Category
राज्य

ज्वैलर्स की दुकान पर ग्राहक बनकर आया चोर: 8 उंगलियों में सोने की अंगूठियां पहनकर भागा; घटना..

बालाघाट में तनु ज्वैलर्स में एक चोर ने ग्राहक बनकर चोरी की वारदात को अंजाम दिया। आरोपी ने दुकान से करीब 40 ग्राम सोने की आठ अंगूठियां चुरा लीं। घटना शनिवार शाम 7 बजे की है। मध्य प्रदेश के बालाघाट के सरस्वती नगर स्थित तनु ज्वैलर्स में एक अज्ञात चोर द्वारा दोनों हाथ में सोने की 8 अंगूठी पहनकर फरार होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोपी ने दुकान से करीब 40 ग्राम आठ सोने की अंगूठियां चुरा लीं। घटना शनिवार शाम 7 बजे की है। पीड़ित द्वारा थाने में इसकी शिकायत की गई है। वहीं, अंगूठी खरीदी करने आए शख्स सीसीटीवी में कैद हो गया है। क्या है पूरी घटना? अज्ञात आरोपी सोने की अंगूठी और ब्रेसलेट खरीदने के नाम पर तनु ज्वेलर्स में पहुंचा था जहां उसने दुकानदार को 8 से 10 सोने की अंगूठी खरीदी करने की बात कही। लेकिन ज्वेलर्स की दुकान में उस समय अंगूठी पर्याप्त मात्रा में नहीं थी इसलिए उसने कुछ देर में अरेंज कर उपलब्ध कराने की बात कही। इसके पश्चात अज्ञात शख्स अपने घर चला गया। शाम को अंगूठी की व्यवस्था होने पर ज्वेलर्स ने संबंधित शख्स को फोन से संपर्क कर अपनी दुकान में बुलाया। लेकिन वह तब पंहुचा जब दुकान में अन्य ग्राहक नहीं थे और सिर्फ ज्वेलर ही मौजूद था। यूं दिया वारदात को अंजाम अज्ञात शख्स के पहुंचने पर उसने अंगूठी उसे दिखाने का प्रयास किया। अज्ञात शख्स ने अपने दोनों हाथों की उंगलियों में एक-एक कर 8 अंगूठियां सोने की लगभग 40 ग्राम 4 लाख कीमती की पहनी। पानी पिया और उसके लिए चाय भी मंगवाई गई। इस बीच अपने प्लान के अनुसार अज्ञात शख्स  पीक दान (थूकने) करने के लिए दो बार दुकान से बाहर आया। दुकानदार ने बताया कि इसी दौरान अचानक उसके घर से फोन आ गया जिस पर वह परिवार से बात करने लग गया। तब अज्ञात शख्स मौका पाकर दुकान से बाहर आया। भागते हुए वह अपनी बाइक के पास पहुंचा और स्टार्ट कर फरार हो गया। दुकान संचालक ने उसका पीछा किया लेकिन तब तक वह भाग चुका था। शाम लगभग 7 बजे घटित हुई इस सनसनीखेज घटना की शिकायत कोतवाली पुलिस में की गई है। मामले में कोतवाली पुलिस द्वारा जांच की जा रही है। वहीं दुकान में लगे सीसीटीवी में आरोपी ग्राहक बनकर बैठा हुआ दिखाई दे रहा है।
राज्य 

टेंटों पर चलाया बुलडोजर, हिरासत में किसान नेता.. पंजाब पुलिस ने 13 महीने बाद खाली कराया शंभू और खनौरी बॉर्डर

पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पिछले 13 महीने से हजारों किसान फसलों की एमएसपी समेत कई मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे. बुधवार दोपहर एक उम्‍मीद की किरण जागी, जब केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल ने किसान नेताओं को भरोसा दिलाया कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है. लेकिन शाम होते-होते किसान आंदोलन को बड़ा झटका लगा, जब पंजाब पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर से किसानों को खदेड़ दिया और उनके टेंटों पर बुलडोजर चला दिया. इससे पहले पुलिस ने किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल सहित कई किसान नेताओं को केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद लौटते समय मोहाली में हिरासत में ले लिया था, ताकि कोई बड़ा बवाल न खड़ा हो जाए. हालांकि, इसके बावजूद किसानों ने टेंटों को हटाने से रोकने का विरोध किया, लेकिन पुलिस पूरी तैयारी के साथ आई थी. पंजाब पुलिस ने बुधवार को पंजाब-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर किसानों द्वारा लगाए गए धरने को समाप्‍त करा द‍िया और टेंटों को तोड़ दिया. किसानों की एक बड़ी संख्या अपनी विभिन्न मांगों को लेकर यहां धरने पर बैठी थी.  शंभू बॉर्डर पर पुलिस की तैनाती काफी बढ़ा दी गई थी. पुलिस ने किसान मजदूर मोर्चा का कार्यालय और किसानों द्वारा बनाए गए पक्के मोर्चों को तोड़ दिया. पुलिस ने बुलडोजर चलाकर किसान मजदूर मोर्चा के कार्यालय और मंच को ध्वस्त कर दिया है. पुलिस की इस कार्रवाई के तहत शंभू बॉर्डर से किसानों को हटाया जा रहा है और धरने की पूरी व्यवस्था को ध्वस्त किया जा रहा है. पंजाब पुलिस की ओर से डीआईजी हरमिंदर सिंह गिल ने कहा कि अब तक 40 से 50 किसानों ने सरेंडर किया है. उन्होंने आगे बताया कि यदि कोई किसान गिरफ्तारी के लिए कहेगा, तो उसे गिरफ्तार किया जाएगा, जबकि अगर कोई छोड़ने की मांग करेगा तो उसे छोड़ दिया जाएगा. ऐसा नहीं है कि हमने उन्हें बंधक बना लिया है.  इससे पहले, शंभू बॉर्डर पर भारी पुलिस बल की तैनाती और दर्जनों एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और बुलडोजर की तैनाती को लेकर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि हम कहना चाहते हैं कि हमें मारे बिना यहां से मोर्चा खाली नहीं हो सकता है. हम पंजाब, हरियाणा के किसानों से कहना चाहते हैं कि एक-एक ट्रॉली यहां लेकर आ जाओ, यह मसला किसी न किसी ओर जाएगा. अंतिम सांस तक लड़ेंगे. सरकार बड़ी है, लेकिन जनता से बड़ी नहीं हो सकती है. किसानों की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों पर चर्चा के वास्ते किसान नेताओं और केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के बीच चंडीगढ़ में बुधवार को आयोजित सातवें दौर की बातचीत बेनतीजा रही. हालांकि, बाचतीत में शामिल केंद्रीय मंत्रियों ने किसानों के हित को सर्वोपरि बताया. तीन घंटे से अधिक समय तक चली बातचीत के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वार्ता जारी रहेगी और अगली बैठक चार मई को होगी. पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने किसानों को प्रदर्शन स्थलों से हटाए जाने को उचित ठहराते हुए कहा कि राज्य के लिए जीवनरेखा सरीखे दोनों राजमार्गों के लंबे समय तक बंद रहने से उद्योग और कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने किसान नेताओं को हिरासत में लेने की कड़ी निंदा की और आरोप लगाया कि पंजाब की ‘आप' सरकार केंद्र और किसानों के बीच वार्ता को ‘विफल' करने की कोशिश कर रही है. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने पंजाब पुलिस द्वारा कई किसान नेताओं को ‘धोखे से' हिरासत में लेने की निंदा की और इसे देश के अन्नदाताओं का ‘बड़ा अपमान' करार दिया, जो अपनी 'वैध' मांगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं. एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने यहां जारी एक बयान में कहा कि यह बेहद दुखद है कि जिन किसानों ने देश की प्रगति, समृद्धि और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, वे आज सरकारों की ‘किसान विरोधी' नीतियों के कारण पीड़ित हैं. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली कूच करने से रोके जाने के बाद पिछले साल 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू (शंभू-अंबाला) और खनौरी (संगरूर-जींद) सीमा पर डेरा डाले हुए थे.  
राज्य  पंजाब  चंडीगढ़ 

जम्मू कश्मीर: कठुआ के बिलावर में 3 लोगों के शव बरामद, इलाके में तनाव, केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह का सामने आया बयान

शवों की बरामदगी के बाद आज बिलावर बंद का आह्वान किया गया, जिससे सुबह से ही फिंटर चौक और बिलावर बाजार पूरी तरह बंद हैं। जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले के बिलावर क्षेत्र के लोहाई मल्हार इलाके में गुरुवार रात से लापता तीन लोगों के शव शनिवार को बरामद किए गए हैं। मृतकों की पहचान मरहून गांव के 35 वर्षीय जोगेश सिंह, देहोता गांव के 40 वर्षीय दर्शन सिंह और 14 वर्षीय बरून सिंह के रूप में हुई है। तीनों एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए निकले थे, जिसके बाद से वे लापता थे। क्या है पूरा मामला? शवों की बरामदगी के बाद आज बिलावर बंद का आह्वान किया गया, जिससे सुबह से ही फिंटर चौक और बिलावर बाजार पूरी तरह बंद हैं। स्थानीय लोग सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और दोषियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। पूरे क्षेत्र में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है, जिसके चलते पुलिस और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है। वहीं, विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाया गया है, जहां भाजपा विधायक सतीश शर्मा ने सरकार से जवाब मांगा है। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और भरोसा दिलाया है कि दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। वहीं, स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है और वे न्याय की मांग कर रहे हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री और क्षेत्र के सांसद डॉ जितेंद्र सिंह का सामने आया बयान केंद्रीय राज्य मंत्री और क्षेत्र के सांसद डॉ जितेंद्र सिंह का इस मामले पर बयान सामने आया है। उन्होंने इसे आतंकी घटना बताया है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, 'जिला कठुआ के बनी क्षेत्र में 3 युवाओं की आतंकियों द्वारा निर्मम हत्या अत्यंत दुखद होने के साथ-साथ एक बड़ी चिंता का विषय है। इस शांतिपूर्ण क्षेत्र में माहौल बिगाड़ने के पीछे गहरा षड्यंत्र दिखाई देता है। इस विषय में संबंधित अधिकारियों से हमारी चर्चा हुई है। केंद्रीय गृह सचिव स्वयं जम्मू पहुंच रहे हैं ताकि स्थिति का मौके पर जायजा लिया जा सके। मुझे विश्वास है, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और लोगों का विश्वास मजबूत बना रहे।'  
राज्य 

तिब्बत में एक महीने में 39 भूकंप, आखिर यहां की धरती बार-बार कांप क्यों रही है

चीन के कब्जे में आ चुके भारत का यह पड़ोसी क्षेत्र हमेशा से भूकंप को लेकर संवेदनशील रहा है. आखिर क्यों? चलिए जानते हैं. तिब्बत में पिछले दो दिनों के अंदर 4 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. पिछले एक महीने में तिब्बत में आए ऐसे भूकंपों की संख्या 39 है. नए साल की शुरुआत जब हुई तो रिक्टर स्केल पर आए 7.1 के भूकंप ने तिब्बत को दहला दिया, कम से कम 126 लोगों की मौत हो गई. चीन के कब्जे में आ चुके भारत का यह पड़ोसी क्षेत्र हमेशा से भूकंप को लेकर संवेदनशील रहा है. आखिर क्यों? चलिए जानते हैं. पहले आसान भाषा में समझते हैं कि भूकंप क्यों आता है.  भूकंप क्यों आता है? अपनी धरती की पूरी बाहरी सतह (क्रस्ट और ऊपरी मेंटल) 15 बड़ी और छोटी प्लेटों से बनी हुई है. ये प्लेट स्थिर नहीं हैं बल्कि बहुत धीरे इधर-उधर घूमती हैं. जब ये प्लेट मूव करते हुए एक-दूसरे से रगड़ खाती हैं, तब भूकंप आता है. यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे की वेबसाइट के अनुसार प्लेटें हमेशा धीरे-धीरे चलती हैं, लेकिन घर्षण (फ्रिक्शन) के कारण वे अपने किनारों पर अटक जाती हैं. इस कारण जब किनारे पर पड़ रहा तनाव घर्षण के फ्रोर्स से ज्यादा हो जाता है, तो एनर्जी रिलीज होती है. यह एनर्जी पृथ्वी की परत से होकर गुजरती है और हमें कंपन महसूस होता है. इसी कंपन को भूकंप आना कहते हैं और इसको रिक्टर स्केल पर नापते हैं. तिब्बत और नेपाल में हर समय भूकंप का खतरा क्यों रहता है? तिब्बत, नेपाल के साथ-साथ भारत के कई सीमावर्ती इलाकों में बार-बार भूकंप आने की वजह उनकी लोकेशन है. यह पूरा हिस्सा हिमालय जोन के उपर है. कई बड़े और जानलेवा भूकंपों के इतिहास के साथ, हिमालय दुनिया के सबसे भूवैज्ञानिक रूप से सक्रिय क्षेत्रों (जियोलॉजिकली एक्टिव जोन) में से एक बना हुआ है. यानी यहां की घरती के नीचे मौजूद प्लेट कुछ ज्यादा ही एक्टिव हैं, ज्यादा ही मूव करते हैं. हिमालय जोन के एक्टिव होने की वजह जानने के लिए हमें समझना होगा कि हिमालय बना कैसे. दरअसल हिमालय पर्वत श्रृंखला का निर्माण लगभग 40 से 50 मिलियन वर्ष पहले शुरू हुआ जब दो प्लेटें, यूरेशियन और भारतीय प्लेट एक दूसरे की ओर आईं और टकराने लगीं. चूंकि दोनों प्लेटें समान घनत्व (डेनसिटी) की थीं, जहां वे टकराईं वहां से जमीन ऊपर उठ गई और हिमालय बना. समय के साथ, यूरेशियन प्लेट नीचे खिसक गई, यानी यह भारतीय प्लेट के नीचे आ गई. यह प्रक्रिया आज भी जारी है. हिमालय जोन में बार-बार जो भूकंप आती हैं, वो मुख्य रूप से भारतीय और यूरेशिया प्लेटों के टकराव कारण आती हैं. दोनों 40-50 मिमी/वर्ष की रेलेटिव स्पीड (एक-दूसरे की तुलना में) एक दूसरे के उपर मूव कर रही हैं. जहां भारतीय प्लेट हिमालय के नीचे दब रही है, वहीं यूरेशियन प्लेट पामीर पर्वतों के नीचे दब रही है. एक स्टडी के अनुसार यूरेशियन प्लेट से टकराने वाली भारतीय प्लेट तिब्बत के नीचे धीरे-धीरे टूट रही है. यह "स्लैब टियर" एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें भारतीय प्लेट की ऊपरी परत अपनी सघन निचली परत से अलग हो जाती है, जिससे क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूकंपीय गतिविधि पैदा होती है. इस वजह से दोनों प्लेटों के जोड़ पर स्थिति पूरा क्षेत्र भूकंप को लेकर संवेदनशील है.  
राज्य 

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संभल जामा मस्जिद में पेंट करने की मांग वाली याचिका पर कमेटी का किया गठन

कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका पर विचार करते हुए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है जिसमें मस्जिद के मुतवल्ली को भी शामिल किया गया है. संभल की शाही जामा मस्जिद कमेटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक कमेटी का गठन किया. हाईकोर्ट से मस्जिद में पेंट करने की इजाजत मांगी गई थी. मस्जिद में पेंट करने की इजाजत वाली याचिका को लेकर अदालत ने एक कमेटी का गठन किया है. कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका पर विचार करते हुए तीन सदस्यीय कमेटी बनाया है. जिसमें मस्जिद के मुतवल्ली को भी शामिल किया गया है. इस कमेटी में एएसआई के सदस्य भी शामिल होंगे. आज सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि क्योंकि रमज़ान का महीना शुरू होने वाला है इसलिए मस्जिद में रंगाई पुताई की जरूरत है लेकिन इस दौरान मस्जिद में बिना किसी ढांचे को नुकसान पहुंचाए रंगाई पुताई कैसे होगी ये कमेटी की रिपोर्ट के बाद कोर्ट तय करेगी. अदालत इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई करेगी. जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच इस मुद्दे पर सुनवाई करेगी.  मंगलवार को मस्जिद कमेटी के आवेदन संख्या पर 4/2025 पर मुस्लिम पक्ष की तरफ से सीनियर अधिवक्ता एसएफ़ए नकवी ने अपना पक्ष कोर्ट में रखा था. जिसमें मस्जिद की रंगाई-पुताई और सफाई की अनुमति मांगी गई थी. उन्होंने कहा कि आवेदन पहले ही राज्य और प्रतिवादी पक्ष को सौंप दिया गया है.हिंदू पक्ष की तरफ से सीनियर अधिवक्ता हरि शंकर जैन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए थे.  गौरतलब है कि संभल की शाही जामा म​स्जिद कमेटी की प्रबंध समिति ने भारतीय पुरातत्व विभाग (एएसआई) के समक्ष आवेदन दा​खिल कर रमजान महीने में मस्जिद की रंगाई-पुताई और मरम्मत के लिए आवेदन दिया था जिसे एएसआई ने खारिज कर दिया था. इसके ​खिलाफ मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट में अर्जी दा​खिल की थी.  
राज्य 

देश के इन 10 राज्यों में आज भारी बारिश की चेतावनी, तेज हवाओं के साथ पड़ सकते हैं ओले

दिल्ली, हरियाणा और यूपी समेत देश के कई राज्यों में आज बारिश की संभावना है। जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी हो सकती है। मुंबई और गोवा में गर्मी का असर देखा जा सकता है। देश के कई राज्यों में मौसम का मिजाज बदल गया है। जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में जहां ताजा बर्फबारी हुई है वहीं, कुछ राज्यों में बारिश की गतिविधियां देखने को मिली हैं। उधर, महाराष्ट्र और गोवा में गर्मी ने असर दिखाना शुरू कर दिया है।  इन राज्यों में बारिश के साथ बर्फबारी का अलर्ट मौसम विभाग के अनुसार,  अगले 24 घंटे के दौरान जम्मू-कश्मीर-लद्दाख-गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा व बर्फबारी की संभावना है। 27 फरवरी से 1 मार्च के दौरान उत्तर प्रदेश, राजस्थान में गरज और बिजली के साथ हल्की से मध्यम बारिश स्तर की बारिश हो सकती है। 27 और 28 फरवरी को पंजाब और हरियाणा में तेज़ हवाएं (30-40 किमी प्रति घंटे की गति) चलने की संभावना है।   यहां पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना मौसम विभाग ने बताया कि 28 फरवरी को पंजाब में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है। 27 और 28 फरवरी को पंजाब और हरियाणा में अलग-अलग स्थानों पर ओलावृष्टि की भी संभावना है। इन राज्यों के अलावा 27 फरवरी यानी आज से दो मार्च तक तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, केरल और माहे में गरज के साथ बारिश हो सकती है।    देश में अगले 24 घंटे कैसा रहेगा तापमान मौसम विभाग की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, अगले 2 दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे 2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि और उसके बाद 2-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट की संभावना है। अगले 4-5 दिनों के दौरान भारत के बाकी हिस्सों में न्यूनतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण बदलाव की संभावना नहीं है। अगले 2 दिनों के दौरान गुजरात राज्य में अधिकतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण बदलाव होने की संभावना नहीं है और उसके बाद 2-3 डिग्री सेल्सियस की क्रमिक वृद्धि होने की संभावना है। इन जगहों पर पड़ेगी गर्मी  अगले 24 घंटे के दौरान गुजरात, मुंबई समेत महाराष्ट्र के कई जिले और गोवा में गर्मी का सितम देखा जा सकता है। 28 फरवरी तक इन राज्यों में मौसम गर्म रहेगा और लोगों को गर्मी से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।  दिल्ली में बढ़ी गर्मी, आज बारिश का अलर्ट दिल्ली में बुधवार को इस मौसम का अब तक का सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने बताया कि दिल्ली में इस वर्ष फरवरी में अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और यह 27 फरवरी 2023 को दर्ज किए गए अधिकतम तापमान के जितना है। जबकि फरवरी 2024 में अधिकतम तापमान इससे थोड़ा कम 29.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। मौसम विभाग ने दिल्ली में बृहस्पतिवार को आंधी-तूफान के साथ बारिश की संभावना जताई है और अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 26 और 18 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है।    
राज्य  हरियाणा  दिल्ली 

कंडक्टर पर हमला और दो राज्यों के बीच बस सेवा बंद, पढ़ें क्या है पीछे की पूरी कहानी

एमएसआरटीसी बस पर हमले के बाद महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने शनिवार को कर्नाटक में राज्य परिवहन की बसों को निलंबित करने का आदेश दिया. कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच बस सेवाएं फिलहाल निलंबित कर दी गईं हैं. कर्नाटक की राज्य परिवहन निगम की बस के एक कंडक्टर पर यात्री को मराठी में जवाब नहीं देने के कारण कथित रूप से हमला करने के बाद विवाद इतना बढ़ा कि दोनों राज्यों के बीच बस सेवा को निलंबित करना पड़ा है. यह घटना शुक्रवार को महाराष्ट्र की सीमा से लगे जिला मुख्यालय बेलगावी के बाहरी इलाके में हुई. पुलिस ने बताया कि मारपीट के संबंध में तीन को गिरफ्तार और एक नाबालिग को हिरासत में लिया गया है. वहीं बस कंडक्टर पर पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. पूरा मामला क्या है 51 वर्षीय बस कंडक्टर महादेवप्पा मल्लप्पा हुक्केरी ने बताया कि सुलेभवी गांव में अपने पुरुष साथी के साथ बस में चढ़ी एक लड़की मराठी में बात कर रही थी. उन्होंने लड़की से कहा कि वह मराठी नहीं जानते और कन्नड़ में बात करने को कहा. कंडक्टर ने कहा, “जब मैंने कहा कि मैं मराठी नहीं जानता तो उस लड़की ने मुझे गाली देते हुए कहा कि मुझे मराठी सीखनी चाहिए. इसके बाद अचानक बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए और मुझ पर हमला कर दिया.” पुलिस ने बताया कि घायल बस कंडक्टर को बेलगावी आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया है. पुलिस ने बताया कि उसे मामूली चोटें आई हैं और वह खतरे से बाहर है. पुलिस ने अब तक क्या किया पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “कंडक्टर पर हमले के सिलसिले में एक मामला दर्ज कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है और 1 को नाबालिग होने के कारण हिरासत में लिया गया है. वहीं दूसरे पक्ष से 14 वर्षीय नाबालिग द्वारा दर्ज करायी गयी शिकायत के आधार पर कंडक्टर के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत अपमानजनक टिप्पणी करने का मामला दर्ज किया गया है. पॉक्सो अधिनियम के मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. हमें जांच करनी होगी और आरोपों पर गौर करना होगा तथा उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.” बस सेवा क्यों निलंबित हुई बेलगावी पुलिस आयुक्त इदा मार्टिन मारबानियांग ने कहा कि कंडक्टर पर हमले के सिलसिले में फरार अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तीन निरीक्षकों के नेतृत्व में तीन टीमें गठित की गई हैं. घटना के बाद कन्नड़ समर्थक कार्यकर्ताओं ने शनिवार को बेलगावी-बागलकोट मार्ग को जाम कर विरोध प्रदर्शन किया और पुतले जलाए. महाराष्ट्र की बस पर कर्नाटक के समर्थन के बारे में लिख दिया.इससे तनाव बढ़ गया. हालांकि, पुलिस ने उन्हें वैन में भरकर वहां से हटा दिया. फिलहाल शाम 7 बजे से अगले आदेश तक दोनों राज्यों के बीच बस सेवा रोक दी गई है. हालात नियंत्रण में है. बातचीत से मामले को सुलझाने के प्रयास तेज हो गए हैं. वहीं पड़ोसी राज्य में एमएसआरटीसी बस पर हमले के बाद महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने शनिवार को कर्नाटक में राज्य परिवहन की बसों को निलंबित करने का आदेश दिया. उन्होंने कहा, "जब तक कर्नाटक सरकार इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट नहीं कर देती, कर्नाटक के लिए बस सेवाएं फिर से शुरू नहीं की जाएंगी."  
राज्य 

Maha Shivratri Special: 70 साल पुराने इस गीत के बिना अधूVरा है महाशिवरात्रि का त्योहार, शिव बारात का ऐसा अलौकिक वर्णन जो कर देगा मंत्रमुग्ध

महाशिवरात्रि 26 फरवरी बुधवार को पूरे देश में मनाई जा रही है. इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था. शिव बारात का 70 साल पुराना ये गाना आज भी खूब सुना जाता है. 26 फरवरी बुधवार को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी. महाशिवरात्रि हर साल फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इस दिन ज्यादातर लोग व्रत कर भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं. इस खास मौके के लिए कई भजन और गाने आज यूट्यूब पर मौजूद हैं लेकिन आज हम आपको एक ऐसे गाने के बारे में बताने वाले हैं जिसके आज तक कई वर्जन बन चुके हैं लेकिन इसका तोड़ कोई नहीं निकाल पाया. इस धुन पर कई और गाने भी बने हैं. महाशिवरात्रि के गाने में देव आनंद आप सोच रहे होंगे कि महाशिवरात्रि के गाने में देव आनंद? ये कौनसा गाना है? दरअसल ये गाना साल 1955 की फिल्म मुनीमजी का है. इस गाने के बोल हैं 'हो शिवजी बिहाने चले पालकी सजाइके' इसमें देव आनंद बड़ी-बड़ी मूंछें लगाए मस्ती से गाते नजर आ रहे हैं. इस एक गाने में आपको पूरी शिव बारात का सीन दिखाया गया है. अगर आप इसे देखें ना और केवल सुनें भी तो भी दिमाग में पूरा सीन इमैजिन करने लगे हैं.  महाशिवरात्रि का 70 साल पुराना है ये गाना महाशिवरात्रि का ये गाना 70 साल पुराना है और इसका एचडी वर्जन यू्ट्यूब पर अवेलेबल है. इस पर लोगों के कमेंट भी ऐसे आ रहे हैं जिनमें लोग अपने बचपन के समय को याद कर रहे हैं. एक ने लिखा, 7-8 साल का रहा होऊंगा मैं. नोएडा के एक गांव में दूर कहीं मंदिर पर ये भजन चलता था. भोर का समय, मंद मंद गीत, अद्भुत, यादों में आत्मा में बस गया था ये भजन. अब भी आंख बंद करते ही सब वही सब लौट आता है. जय भोले नाथ. एक ने लिखा, 1974 मे 8 वर्ष की आयु में रेडियो पर सुना था पहली बार यह गीत/भजन. भोलेनाथ की बारात का यह गीत तभी से मन मे रच बस गया है. इसे सुनते समय आत्मा प्रफुल्लित हो जाती है.
राज्य 

देश के 14 राज्यों में बारिश की चेतावनी, तेज हवाओं के साथ पड़ सकते हैं ओले, इन इलाकों में बढ़ने लगी गर्मी

देश के कई राज्यों में अगले तीन दिनों तक झमाझम बारिश होने के आसार नजर आ रहे हैं। कुछ जगहों पर ओले भी पड़ सकते हैं। कुछ जगहों पर तेज हवाएं भी चलेंगी। देश के 14 राज्यों में अगले तीन दिनों के दौरान झमाझम बारिश का दौर देखने को मिल सकता है। दिल्ली में तो आज बारिश भी हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार, कई राज्यों में गरज के साथ हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है। कुछ इलाकों में ओले भी गिर सकते हैं। वहीं, तेज हवाएं भी चलने की पूरी संभावना है।  इन राज्यों में झमाझम बारिश के आसार मौसम विभाग की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, अगले 24 घंटे के दौरान देश के कई राज्यों में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश होने की संभावना है। कुछ जगहों पर तेज बारिश भी हो सकती है। इसके साथ ही कई जगहों पर ओले भी पड़ सकते हैं। 20, 22 और 23 फरवरी को बिहार और गंगा के तटीय पश्चिम बंगाल में तेज हवाओं (30-40 किमी प्रति घंटे की गति) के साथ आंधी, बिजली के साथ मध्यम वर्षा की संभावना है।   यहां पर चलेंगी तेज हवाएं इसके अलावा झारखंड, ओडिशा, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ में तेज हवाओं (30-40 किमी प्रति घंटे की गति) के साथ आंधी और बिजली के साथ छिटपुट हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है। 20 तारीख को उत्तर प्रदेश में हल्की बारिश हो सकती है।  24 फरवरी से यहां पर शुरू होगा बारिश का दौर मौसम विभाग ने 24 फरवरी से एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर-पश्चिम भारत को प्रभावित करने की संभावना है। इसके प्रभाव में 24 और 25 फरवरी को जम्मू-कश्मीर-लद्दाख-गिलगित-बाल्टिस्तान मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में मध्यम वर्षा/बर्फबारी हो सकती है। 20 से 23 फरवरी तक अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में बारिश होने की उम्मीद है। यहां पर तेज़ हवाएं (30-40 किमी प्रति घंटे की गति) चल सकती हैं। कई राज्यों में बढ़ा तापमान मौसम विभाग ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान, जम्मू-कश्मीर, बिहार, सौराष्ट्र और कच्छ में कुछ स्थानों पर दिन के तापमान में 1-3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है।  हरियाणा, असम और मेघालय, पश्चिम मध्य प्रदेश, तमिलनाडु पुडुचेरी और कराईकल में अलग-अलग स्थानों पर भी तापमान में बढ़ोतरी देखी गई। वहीं, ओडिशा में कुछ स्थानों पर यह 1-3 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है। बिहार, झारखंड और नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अलग-अलग स्थानों पर तापमान सामान्य से ऊपर (2.0 डिग्री सेल्सियस से 5.0 डिग्री सेल्सियस) रहा। जम्मू-कश्मीर, पूर्वी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और आंतरिक कर्नाटक में अलग-अलग स्थानों पर तापमान 1-4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है।  
राज्य  दिल्ली 

अगले हफ्ते संसद में लाया जाएगा वन नेशन वन इलेक्शन बिल, पास हुआ तो 2029 तक देशभर में एक साथ होंगे चुनाव

अगले हफ्ते संसद में लाया जाएगा वन नेशन वन इलेक्शन बिल, पास हुआ तो 2029 तक देशभर में एक साथ होंगे चुनाव 'एक देश, एक चुनाव' मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 'वन नेशन वन इलेक्शन' यानी एक देश एक चुनाव का वादा किया था. मोदी कैबिनेट ने 'वन नेशन वन इलेक्शन' (One Nation One Election) प्रस्ताव को 18 सितंबर को मंजूरी दे दी थी. कैबिनेट ने एक देश, एक चुनाव बिल को मंजूरी दे दी है. इस बिल के इसी शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा. 'एक देश, एक चुनाव' मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है. पीएम मोदी ने 'वन नेशन वन इलेक्शन' यानी एक देश एक चुनाव का वादा किया था. मोदी कैबिनेट ने 'वन नेशन वन इलेक्शन' (One Nation One Election) प्रस्ताव को 18 सितंबर को मंजूरी दे दी थी. बता दे कि मोदी सरकार पिछले कुछ समय से एक देश एक चुनाव के लिए जोर दे रही है. सरकार का कहना है कि मौजूदा समय में चुनावों पर पैसे और वर्कफोर्स की बर्बादी हो रही है.  सरकार ने वन नेशन वन इलेक्शन के लिए था ये तर्कचुनाव से पहले घोषित आचार संहिता के चलते विकास के काम रुक जाते हैं. एक साथ चुनाव से समय, पैसे और वर्कफोर्स की बचत होगी. विकास के काम बिना ब्रेक के पूरे होंगे. वहीं विपक्ष ने सरकार के इन तर्कों को अव्यावहारिक बताया. विपक्षी दलों ने राज्य में चुनाव कराने में चुनाव आयोग के सामने आने वाली तार्किक चुनौतियों की ओर इशारा किया है. वन नेशन वन इलेक्शन का प्रोसेस तय करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई थी, इसमें 8 सदस्य थे. कमेटी का गठन 2 सितंबर 2023 को किया गया था. कमिटी ने 14 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी. कोविंद कमेटी के सुझाव-सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनाव यानी 2029 तक बढ़ाया जाए.-पहले फेज में लोकसभा-विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं. दूसरे फेज में 100 दिनों के अंदर निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं.-हंग असेंबली, नो कॉन्फिडेंस मोशन होने पर बाकी 5 साल के कार्यकाल के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं.-इलेक्शन कमीशन लोकसभा, विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनावों के लिए राज्य चुनाव अधिकारियों की सलाह से सिंगल वोटर लिस्ट और वोटर आई कार्ड तैयार कर सकता है.-कोविंद पैनल ने एकसाथ चुनाव कराने के लिए डिवाइसों, मैन पावर और सिक्योरिटी फोर्स की एडवांस प्लानिंग की सिफारिश भी की है. वन नेशन वन इलेक्शन के लिए इन पार्टियों ने किया समर्थनवन नेशन वन इलेक्शन का बीजेपी, जेडीयू, तेलुगू देशम पार्टी, चिराग पासवान की LJP ने समर्थन किया है.  इसके साथ ही असम गण परिषद, मायावती की बहुजन समाज पार्टी और शिवसेना (शिंदे) गुट ने भी वन नेशन वन इलेक्शन का समर्थन किया है. जबकि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, सीपीएम समेत 15 दलों ने किया है. क्या इससे पहले भारत में एक साथ चुनाव हुए? हां ऐसा हुआ है. भारत की आजादी के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराए गए थे. हालांकि, 1968 और 1969 में कई राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल समय से पहले खत्म कर दिया गया. 1970 में इंदिरा गांधी ने पांच साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही लोकसभा को भंग करने का सुझाव दिया. इससे उन्होंने भारत में एक साथ चुनाव कराने की परंपरा को भी तोड़ दिया. जबकि मूल रूप से 1972 में लोकसभा के चुनाव होने थे. अब मोदी सरकार फिर से इसे लागू करने की कोशिश में है. किन राज्यों की विधानसभाओं का कम हो सकता है कार्यकाल?-वन नेशन वन इलेक्शन लागू हुआ तो उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर, पंजाब व उत्तराखंड का मौजूदा कार्यकाल 3 से 5 महीने घटेगा. -गुजरात, कर्नाटक, हिमाचल, मेघालय, नगालैंड, त्रिपुरा का कार्यकाल भी 13 से 17 माह घटेगा. -असम, केरल, तमिलनाडु, प. बंगाल और पुडुचेरी मौजूदा कार्यकाल कम होगा. संसद में बिल को पास कराना कितना आसान और कितना मुश्किल?सरकार के लिए आम सहमति के अभाव में मौजूदा इलेक्शन के सिस्टम को बदलना बेहद चुनौतीपूर्ण होगा. 'एक राष्ट्र एक चुनाव' को लागू करने में संविधान में संशोधन के लिए कम से कम 6 विधेयक शामिल होंगे. सरकार को संसद में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत पड़ेगी. NDA के पास संसद के दोनों सदनों यानी लोकसभा और राज्यसभा में साधारण बहुमत है. लेकिन, किसी भी सदन में दो-तिहाई बहुमत हासिल करना एक मुश्किल काम हो सकता है. राज्यसभा की 245 सीटों में से NDA के पास 112 सीटें हैं. विपक्षी दलों के पास 85 सीटें हैं. दो-तिहाई बहुमत के लिए सरकार को कम से कम 164 वोट चाहिए. यहां तक कि लोकसभा में NDA को मुश्किलें आ सकती हैं. अभी NDA के पास 545 में से 292 सीटें हैं. लोकसभा में दो-तिहाई बहुमत का आंकड़ा 364 है. लेकिन, स्थिति गतिशील हो सकती है, क्योंकि बहुमत की गिनती सिर्फ उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के संदर्भ में की जाएगी. वन नेशन वन इलेक्शन की क्या होंगी चुनौतियां?-वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर संघवाद की चिंता भी है. कुछ जानकारों का कहना है कि इससे भारत की राजनीतिक व्यवस्था के संघीय ढांचे पर असर पड़ेगा. राज्य सरकारों की स्वायत्तता कम होगी. विधि आयोग भी मौजूदा संवैधानिक व्यवस्था में एक साथ चुनाव की व्यावहारिकता पर सवाल उठा चुका है. -व्यावहारिक तौर पर देखा जाए तो एक साथ चुनाव कराने में भारी मात्रा में संसाधनों की ज़रूरत पड़ेगी, जिसका इंतजाम करना चुनाव आयोग के लिए एक बड़ी चुनौती है. एक साथ चुनाव कराने के लिए बड़ी मात्रा में EVM और ट्रेंड लोगों की ज़रूरत पड़ेगी. ताकि, पूरी चुनावी प्रक्रिया ठीक से पूरी की जा सके. -वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व का भी सवाल है. अक्सर होने वाले चुनावों के ज़रिए जनता समय-समय पर अपनी पसंद तय कर सकती है, लेकिन अगर सिर्फ 5 साल बाद ऐसा होगा, तो जनता की इस पसंद को ज़ाहिर करने में दिक्कत आएगी. कैबिनेट ने कोविंद कमेटी की रिपोर्ट को दी मंजूरी, जानिए एक साथ चुनाव पर अब तक के घटनाक्रम -इससे एक पार्टी के प्रभुत्व का ख़तरा बढ़ जाएगा. कई अध्ययन बताते हैं कि जब भी एक साथ चुनाव होते हैं, तो एक ही पार्टी के राष्ट्रीय और राज्य चुनावों के जीतने की संभावना बढ़ जाती है. जिससे स्थानीय और राष्ट्रीय मुद्दों में घालमेल हो जाता है.  -वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर कई कानूनी पेचीदगियां हैं. कई जानकारों का कहना है कि एक देश एक चुनाव के कानून को कई संवैधानिक सिद्धांतों पर भी खरा उतरना पड़ेगा. 2009 से अब तक कितनी बार हो चुकी चुनावी प्रक्रिया?2009 से अब तक लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए निर्वाचन आयोग 34 बार चुनाव प्रक्रिया पूरी कर चुका है. इनमें से कई बार लोकसभा और कई विधानसभाओं के चुनाव एक साथ हुए हैं या कई बार अलग-अलग कराए गए हैं. इन दिनों ही हरियाणा और जम्मू-कश्मीर की चुनाव प्रक्रिया एक साथ हो रही है. अगर एक देश, एक चुनाव होता है तो ये चुनाव प्रक्रिया पांच साल में एक ही बार होगी या फिर बीच में कुछ विधानसभाएं भंग हुईं, तो उतनी बार चुनाव होंगे.  
राष्ट्रीय  अंतर्राष्ट्रीय  राज्य  दिल्ली 

हीरा कारोबारी गोविंद ढोलकिया ने पीएम मोदी को भेंट किया 'नवभारत रत्न', जानें क्या है इसकी खासियत

हीरा कारोबारी गोविंद ढोलकिया ने पीएम मोदी को भेंट किया 'नवभारत रत्न', जानें क्या है इसकी खासियत मशहूर हीरा कारोबारी गोविंद ढोलकिया ने पीएम नरेंद्र मोदी को खास भेंट दी है। गोविंद ढोलकिया ने पीएम मोदी को भारत के नक्शे के आकार में तराशे गए हीरे को भेंट किया है। इस हीरे को नवभारत रत्न नाम दिया गया है। मशहूर हीरा कारोबारी और राज्यसभा सांसद गोविंद ढोलकिया ने पीएम नरेंद्र मोदी को एक खास भेंट दी है। दरअसल गोविंद ढोलकिया ने पीएम नरेंद्र मोदी को भारत के नक्शे के आकार में तराशे गए प्राकृतिक हीरे को उन्हें भेंट किया है। बता दें कि इस हीरे को 'नवभारत रत्न' नाम दिया गया है। गोविंद ढोलकिया प्राकृतिक हीरों के निर्माण और निर्यात कंपनी श्री रामकृष्ण एक्सपोर्ट्स (SRK) के संस्थापक-चेयरमैन हैं। पीएम मोदी को जो नवभारत रत्न हीरा भेंट किया गया है, वह 2.120 कैरेट का उत्कृष्ट हीरा है जो भारत की एकता, सुंदरता और अनंत चमक का प्रतीक है। पीएम नरेंद्र मोदी को तोहफे में मिला 'नवभारत रत्न' बता दें कि सूरत के कुशल शिल्पकारों ने बड़ी ही बारीकी और मेहनत से इस हीरे को तैयार किया है, जिसे नवभारत रत्न नाम दिया गया है। इस हीरे को तैयार करने में 3700 मिनट की मेहनत लगी है। साथ ही योजनाबद्ध तरीके से और बेहद बारीक प्रक्रिया के जरिए इस हीरे को तैयार किया गया है। यह न केवल भारत की समृद्धि का प्रतीक है, बल्कि भारत के उज्जवल भविष्य को समर्पित एक श्रद्धांजलि भी हैं। नवभारत रत्न हीरे की उत्कृष्टता कारीगरी और समर्पण का जीता-जागता प्रमाण है, जो रत्न कलाकार राजेशभाई कछाड़िया और विशालभाई इटालिया जैसे एक्सपर्ट्स की मेहनत के बाद साकार हुआ है। घंटों की मेहनत, तब जाकर हुआ तैयार बता दें राजेशभाई कछाड़िया को एसआरके में काम करने का 14 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने हीरे से भारत के नक्शे को तैयार करने में 40 घंटे का समय दिया है। साथ ही उन्होंने अपने इस कार्य को एक सैनिक के बलिदान के समान माना है। साथ ही विशालभाई इटालिया एसआरके में 6 सालों से कार्यरत हैं। उन्होंने हीरे की गिर्डल को 22 घंटे तक बारीकी से पॉलिश किया। इन दोनों की कड़ी मेहनत के बाद ही नवभारत रत्न को तैयार किया जा सका। बता दें नवभारत रत्न न केवल एक हीरा है, बल्कि यह भारत के उज्जवल भविष्य का प्रतीक है।   
राष्ट्रीय  अंतर्राष्ट्रीय  राज्य  दिल्ली 

सभी सरकारी विभागों, PSU में आंतरिक शिकायत समिति का गठन करें - POSH अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट के कड़े निर्देश

सभी सरकारी विभागों, PSU में आंतरिक शिकायत समिति का गठन करें - POSH अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट के कड़े निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 (POSH अधिनियम) के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत निर्देश जारी किए हैं. दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न को लेकर जताई चिंता है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 (POSH अधिनियम) के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत निर्देश जारी किए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी सरकारी विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों (PSU's) में आंतरिक शिकायत समिति गठित करें. अधिनियम के प्रावधानों को पूरे देश में समान रूप से लागू किया जाए. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने POSH अधिनिय के प्रभावी क्रियान्यवनय में चूक पर भी चिंता जताई है. जस्टिस बी वी नागरत्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने राष्ट्रव्यापी अनुपालन के महत्व को रेखांकित किया और निर्देश दिया कि अधिनियम के प्रावधानों को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में समान रूप से लागू किया जाना चाहिए. पीठ ने कहा, "हम दिल्ली से नहीं हैं.⁠कर्नाटक से दिल्ली तक ट्रेन से यात्रा करते हुए मैंने ऐसा किया है.⁠यह पूरे देश में किया जाना चाहिए." ⁠अदालत ने अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए कई निर्देश पारित किए हैं. ⁠इसमें सभी सरकारी विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिए आंतरिक शिकायत समितियों का गठन और शीबॉक्स पोर्टल का निर्माण शामिल है जहां महिलाएं शिकायत दर्ज करा सकती हैं. ⁠मई 2023 के फैसले में, सर्वोच्च न्यायालय ने इस तथ्य पर कड़ी आपत्ति जताई थी कि कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 (POSH अधिनियम) के होने के एक दशक बाद भी, इसके प्रभावी प्रवर्तन में गंभीर खामियां बनी हुई हैं. ⁠न्यायालय ने जोर देकर कहा कि सभी राज्य पदाधिकारी, सार्वजनिक प्राधिकरण, निजी उपक्रम, संगठन और संस्थान POSH अधिनियम को अक्षरशः लागू करने के लिए बाध्य हैं.⁠इसलिए न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकारों को सकारात्मक कार्रवाई करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि POSH अधिनियम को लागू करने के पीछे का उद्देश्य वास्तविक रूप से प्राप्त हो. ⁠इसने इस मामले में वकील पद्मा प्रिया को एमिकस क्यूरी भी नियुक्त किया था.  
राष्ट्रीय  अंतर्राष्ट्रीय  राज्य  दिल्ली 
Copyright (c) Undekhi Khabar All Rights Reserved.
Powered By Vedanta Software