई नुकसान नहीं होता। कुछ लोग पूरी जानकारी के बिना गलत सूचना फैला रहे हैं।’’ वीडियो में वत्सला कॉलेज कर्मियों की मदद से दीवारों पर गोबर का लेप लगाती नजर आ रही हैं। उन्होंने संदेश में लिखा, ‘‘जिनकी यहां कक्षाएं हैं, उन्हें जल्द ही ये कमरे नए रूप में मिलेंगे। आपके शिक्षण अनुभव को सुखद बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।’’
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ रहा गर्मी का सितम, जानें आने वाले दिनों में कैसा रहेगा मौसम का मिजाज?
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दिल्ली में बुधवार को अधिकतम तापमान 39.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो मौसम के औसत तापमान से 2.3 डिग्री सेल्सियस अधिक है. आज अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 40 डिग्री सेल्सियस और 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है.
दिल्ली-एनसीआर समेत लगभग पूरे उत्तर भारत में गर्मी का सितम दिखना शुरू हो चुका है. घरों के फैन फुल स्पीड पर फर्राटा भर रहे हैं, लोग अपने कूलर और एसी की सर्विस करा के उन्हें गर्मी का मार झेलने के लिए दुरुस्त कर रहे हैं. कहीं गर्मी से बुरा हाल है, तो कहीं मौसम अजीब सा रंग दिखा रहा है. आज देश के अलग-अलग हिस्सों में मौसम का मिजाज बदला-बदला सा नजर आएगा. उत्तर और पश्चिम भारत में भीषण गर्मी और लू ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है, जबकि पूर्वोत्तर और दक्षिणी राज्यों में बारिश और आंधी की संभावना बनी हुई है.
दिल्ली-एनसीआर में मौसम का क्या हाल
दिल्ली-एनसीआर में आज सुबह की शुरुआत भी हल्की ठंडी हवाओं के साथ हुई. लेकिन दोपहर में सूरज की तपिश बढ़ने के साथ ये ठंडी हवा गर्म हवाओं में तब्दील हो जाएगी. दिल्ली एनसीआर में आज मौसम गर्म रहेगा. आईएमडी के अनुसार, आज के दिन अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 22 से 24 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है. हालांकि आसमान साफ ही रहेगा, और हवा की गति 10-15 किमी प्रति घंटा रहेगी.
दिल्ली में बीते 24 घंटों में अधिकतम तापमान 39.1 °C और न्यूनतम तापमान 23.4 °C दर्ज किया गया. मौसम विभाग के अनुसार, अगले सात दिनों का पूर्वानुमान इस प्रकार है:
17 अप्रैल: न्यूनतम 25 डिग्री, अधिकतम 40 डिग्री, आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे.
18 अप्रैल: न्यूनतम 24 डिग्री, अधिकतम 40 डिग्री, दिन में तेज सतही हवाएं चलेंगी.
19 अप्रैल: न्यूनतम 25 डिग्री, अधिकतम 40 डिग्री, दिन में तेज सतही हवाएं चलेंगी.
20 अप्रैल: न्यूनतम 25 डिग्री, अधिकतम 40 डिग्री, दिन में तेज सतही हवाएं चलेंगी.
21 अप्रैल: न्यूनतम 25 डिग्री, अधिकतम 40 डिग्री, मुख्य रूप से आसमान साफ रहेगा.
22 अप्रैल: न्यूनतम 25 डिग्री, अधिकतम 40 डिग्री, मुख्य रूप से आसमान साफ रहेगा.
उत्तर प्रदेश में गर्मी की तपिश
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित अधिकांश हिस्सों में आज मौसम साफ जरूर रहेगा लेकिन गर्मी का सितम भी दिखेगा. इस दौरान अधिकतम तापमान 38 से 40 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 22 से 24 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा. साथ ही हवाएं 10-15 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी. पूर्वी उत्तर प्रदेश में हल्की नमी के कारण उमस बढ़ सकती है. फिलहाल आईएमडी ने बारिश की कोई संभावना नहीं जताई है.
राजस्थान में भीषण गर्मी, जैसलमेर में पारा 46 तक पहुंचा
पूर्वी राजस्थान में लू की चेतावनी जारी की गई है, जबकि पश्चिमी राजस्थान में छिटपुट धूल भरी आंधी की गुंजाइश बनी हुई है. अधिकतम तापमान 42 से 46 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा. राजस्थान में भीषण गर्मी का दौर जारी और बुधवार को जैसलमेर में 46 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया. दिन के समय जैसलमेर सबसे गर्म स्थान रहा. जैसलमेर के बाद फलौदी में अधिकतम तापमान 44.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. विभाग ने बताया कि बाड़मेर, गंगानगर, जोधपुर, चित्तौड़गढ़, चूरू और जालौर में क्रमश: 44.5 डिग्री, 44.3 डिग्री, 43.2 डिग्री, 43.0 डिग्री, 42.6 डिग्री और 42.3 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया. विभाग के अनुसार, राज्य में अन्य स्थानों पर दिन का तापमान 39 डिग्री सेल्सियस से 42 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा. विभाग ने बताया कि राज्य में गर्मी का दौर अभी जारी रहने का अनुमान है.
इस बार मानसून में जमकर बरसेंगे बदरा
IMD के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम मानसून मौसम में भारत में सामान्य से अधिक वर्षा होने की उम्मीद है, जिससे फसलों की अच्छी पैदावार की उम्मीद बढ़ गई है. आईएमडी ने कहा कि मानसून के दीर्घकालिक पूर्वानुमान के अनुसार, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर क्षेत्र के बड़े हिस्से में सामान्य से कम वर्षा होने का अनुमान है, जबकि मराठवाड़ा और उससे सटे तेलंगाना के कम वर्षा वाले क्षेत्रों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में सचिव एम रविचंद्रन ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘भारत में चार महीने (जून से सितंबर) के मानसून के मौसम में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है तथा कुल वर्षा दीर्घावधि औसत 87 सेमी का 105 प्रतिशत (पांच प्रतिशत की मॉडल त्रुटि के साथ) रहने का अनुमान है.'' दक्षिण-पश्चिम मानसून एक जून से 30 सितंबर तक सक्रिय रहता है.
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, ‘‘मानसून के दौरान सामान्य वर्षा की 30 प्रतिशत संभावना, सामान्य से अधिक वर्षा की 33 प्रतिशत संभावना तथा अत्यधिक वर्षा की 26 प्रतिशत संभावना है.'' आईएमडी के अनुसार, 50 वर्ष के औसत 87 सेंटीमीटर के 96 प्रतिशत से 104 प्रतिशत के बीच वर्षा को ‘सामान्य' माना जाता है. दीर्घावधि औसत के 90 प्रतिशत से कम वर्षा को ‘कम' माना जाता है, 90 प्रतिशत से 95 प्रतिशत के बीच को ‘सामान्य से कम', 105 प्रतिशत से 110 प्रतिशत के बीच को ‘सामान्य से अधिक' तथा 110 प्रतिशत से ज्यादा को ‘अधिक' वर्षा माना जाता है.
अप्रैल से जून के बीच दिखेगा गर्मी का कहर
मानसून के दौरान जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, तमिलनाडु, बिहार और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम वर्षा होने का अनुमान है. मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के बड़े हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है. ये देश के मुख्य मानसून क्षेत्र हैं जहां कृषि मुख्यतः वर्षा आधारित होती है. देश के कई हिस्से पहले से ही भीषण गर्मी से जूझ रहे हैं और अप्रैल से जून की अवधि में बहुत ज्यादा गर्मी पड़ने का अनुमान है. इससे बिजली ग्रिड पर दबाव पड़ सकता है और पानी की कमी हो सकती है.
मानसून भारत के कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है, जो लगभग 42.3 प्रतिशत आबादी की आजीविका का आधार है और देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 18.2 प्रतिशत का योगदान देता है.
कुल खेती योग्य क्षेत्र का 52 फीसदी हिस्सा वर्षा आधारित प्रणाली पर निर्भर है. यह देशभर में बिजली उत्पादन के अलावा पीने के पानी के लिए महत्वपूर्ण जलाशयों को फिर से भरने के लिए भी अहम है। इसलिए, मानसून के मौसम में सामान्य वर्षा का पूर्वानुमान देश के लिए एक बड़ी राहत है. हालांकि, सामान्य वर्षा का यह मतलब नहीं है कि पूरे देश में हर जगह एक समान बारिश होगी. जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षा आधारित प्रणाली की परिवर्तनशीलता और अधिक बढ़ जाती है.
वक्फ पर सुप्रीम बहस, सिब्बल और सिंघवी ने दी क्या बड़ी दलीलें, SC ने क्या कुछ कहा जानिए...
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कोर्ट ने कहा कि वह सरकार से पूछेगी कि क्या वक्फ बोर्ड और वक्फ काऊंसिल के लिए दो गैर मुस्लिम सदस्यों की आवश्यकता न्यूनतम सदस्य है या अधिकतम सदस्य.
सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अहम सुनवाई हो रही है. प्रधान न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने इस मामले में दो अहम पहलुओं पर विचार करने की बात कही. CJI खन्ना ने कहा, "हम दोनों पक्षों से दो बिंदुओं पर विचार करने को कहना चाहते हैं. पहला, क्या इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट को करनी चाहिए या इसे हाई कोर्ट को सौंप देना चाहिए? दूसरा, याचिकाकर्ता संक्षेप में बताएं कि वे क्या तर्क देना चाहते हैं." उन्होंने आगे कहा कि दूसरा बिंदु पहले मुद्दे पर निर्णय लेने में मदद कर सकता है.
कपिल सिब्बल ने क्या-क्या कहा? याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अपनी दलीलें पेश कीं. सिब्बल ने कहा कि यह संशोधन संविधान के अनुच्छेद 26 का उल्लंघन करता है, जो धार्मिक समुदायों को अपने धार्मिक मामलों के प्रबंधन की स्वतंत्रता देता है. उन्होंने सवाल उठाया, "कानून के मुताबिक, मुझे अपने धर्म की आवश्यक प्रथाओं का पालन करने का अधिकार है. सरकार कैसे तय कर सकती है कि वक्फ केवल वही लोग बना सकते हैं, जो पिछले पांच साल से इस्लाम का पालन कर रहे हैं?" सिब्बल ने यह भी तर्क दिया कि इस्लाम में उत्तराधिकार मृत्यु के बाद मिलता है, लेकिन यह कानून उससे पहले ही हस्तक्षेप करता है. उन्होंने अधिनियम की धारा 3(सी) का हवाला देते हुए कहा कि इसके तहत सरकारी संपत्ति को वक्फ के रूप में मान्यता नहीं दी जाएगी, जो पहले से वक्फ घोषित थी.
अभिषेक मनु सिंघवी ने क्या कहा? वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी दलीलें दीं और कहा, "हमने सुना है कि संसद की जमीन भी वक्फ की है. वहीं, CJI खन्ना ने जवाब दिया, "हम यह नहीं कह रहे कि सभी वक्फ गलत तरीके से पंजीकृत हैं, लेकिन कुछ चिंताएं हैं." उन्होंने सुझाव दिया कि इस मामले की सुनवाई हाई कोर्ट को सौंपी जा सकती है. सिब्बल की दलीलों पर CJI ने कहा, "ऐसे कितने मामले होंगे? मेरी समझ से व्याख्या आपके पक्ष में है. अगर किसी संपत्ति को प्राचीन स्मारक घोषित करने से पहले वक्फ घोषित किया गया था, तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा."
असदुद्दीन ओवैसी सहित 72 याचिका दायर की गई हैइस मामले में AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB), जमीयत उलमा-ए-हिंद, DMK, और कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी व मोहम्मद जावेद सहित 72 याचिकाएं दायर की गई हैं. केंद्र सरकार ने 8 अप्रैल को एक कैविएट दायर कर कोर्ट से अपील की थी कि कोई भी आदेश पारित करने से पहले उनकी बात सुनी जाए. सुनवाई अभी जारी है और इस मामले पर अगली सुनवाई की तारीख जल्द तय की जाएगी.
दिल्ली मेयर चुनाव 2025: BJP क्यों ही इतनी खुश है, समझिए पूरा नंबर गेम
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फरवरी 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद आप के कई पार्षद भाजपा में शामिल हो गए थे. यह भी ध्यान रहे कि स्वाति मालिवाल विवाद और पार्षदों के दल-बदल ने आप की स्थिति को और कमजोर किया है.
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव 25 अप्रैल 2025 को होंगे. दिल्ली विधानसभा चुनाव में 25 वर्षों बाद सत्ता में वापसी करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एमसीडी में भी अब स्थिति मजबूत दिख रही है. 274 सदस्यीय एमसीडी निर्वाचन मंडल में फिलहाल भाजपा के पास 135 पार्षदों का समर्थन है, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) के पास 119 पार्षद हैं. 12 सीटें वर्तमान में खाली हैं.
भाजपा की मजबूत स्थिति, आप के लिए चुनौती
इस बार के एमसीडी चुनाव में आप और कांग्रेस का गठबंधन नहीं होने से भाजपा को स्पष्ट लाभ मिलता दिख रहा है. वर्ष 2022 के एमसीडी चुनाव में आप ने 134 सीटें जीतकर भाजपा (104 सीटें) को पराजित किया था. हालांकि, मेयर चुनाव में क्रॉस वोटिंग के कारण आप के उम्मीदवार को मात्र तीन वोटों के अंतर से जीत मिली थी. फरवरी 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद आप के कई पार्षद भाजपा में शामिल हो गए थे. यह भी ध्यान रहे कि स्वाति मालिवाल विवाद और पार्षदों के दल-बदल ने आप की स्थिति को और कमजोर किया है.
मेयर चुनाव की प्रक्रिया
दिल्ली में विधायक और सांसद हर पांच वर्ष में चुने जाते हैं, लेकिन मेयर का चुनाव प्रत्येक वित्तीय वर्ष में होता है. चुनाव होने तक वर्तमान मेयर अपने पद पर बने रहते हैं. वर्तमान में आप के महेश खींची मेयर के पद पर हैं और चुनाव तक वह इस पद पर बने रहेंगे. पिछले वर्ष तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के कारण मेयर चुनाव स्थगित हो गया था. इस बार मेयर का पद अनारक्षित है, जिसके लिए कोई भी पार्षद नामांकन दाखिल कर सकता है.
चुनावी समीकरण और संभावनाएं
अधिक संख्याबल और पिछले विधानसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन के वजह से भाजपा मजबूत स्थिति में है. देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा मेयर और डिप्टी मेयर दोनों पदों पर कब्जा कर अपनी स्थिति और मजबूत करेगी या आप वापसी करके अपनी साख बचाएगी.
रॉबर्ट वाड्रा का ED दफ्तर में आज फिर सवालों से सामना, बोले- समय बदलेगा, तो उनको भी झेलना पड़ेगा
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रॉबर्ड वाड्रा ने कहा कि इस तरह के हमलों से हम और मजबूत होते हैं. मैं यहां ईडी के हर सवालों के जवाब देने आया हूं. मैं देश छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगा.
हरियाणा लैंड स्कैम से जु़ड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय(ED) लगातार दूसरे दिन भी रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ कर रही है. मंगलवार को उनसे 6 घंटे तक पूछताछ हुई थी. आज एक बार फिर से वह पूछताछ के लिए ED दफ्तर पहुंचे चुके हैं. ईडी की पूछताछ में शामिल होने से पहले रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि मैं कोई सॉफ्ट टारगेट नहीं हूं. ऐसे हमलों से हम और मजबूत होते हैं. साथ ही वाड्रा ने कहा कि जो आज मैं झेल रहा हूं ये उनको भी झेलना होगा. मैं ईडी के हर सवाल का जवाब दूंगा. हम वो लोग हैं जो हमेशा सच्चाई के लिए लड़ते हैं. ये तो सिर्फ समय की बात है, ये जरूर बदलेगा.
रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि हम किसी से नहीं डरते. हम लोगों के लिए लड़ते रहेंगे चाहे राहुल गांधी को संसद में रोका जाए या मुझे बाहर रोका जाए. हम सच्चाई के लिए लड़ते रहेंगे. बता दें कि हरियाणा लैंड स्कैम मामले में पूछताछ के लिए रॉबर्ट वाड्रा आज लगातार दूसरे दिन ईडी दफ्तर पहुंचे हैं. आज उनके साथ पत्नी और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौजूद रहीं.
लगातार दूसरे दिन ED कर रही पूछताछ
मंगलवार को ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा से 6 घंटे तक पूछताछ की थी. इस कार्रवाई को लेकर उन्होंने कहा था कि जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है और उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है. बता दें कि यह पूरा मामला साल 2018 का है. तौरू के रहने वाले सुरेंद्र शर्मा की शिकायत पर 1 सितंबर 2018 को गुरुग्राम के खेरकी दौला थाने में यह केस दर्ज किया गया था.
हरियाणा लैंड स्कैम के बारे में जानिए, क्या हुआ था?
वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने जमीन खरीदी थी
2008 में गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव में जमीन खरीदी थी
करीब 3 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी गई थी
कुछ समय बाद हरियाणा के नगर नियोजन विभाग का नोटफिकेशन
इसी जमीन के 2.71 एकड़ हिस्से पर एक कॉलोनी बसाने का प्लान
वाड्रा की स्काईलाइट कंपनी ने DLF के साथ समझौता किया
3 एकड़ जमीन 58 करोड़ रुपये में DLF को बेचने का समझौता
जमीन का सेल डीड DLF के पक्ष में रजिस्टर किया गया था
जमीन के सौदे में वाड्रा पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
रॉबर्ट वाड्रा पर क्या हैं आरोप?
रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी पर आरोप है कि उसने अन्य लोगों के साथ मिलकर धोखाधड़ी की थी. इस मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा को भी आरोपी बनाया गया है. आईपीसी की धारा 420, 120, 467, 468 और 471 के तहत इस मामले में केस दर्ज किया गया था.मामला दर्ज होने के बाद आईपीसी की धारा 423 के तहत नए आरोप जोड़े गए थे.
क्या है हरियाणा लैंड स्कैम?
शिकायतकर्ता का आरोप है कि वाड्रा की कंपनी ने फरवरी 2008 में गुड़गांव के शिकोहपुर में 3.5 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपये में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से खरीदी थी. कमर्शियल लाइसेंस पाने के बाद कंपनी ने उसी प्रॉपर्टी को डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेच दिया था. इसी मामले में ईडी वाड्रा की कंपनी पर वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही है.
दिल्ली में आज शाम 4 बजे से इन रास्तों पर जाने से बचें, परेशानी से बचने के लिए फॉलो करें ट्रैफिक एडवाइजरी..
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दिल्ली में आज आईपीएल मैच की वजह से कई जगहों पर यातायात प्रभावित रहेगा। ट्रैफिक पुलिस ने वाहनों के लिए ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है।
दिल्ली पुलिस ने बुधवार के लिए ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है। पुलिस ने बताया कि बुधवार को अरुण जेटली स्टेडियम में दिल्ली कैपिटल और राजस्थान रॉयल्स के बीच इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैच की वजह से कई जगहों पर यातायात बाधित रहेगा।
शाम चार बजे से इन रास्तों पर जाने से बचें
दिल्ली में आज होने वाले आईपीएल मैच में बड़ी भीड़ को आकर्षित करने की उम्मीद है। इसलिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने यात्रियों को स्टेडियम के आसपास की सड़कों से बचने के लिए कहा है। पुलिस ने कहा कि बहादुर शाह ज़फ़र मार्ग, जवाहरलाल नेहरू मार्ग और रिंग रोड राजघाट के पास शाम 4 से 11.30 बजे के बीच जाने से बचें।
केवल वैध पास वाले वाहन ही गाड़ी कर सकेंगे पार्क
ट्रैफिक एडवाइजरी में कहा गया है कि दर्शकों के आगमन के कारण स्टेडियम के आसपास के क्षेत्र में यातायात की भीड़ की उम्मीद की जाती है। लोगों को सलाह दी जाती है कि लोग स्टेडियम के आसपास के मार्गों से जाने से बचें। केवल वैध पास वाले वाहनों को स्टेडियम के पास निर्दिष्ट क्षेत्रों में पार्क करने की अनुमति दी जाएगी।
दिल्ली मेट्रों के इन स्टेशनों से जा सकते हैं स्टेडियम में
ट्रैफिक पुलिस ने कहा कि दर्शकों को सार्वजनिक परिवहन, विशेष रूप से दिल्ली मेट्रो का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। पुलिस ने कहा कि स्टेडियम के निकटतम मेट्रो स्टेशनों में दिल्ली गेट (गेट नंबर चार) और आईटीओ (गेट नंबर तीन और चार) दोनों वायलेट लाइन पर हैं। लोग मेट्रो से सफर कर सकते हैं।
ट्रैफिक पुलिस ने यह भी बताया कि बहादुर शाह ज़फ़र मार्ग, जवाहरलाल नेहरू मार्ग और रिंग रोड पर दरिया गंज से राजघाट और गुरु नानक चौक से दिल्ली गेट से शाम 4 बजे के बीच डरी गांज और रिंग रोड पर किसी भी भारी वाहन और बसों की अनुमति नहीं दी जाएगी।
नेशनल हेराल्ड केस स्पेशल कोर्ट में ट्रांसफर होने की प्रक्रिया में, मामले में क्यों आया नया मोड
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एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) से जुड़े चर्चित नेशनल हेराल्ड फ्रॉड केस में अब प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को लेकर बड़ा कदम उठाया है.
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ी कार्रवाई करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी और कांग्रेस ओवरसीज के प्रमुख सैम पित्रोदा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. यह पहला मामला है, जब सोनिया गांधी और राहुल गांधी को किसी चार्जशीट में आरोपी बनाया गया है. इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने सरकार पर हमला बोलते हुए इसे बदले की राजनीति बताया है. ये मामला विशेष अदालत में ट्रांसफर होने की प्रक्रिया में है.
2014 में कोर्ट ने जारी किया था समन
एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) से जुड़े चर्चित नेशनल हेराल्ड फ्रॉड केस में अब प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को लेकर बड़ा कदम उठाया है. यह मामला शुरुआत में सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दिल्ली की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और यंग इंडियन कंपनी के खिलाफ IPC की धारा 403, 406, 420 और 120B के तहत दर्ज किया गया था. 26 जून 2014 को अदालत ने आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला मानते हुए समन जारी किया था.
ट्रायल कोर्ट में अधूरी रह गई थी गवाही
ट्रायल कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान स्वामी की गवाही अधूरी रह गई थी. 11 फरवरी 2021 को गवाहों को बुलाने लिए Cr.P.C की धारा 244 के तहत एक अर्जी दी, जिसे अदालत ने यह कहते हुए बाद में विचार हेतु रखा कि पहले शिकायतकर्ता की गवाही पूरी होनी चाहिए. इसके खिलाफ उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया, जहां से 22 फरवरी 2021 को केवल उनके खिलाफ ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगी. लेकिन इसे लेकर दोनों पक्षों में भ्रम की स्थिति रही.
ED ने 9 अप्रैल को चार्जशीट दाखिल की
अब यह मामला एक नए मोड़ पर आ चुका है. चूंकि IPC की धारा 420 और 120B PMLA एक्ट के शेड्यूल ऑफेंस में शामिल है. ED ने इस मामले में 2021 में जांच शुरू की थी. जांच के बाद ED ने 9 अप्रैल 2025 को एक चार्जशीट दाखिल की, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और अन्य पर 5000 करोड़ रुपये से अधिक के मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया है.
PMLA की धारा 44(1)(c) के अनुसार, मनी लॉन्ड्रिंग का मामला और उससे संबंधित मूल अपराध एक ही विशेष अदालत में चलाया जाना चाहिए. इसी के तहत 15 अप्रैल 2025 को विशेष अदालत ने कहा कि दोनों मामलों की सुनवाई एक ही अदालत में होना जरूरी है. अब ED जल्द ही ट्रायल कोर्ट से मूल अपराध (प्रीडिकेट ऑफेंस) के मामले को विशेष अदालत में ट्रांसफर करने की अर्जी दाखिल करेगा. इस बीच, ट्रायल कोर्ट में अगली सुनवाई की तारीख 2 अगस्त 2025 तय की गई है.
एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) से जुड़े चर्चित नेशनल हेराल्ड फ्रॉड केस में अब प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को लेकर बड़ा कदम उठाया है.
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ी कार्रवाई करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी और कांग्रेस ओवरसीज के प्रमुख सैम पित्रोदा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. यह पहला मामला है, जब सोनिया गांधी और राहुल गांधी को किसी चार्जशीट में आरोपी बनाया गया है. इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने सरकार पर हमला बोलते हुए इसे बदले की राजनीति बताया है. ये मामला विशेष अदालत में ट्रांसफर होने की प्रक्रिया में है.
2014 में कोर्ट ने जारी किया था समन
एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) से जुड़े चर्चित नेशनल हेराल्ड फ्रॉड केस में अब प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को लेकर बड़ा कदम उठाया है. यह मामला शुरुआत में सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दिल्ली की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और यंग इंडियन कंपनी के खिलाफ IPC की धारा 403, 406, 420 और 120B के तहत दर्ज किया गया था. 26 जून 2014 को अदालत ने आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला मानते हुए समन जारी किया था.
ट्रायल कोर्ट में अधूरी रह गई थी गवाही
ट्रायल कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान स्वामी की गवाही अधूरी रह गई थी. 11 फरवरी 2021 को गवाहों को बुलाने लिए Cr.P.C की धारा 244 के तहत एक अर्जी दी, जिसे अदालत ने यह कहते हुए बाद में विचार हेतु रखा कि पहले शिकायतकर्ता की गवाही पूरी होनी चाहिए. इसके खिलाफ उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया, जहां से 22 फरवरी 2021 को केवल उनके खिलाफ ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगी. लेकिन इसे लेकर दोनों पक्षों में भ्रम की स्थिति रही.
ED ने 9 अप्रैल को चार्जशीट दाखिल की
अब यह मामला एक नए मोड़ पर आ चुका है. चूंकि IPC की धारा 420 और 120B PMLA एक्ट के शेड्यूल ऑफेंस में शामिल है. ED ने इस मामले में 2021 में जांच शुरू की थी. जांच के बाद ED ने 9 अप्रैल 2025 को एक चार्जशीट दाखिल की, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और अन्य पर 5000 करोड़ रुपये से अधिक के मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया है.
PMLA की धारा 44(1)(c) के अनुसार, मनी लॉन्ड्रिंग का मामला और उससे संबंधित मूल अपराध एक ही विशेष अदालत में चलाया जाना चाहिए. इसी के तहत 15 अप्रैल 2025 को विशेष अदालत ने कहा कि दोनों मामलों की सुनवाई एक ही अदालत में होना जरूरी है. अब ED जल्द ही ट्रायल कोर्ट से मूल अपराध (प्रीडिकेट ऑफेंस) के मामले को विशेष अदालत में ट्रांसफर करने की अर्जी दाखिल करेगा. इस बीच, ट्रायल कोर्ट में अगली सुनवाई की तारीख 2 अगस्त 2025 तय की गई है.
वक्फ एक्ट पर कानूनी लड़ाई शुरू, आज से सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई, विरोध में 70 से ज्यादा याचिकाएं
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सुप्रीम कोर्ट में आज से वक्फ संशोधन कानून पर अहम सुनवाई शुरू होगी। हाल ही में केंद्र सरकार ने वक्प बिल को संसद के दोनों सदनों से पारित कराने के बाद कानूनी रूप दिया है।
विपक्षी दलों के विरोध के बीच संसद से पारित होकर कानून बन चुके वक़्फ़ (संशोधन) एक्ट को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होगी। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। करीब 73 याचिकाएं वक्फ एक्ट के खिलाफ दायर की गई हैं। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख ओवैसी, एसोसिएशन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स के अरशद मदनी समेत कई लोगों ने याचिकाएं दाखिल की हैं। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अब तक 10 याचिकाओं को सूचीबद्ध किया है। इस मुद्दे पर कई नयी याचिकाएं भी शीर्ष अदालत में दायर की गई हैं जिन्हें सूचीबद्ध किया जाना है।
इस मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट दायर कर कोई भी आदेश पारित करने से पहले मामले की सुनवाई किए जाने का अनुरोध किया था। दरअसल, कविएट किसी पक्षकार द्वारा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में यह सुनिश्चित करने के लिए दायर की जाती है कि इसे सुने बिना कोई आदेश पारित नहीं किया जाए।केंद्र सरकार ने हाल में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को अधिसूचित किया था। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ( AIMPLB), जमीयत उलेमा-ए-हिंद, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK), कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी और मोहम्मद जावेद अन्य प्रमुख याचिकाकर्ता हैं।
7 अप्रैल को जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने दायर की थी याचिका
7 अप्रैल को चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल को याचिकाओं को सूचीबद्ध करने पर विचार करने का आश्वासन दिया था। एआईएमपीएलबी ने 6 अप्रैल को शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी। अधिवक्ता लजफीर अहमद के मार्फत दायर ओवैसी की याचिका में कहा गया है कि वक्फ को दिये गए संरक्षण को कम करना मुसलमानों के प्रति भेदभाव है और यह संविधान के अनुच्छेद 14 एवं 15 का उल्लंघन है।
उधर, वक्फ कानून के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक नया अभियान शुरू किया है जिसका नाम वक्फ बचाव अभियान दिया गया है। इस अभियान का पहला चरण कुल 87 दिनों तक चलेगा। यह 11 अप्रैल से शुरू हो चुका है और 7 जुलाई तक चलेगा। इसे साथ ही वक्फ कानून के विरोध में एक करोड़ लोगों के हस्ताक्षर लिए जाएंगे। इसके बाद अगली रणनीति तय की जाएगी।
वक्फ संशोधन बिल से जुड़ी अहम बातें
देश आजाद होने के बाद 1950 में वक्फ संपत्तियों की देखरेख के लिए कानूनी तौर पर एक संस्था बनाने की जरूरत महसूस हुई।
1954 में वक्फ एक्ट के नाम केंद्र सरकार ने कानून बनाया और सेंट्रल वक्फ काउंसिल का प्रावधान किया
1955 में इस कानून में बदलाव करते हुए हर राज्य में वक्फ बोर्ड बनाए जाने की शुरुआत हुई।
फिलहाल देश में करीब 32 वक्फ बोर्ड हैं। ये वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन और रखरखाव करते हैं।
कुछ प्रदेशों में शिया और सुन्नी मुस्लिमों के लिए वक्फ बोर्ड अलग हैं
1954 के इसी कानून में केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन बिल के जरिए बदलाव किया है।
वक्फ संशोधन बिल की टाइमलाइन
वक्फ (संशोधन) बिल, 2024 को लोकसभा में 8 अगस्त, 2024 को पेश किया गया था।
वक्फ (संशोधन) बिल को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को 8 अगस्त, 2024 को भेजा गया था
संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट 30 जनवरी, 2025 को प्रस्तुत की गई।
वक्फ (संशोधन) बिल को लोकसभा में 2 अप्रैल, 2025 को पारित किया गया।
वक्फ (संशोधन) बिल को राज्यसभा में 3 अप्रैल, 2025 को पारित किया गया।
दिल्ली में स्कूलों की मनमानी और फीस वसूली पर फायर हुईं सीएम रेखा गुप्ता, फोन लगाकर रद्द की मान्यता
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दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों की बढ़ती फीस को लेकर शिक्षा क्षेत्र में मनमानी चल रही है। इस पर सीएम रेखा गुप्ता ने सख्त एक्शन लिया है। सीएम रेखा गुप्ता ने स्कूली बच्चों और उनके अभिभावकों से मुलाकात की है। मनमानी करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई की है।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी और मनचाही फीस वसूली पर सख्त रुख अपनाया है। सीएम रेखा गुप्ता ने मंगलवार को दिल्ली के कुछ प्राइवेट स्कूलों में फीस बढ़ाए जाने के मुद्दे पर बच्चों और अभिभावकों से बात की। ऐसे में सीएम रेखा गुप्ता ने फोन लगाकर मनमानी करने वाले प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और रजिस्ट्रेशन रद्द करने की बात कही है।
स्कूल को भेजे जा रहे हैं नोटिस
सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि जिन स्कूलों के खिलाफ बच्चों के अभिभावकों ने असामान्य रूप से फीस वृद्धि की शिकायत की है, उन्हें नोटिस भेजे जा रहे हैं। इन सभी स्कूलों के खिलाफ जांच बैठाकर कार्रवाई की जाएगी।
सचिवालय बुलाकर रद्द किया जाए रजिस्ट्रेशन- सीएम गुप्ता
सीएम रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो भी डाला है। इस वीडियो में वह स्कूल के बच्चों और उनके परिजनों से बात करते हुए दिख रही हैं। ये वीडियो जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान का है। सीएम रेखा गुप्ता ने अपने सरकार के अधिकारियों को फोन पर निर्देश दिया, 'क्वीन मैरी स्कूल, मॉडल टाउन के पदाधिकारियों को सचिवालय बुलाइये और इनको कह दीजिए कि इनका जो स्कूल है, उसका रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा रहा है।'
बच्चों को स्कूल से निकाले जाने का मामला
इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो को जारी करते हुए सीएम रेखा गुप्ता ने कहा, 'क्वीन मैरी स्कूल, मॉडल टाउन से संबंधित एक मामला सामने आया, जिसमें बच्चों के परिजनों ने गलत तरीके से फीस वसूली और बच्चों को स्कूल से निकाले जाने की शिकायत दर्ज की है।'
बच्चों के अधिकारों के लिए खड़ी है दिल्ली सरकार
सीएम ने कहा, 'इस विषय पर तुरंत संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों को तत्काल जांच कर कड़ी और आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। दिल्ली सरकार शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता, समान अवसर और बच्चों के अधिकारों की रक्षा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है।'
बच्चों को मिले क्वालिटी शिक्षा
इसके साथ ही सीएम रेखा गुप्ता ने कहा, 'किसी भी प्रकार का अन्याय, शोषण या अनियमितता को लेकर जीरो टोलरेंस की नीति अपनाई गई है। इसमें कोई ढिलाई स्वीकार नहीं की जाएगी। हमारा संकल्प स्पष्ट है, हर बच्चे को न्याय, सम्मान और क्वालिटी शिक्षा मिलनी चाहिए।'
दिल्ली एयरपोर्ट: 15 अप्रैल से बंद हो रहा टर्मिनल-2, जानें दोबारा कब खुलेगा, तब तक कहां से मिलेगी फ्लाइट?
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दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 1 पर काम चल रहा है और यह पूरी क्षमता के साथ काम नहीं कर रहा है। 15 अप्रैल से यह पूरी क्षमता के साथ काम करने लगेगा। इसके बाद टर्मिनल 2 अगले आदेश तक बंद कर दिया जाएगा।
दिल्ली एयरपोर्ट का टर्मिनल-2 15 अप्रैल से अगले आदेश तक पूरी तरह से बंद हो जाएगा। ऐसे में सभी फ्लाइट टर्मिनल 1 से संचालित होंगी। दिल्ली एयरपोर्ट की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर यात्रियों की सुविधा के लिए यह जानकारी दी गई है। इसके साथ ही यात्रियों को सलाह दी गई है कि दिल्ली एयरपोर्ट से टिकट बुक करने से पहले सारी जानकारी हासिल कर लें और उसी अनुसार अपनी यात्रा प्लान करें।
दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के अधिकारियों ने उड़ानों में चढ़ने और उतरने से संबंधित एक बड़े बदलाव की घोषणा की है। इससे आईजीआई एयरपोर्ट से यात्रा करने वाले हजारों यात्री प्रभावित हो सकते हैं। एयरपोर्ट के एक्स हैंडल पर किए गए पोस्ट के अनुसार दिल्ली एयरपोर्ट का टर्मिनल 2 अगले कुछ दिनों के लिए बंद रहेगा, और सभी फ्लाइट टर्मिनल 1 में उतरेंगी और यहां से रवाना होंगी। यह बड़ा निर्णय टी-2 पर रखरखाव और मरम्मत के काम के चलते लिया गया है।
दिल्ली एयरपोर्ट का पोस्ट
दिल्ली एयरपोर्ट के अधिकारियों की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, "15 अप्रैल 2025 (0001 बजे) से, वर्तमान में टर्मिनल 2 से संचालित सभी फ्लाइट अगली सूचना तक टर्मिनल 1 पर स्थानांतरित हो जाएंगी। यह परिवर्तन टर्मिनल 2 पर नियोजित रखरखाव कार्य के कारण है, जो इस अवधि के दौरान उपयोग में नहीं रहेगा। कृपया आधिकारिक वेबसाइट पर अपनी फ्लाइट की स्थिति की जांच करें या संबंधित एयरलाइन से संपर्क करें।"
इंडिगो ने जारी की सलाह
एयरलाइंस इंडिगो ने भी असुविधा से बचने के लिए यात्रियों को एक सलाह जारी की, जिसमें बताया गया कि टर्मिनल 2 (टी 2) से पहले से निर्धारित सभी फ्लाइट अब 15 अप्रैल, 2025 से अगली सूचना तक टर्मिनल 1 (टी 1) से रवाना होंगी। इंडिगो ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे एयरपोर्ट जाने से पहले आधिकारिक वेबसाइट पर अपने टर्मिनल और फ्लाइट की स्थिति तथा अपनी यात्रा से संबंधित अन्य अपडेट अवश्य जांच लें।