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पूर्व PM शेख हसीना को ढाका भेजें भारत... बांग्लादेश ने मोदी सरकार को लिखी चिट्ठी
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पूर्व PM शेख हसीना को ढाका भेजें भारत... बांग्लादेश ने मोदी सरकार को लिखी चिट्ठी
ढाका स्थित अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने 'मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार' के लिए शेख हसीना और उनकी कैबिनेट में शामिल मंत्रियों, सलाहकारों, सैन्य व प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं.
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने सोमवार को कहा कि उसने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को ढाका वापस भेजने के लिए भारत को एक डेप्लोमेटिक नोट भेजा है. हसीना 5 अगस्त से भारत में निर्वासन में रह रही हैं. वह छात्रों के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों के बीच देश छोड़कर भारत आ गई थीं.
ढाका स्थित अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने ‘मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार' के लिए हसीना और उनकी कैबिनेट में शामिल मंत्रियों, सलाहकारों, सैन्य व प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं.
अंतरिम सरकार में विदेश मंत्री तौहीद हुसैन ने अपने कार्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने भारत सरकार को एक राजनयिक संदेश भेजा है, जिसमें कहा गया है कि बांग्लादेश में न्यायिक प्रक्रिया के लिए उन्हें (हसीना) वापस ढाका भेजा जाए.''
इससे पहले दिन में गृह मंत्रालय के सलाहकार जहांगीर आलम ने कहा कि उनके कार्यालय ने भारत से अपदस्थ प्रधानमंत्री हसीना के प्रत्यर्पण के लिए विदेश मंत्रालय को एक चिट्ठी भेजी है. उन्होंने एक सवाल के जवाब में मीडिया से कहा, "हमने उनके (हसीना) प्रत्यर्पण के संबंध में विदेश मंत्रालय को एक पत्र भेजा है. प्रक्रिया अभी जारी है."
आलम ने कहा कि ढाका और नयी दिल्ली के बीच प्रत्यर्पण संधि पहले से ही मौजूद है. इस संधि के तहत हसीना को बांग्लादेश वापस लाया जा सकता है.
दरअसल, बांग्लादेश में 5 जून को हाईकोर्ट ने जॉब में 30% कोटा सिस्टम लागू किया था, इसके बाद से ही ढाका में यूनिवर्सिटीज के छात्रों ने प्रदर्शन शुरू हो गए थे. यह आरक्षण स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को दिया जा रहा था. यह आरक्षण खत्म कर दिया गया, तो छात्रों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग शुरू कर दी. देखते ही देखते प्रदर्शन हिंसक हो गया. 5 अगस्त को प्रदर्शनकारी PM हाउस घुस आए. जिसके बाद शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गईं. इसके बाद सेना ने देश की कमान संभाल ली. बाद में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में सलाहकार सरकार बनी.
इस बीच शेख हसीना ने बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस को फासीवादी बताया है. हसीना ने कहा कि मोहम्मद यूनुस एक फासीवादी सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं. ये सरकार आजादी विरोधी और कट्टरपंथियों की समर्थक है. शेख हसीना ने कहा कि देश विरोधी ताकतों ने घरेलू और विदेशी षड्यंत्रों के जरिए अवैध और असंवैधानिक तरीके से सत्ता पर कब्जा कर लिया.
बता दें कि 16 दिसंबर को बांग्लादेश में आजादी की 53वीं वर्षगांठ मनाई गई. 1971 में इसी दिन बांग्लादेश ने भारत की मदद से पाकिस्तान से आजादी हासिल की थी.
'स्टीयरिंग में खराबी...', क्या रोका जा सकता था मुंबई नौका हादसा, 15 लोगों की हुई मौत
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'स्टीयरिंग में खराबी...', क्या रोका जा सकता था मुंबई नौका हादसा, 15 लोगों की हुई मौत
टक्कर लगने के कारण नौका अरब सागर में डूब गई, जिससे यह शहर के बंदरगाह में सबसे घातक समुद्री दुर्घटनाओं में से एक बन गई. घटना के बाद तटरक्षक जहाजों के साथ-साथ नौसेना के हेलीकॉप्टरों और नौकाओं को सर्च और रेस्क्यू वर्क में तैनात किया गया था.
मुंबई: 18 दिसंबर को मुंबई के तट पर एक बड़ा हादसा हुआ. नौसेना की एक बड़ी नाव और यात्रियों से भरी नौका के बीच टक्कर हुई, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई. नौसेना सूत्रों का कहना है कि ये हादसा संभवतः स्टीयरिंग असेंबली और नाव की स्पीड को कंट्रोल करने वाले थ्रॉटल क्वाड्रेंट में तकनीकी खराबी के कारण हुई थी. नौसेना की नाव की स्पीड ज्यादा रही होगी, जब उसने पर्यटकों से भरी नौका को टक्कर मार दी.
हादसे के समय नौसेना के जहाज पर मौजूद शख्स, जो नाव की निर्माता कंपनी से संबंधित था, उसने बताया कि नाव की पहले जांच की गई थी, टक्कर होने पर चालक दल को खराबी के बारे में पता था. घटना के वीडियो में जहाज को नौका से दूर ले जाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन दुर्घटना से बचने के लिए नौसेना की नाव तेजी से घूम नहीं सकी.
नौसेना का जहाज, एक रिजिड हल इन्फ्लेटेबल बोट (आरएचआईबी) है, जिसका इंजन परीक्षण किया गया था, लेकिन इसके बावजूद उससे चालक का नियंत्रण खो गया और वो पर्यटकों की नौका नील कमल से टकरा गया. 100 से अधिक यात्रियों को ले जाने वाली नौका, गेटवे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा द्वीप के रास्ते में थी. यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो अपने प्राचीन गुफा मंदिरों के लिए जाना जाता है.
टक्कर लगने के कारण नौका अरब सागर में डूब गई, जिससे यह शहर के बंदरगाह में सबसे घातक समुद्री दुर्घटनाओं में से एक बन गई. घटना के बाद तटरक्षक जहाजों के साथ-साथ नौसेना के हेलीकॉप्टरों और नौकाओं को सर्च और रेस्क्यू वर्क में तैनात किया गया था. दोनों जहाजों पर सवार 113 व्यक्तियों में से 15 की मृत्यु हो गई, जबकि 98 अन्य को बचा लिया गया, जिनमें दो घायल हो गए. नौसेना के जहाज़ पर, जिसमें चालक दल के छह सदस्य थे, केवल दो ही जीवित बचे.
महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड (एमएमबी) के रिकॉर्ड के अनुसार, नील कमल को अधिकतम 84 यात्रियों और छह चालक दल के सदस्यों को ले जाने का लाइसेंस दिया गया था. हालांकि, टक्कर के समय नौका क्षमता से अधिक भरी हुई थी. एमएमबी ने नौका का लाइसेंस रद्द कर दिया है और मामले की अपनी जांच शुरू कर दी है. नेवी क्राफ्ट के ड्राइवर के खिलाफ कोलाबा पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें लापरवाही, सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालने और लापरवाही से नेविगेशन से संबंधित आरोप शामिल हैं. नौसेना का जहाज फिलहाल नौसेना अधिकारियों की हिरासत में है, हालांकि पुलिस ने संकेत दिया है कि वे अपनी जांच के लिए आवश्यकतानुसार जहाज तक पहुंच का अनुरोध करेंगे.
पीएम मोदी ने 71,000 युवाओं को बांटा नियुक्ति पत्र, बोले- 'भारत का युवा, नए आत्मविश्वास से भरा हुआ'
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पीएम मोदी ने 71,000 युवाओं को बांटा नियुक्ति पत्र, बोले- 'भारत का युवा, नए आत्मविश्वास से भरा हुआ'
पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने 2047 तक विकसित भारत के निर्माण का संकल्प लिया है. हमें इस संकल्प पर भरोसा है इस लक्ष्य की प्राप्ति का विश्वास है. आज भारत का युवा नए आत्मविश्वास से भरा हुआ है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 'रोजगार मेला' के तहत सरकारी विभागों और संगठनों में चयनित 71,000 से अधिक कर्मियों को नियुक्ति-पत्र प्रदान किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, "आज आपके जीवन की नई शुरुआत हो रही है. आपकी वर्षों की मेहनत सफल हुई है. 2024 का ये साल आपको और आपके परिजनों को नई खुशियां देकर जा रहा है. मैं आप सभी को बधाई देता हूं. पिछले दस सालों से सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और संस्थाओं में सरकारी नौकरी देने का अभियान चल रहा है. आज भी 71,000 से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं.
बीते डेढ़ साल में करीब दस लाख नौकरियां
पीएम ने कहा कि बीते डेढ़ साल में करीब दस लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है. ये अपने आप में रिकॉर्ड है. आज भारत का युवा, नए आत्मविश्वास से भरा हुआ है. वो हर सेक्टर में अपना परचम लहरा रहा है. भारत के युवाओं की क्षमता और प्रतिभा का पूरा उपयोग हमारी सरकार की प्राथमिकता है."
उन्होंने आगे कहा कि अंतरिक्ष से लेकर रक्षा तक, पर्यटन से लेकर वेलनेस तक, आज भारत हर क्षेत्र में प्रगति की नई ऊंचाइयों को छू रहा है. राष्ट्र में सच्चा विकास सुनिश्चित करने के लिए हमें 'युवा प्रतिभा' को निखारने की जरूरत है और यह जिम्मेदारी वास्तव में शिक्षा प्रणाली पर है. पहले पाबंदियों के कारण जो शिक्षा व्यवस्था छात्रों पर बोझ बन जाती थी, वो अब उन्हें नए विकल्प दे रही है. अटल टिंकरिंग लैब्स और आधुनिक पीएम श्री स्कूलों के जरिए बचपन से ही इनोवेटिव माइंडसेट को गढ़ा जा रहा है. आज यहां हजारों बेटियों को भी नियुक्ति पत्र दिए गए हैं. आपकी सफलता दूसरी महिलाओं को प्रेरित करेगी. हमारा प्रयास है कि हर क्षेत्र में महिलाएं आत्मनिर्भर बनें.
आज हम दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
पीएम मोदी ने आगे कहा कि भाषा एक समय हाशिए पर रहने वाले समुदायों के लिए शिक्षा में एक महत्वपूर्ण बाधा थी. हालांकि हमने इस अंतर को पाटने के लिए अपनी नीतियों में क्रांति ला दी है. आज छात्र 13 भाषाओं में से किसी एक में परीक्षा देना चुन सकते हैं. भारत ने 2047 तक विकसित भारत के निर्माण का संकल्प लिया है. हमें इस संकल्प पर भरोसा है इस लक्ष्य की प्राप्ति का विश्वास है. आज भारत का युवा नए आत्मविश्वास से भरा हुआ है और वो हर सेक्टर में अपना परचम लहरा रहा है. आज हम दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं.
संसद में धक्का-मुक्की में घायल सांसदों प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत अब कैलाश अस्पताल में हुए भर्ती
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संसद में धक्का-मुक्की में घायल सांसदों प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत अब कैलाश अस्पताल में हुए भर्ती
दोनों सांसदों को आरएमएल से छुट्टी के बाद नोएडा के कैलाश अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.
संसद में धक्का-मुक्की में घायल हुए बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है. इसके बाद जानकारी मिली है कि दोनों को नोएडा के कैलाश अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. बता दें कि धक्का-मुक्की के बाद दोनों सांसदों को आरएमएल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसके बाद 21 दिसंबर को दोनों की हालत बेहतर होने पर दोनों सांसदों को आईसीयू से प्राइवेट रूम में शिफ्ट कर दिया गया था. इसके बाद आज उन्हें छुट्टी दे दी गई है.
क्या है मामला ?
दरअसल, 19 दिसंबर को शीतकालीन सत्र के दौरान संसद परिसर में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल अंबेडकर विवाद को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. इसी दौरान बीजेपी के सांसद भी मकर द्वार पर अपना प्रदर्शन कर रहे थे. तभी कांग्रेस और अन्य सांसद अंदर जाने लगे और धक्का-मुक्की हो गई. धक्का-मुक्की में बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए, जिन्हें फटाफट अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके बाद राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी.
कुवैत से क्या लाए पीएम मोदी... जानें कितना हिट रहा पीएम मोदी का ये दौरा
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कुवैत से क्या लाए पीएम मोदी... जानें कितना हिट रहा पीएम मोदी का ये दौरा
भारत और कुवैत ने रविवार को अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाया और रक्षा सहयोग के लिए एक अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए तथा एक महत्वाकांक्षी निवेश संधि को जल्द ही अंतिम रूप देने का संकल्प लिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुवैत के दो दिवसीय सफल दौरे के बाद नई दिल्ली (भारत) लौट आए हैं. अब सवाल है कि कुवैत से पीएम मोदी क्या लेकर आए? पीएम मोदी की कुवैत यात्रा से भारत को क्या हुआ हासिल? इस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने अपनी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत किया और द्विपक्षीय सहयोग एवं विकास के एक नए युग की शुरुआत की है. पीएम मोदी शनिवार को दो दिवसीय यात्रा पर कुवैत पहुंचे थे. यह 43 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की इस खाड़ी देश की पहली यात्रा थी. पीएम मोदी को कुवैत दौरे के दूसरे दिन वहां के सर्वोच्च सम्मान 'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से भी सम्मानित किया गया. प्रधानमंत्री से पहले यह सम्मान बिल क्लिंटन, प्रिंस चार्ल्स और जॉर्ज बुश को दिया जा चुका है. पीएम मोदी की ऐतिहासिक दो दिवसीय यात्रा के दौरान भारत और कुवैत ने संबंधों को 'रणनीतिक साझेदारी' तक बढ़ाने पर सहमति जताई और रविवार को रक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को नियमित बनाने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए.
भारत और कुवैत ने रविवार को अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाया और रक्षा सहयोग के लिए एक अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए तथा एक महत्वाकांक्षी निवेश संधि को जल्द ही अंतिम रूप देने का संकल्प लिया. यह समझौता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की खाड़ी देश के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा और अन्य शीर्ष नेताओं के साथ व्यापक वार्ता के बाद हुआ. भारत और कुवैत के संयुक्त बयान के अनुसार, दोनों पक्षों ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे द्विपक्षीय निवेश संधि पर हो रही बातचीत को तेजी से पूरा करें. ऊर्जा सहयोग को बढ़ाने के लिए दोनों पक्षों ने तेल और गैस की खोज और उत्पादन, रिफाइनिंग और इंजीनियरिंग सेवाओं तथा पेट्रोकेमिकल उद्योगों के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए दोनों देशों की कंपनियों को समर्थन देने की इच्छा व्यक्त की. ऊर्जा सहयोग को बढ़ाने के उद्देश्य से दोनों पक्षों ने इस बात पर जोर दिया कि वे अपने-अपने देशों की कंपनियों को तेल और गैस के अन्वेषण तथा उत्पादन, रिफाइनिंग, इंजीनियरिंग सेवाओं, और 'पेट्रोकेमिकल' उद्योगों में सहयोग बढ़ाने के लिए समर्थन प्रदान करेंगे.
भारत और कुवैत के बीच बढ़ेगा व्यापार
कुवैत की ओर से बयान में कहा गया कि कुवैती नेता कुवैत के ‘विजन 2035' को साकार करने की दिशा में भारत की ओर से बड़ी भूमिका और योगदान की आशा करते हैं.
खाड़ी देश भारत के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक है और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार वित्त वर्ष 2023-24 में 10.47 अरब अमेरिकी डॉलर का रहा.
कुवैत, भारत का छठा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता है, जो देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को तीन प्रतिशत तक पूरा करता है.
भारतीय निर्यात कुवैत में पहली बार दो अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जबकि भारत में कुवैत निवेश प्राधिकरण का निवेश 10 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया.
इससे पहले 1981 में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कुवैत की यात्रा की थी. भारतीय समुदाय कुवैत में सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है.
भारत-कुवैत के बीच हुए ये समझौते
रक्षा पर सझौता ज्ञापन (एमओयू) सहित कुल चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. अन्य समझौतों में खेल, संस्कृति और सौर ऊर्जा के क्षेत्रों में सहयोग शामिल है. विदेश मंत्रालय में सचिव (प्रवासी भारतीय मामले) अरुण कुमार चटर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि रक्षा संबंधी समझौता ज्ञापन (एमओयू) रक्षा उद्योग, रक्षा उपकरणों की आपूर्ति, संयुक्त अभ्यास, प्रशिक्षण, कर्मियों और विशेषज्ञों की सेवा के आदान-प्रदान और अनुसंधान एवं विकास के क्षत्र में तालमेल स्थापित करने से जुड़े क्षेत्रों में सहयोग प्रदान करेगा. संयुक्त बयान में कहा गया कि रक्षा समझौते से तटीय रक्षा, समुद्री सुरक्षा तथा रक्षा उपकरणों के संयुक्त विकास एवं उत्पादन में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा. बयान में कहा गया कि वार्ता में दोनों पक्षों ने सीमापार आतंकवाद सहित सभी प्रकार के आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा की तथा आतंकवाद का वित्तपोषण करने वालों और सुरक्षित पनाहगाहों को नष्ट करने का आह्वान किया. दोनों पक्षों ने आतंकवाद-रोधी सहयोग बढ़ाने, सूचना एवं खुफिया जानकारी साझा करने तथा सर्वोत्तम प्रथाओं एवं प्रौद्योगिकियों का आदान-प्रदान करने पर भी सहमति व्यक्त की. विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों प्रधानमंत्रियों ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में व्यापार, निवेश, ऊर्जा, रक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, प्रौद्योगिकी और दोनों देशों की जनता के बीच संबंधों सहित विभिन्न क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए एक रोडमैप पर चर्चा की.
PM मोदी ने कहा- द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती मिलेगी
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर जारी एक पोस्ट में कुवैती समकक्ष के साथ अपनी वार्ता को ‘लाभदायक' बताया. उन्होंने कहा, 'हमारी बातचीत में भारत-कुवैत संबंधों के पूर्ण आयाम पर चर्चा हुई, जिसमें व्यापार, वाणिज्य, दोनों देशों की जनता के स्तर पर संबंध आदि शामिल थे. महत्वपूर्ण सहमति पत्रों और समझौतों का भी आदान-प्रदान हुआ, जिससे द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती मिलेगी.' प्रधानमंत्री मोदी ने कुवैती निवेश प्राधिकरण और अन्य हितधारकों के एक प्रतिनिधिमंडल को ऊर्जा, रक्षा, चिकित्सा उपकरण, फार्मा और खाद्य पार्क आदि क्षेत्रों में नए अवसरों की तलाश के लिए भारत आने का निमंत्रण भी दिया.
PM मोदी ने 10 लाख भारतीयों के लिए अमीर को कहा- धन्यवाद
पीएम मोदी ने अमीर के अलावा समग्र द्विपक्षीय संबंधों को नयी गति देने पर ध्यान केंद्रित करते हुए कुवैती प्रधानमंत्री अहमद अब्दुल्ला अल-अहमद अल-सबा और युवराज (क्राउन प्रिंस) सबा अल-खालिद अल-हमद अल-मुबारक अल-सबा के साथ व्यापक बातचीत की. बैठकों में, भारतीय पक्ष ने खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) की कुवैत की अध्यक्षता के माध्यम से प्रभावशाली समूह के साथ अपने सहयोग को तेज करने में भी गहरी रुचि दिखाई. पीएम मोदी और अमीर ने बायन पैलेस में हुई अपनी चर्चा में सूचना प्रौद्योगिकी, औषधि, फिनटेक, बुनियादी ढांचे और सुरक्षा क्षेत्र में संबंधों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया. पीएम मोदी ने कुवैत में दस लाख से अधिक भारतीयों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए अमीर को धन्यवाद दिया, जबकि कुवैती नेता ने खाड़ी देश की विकास यात्रा में समुदाय के योगदान की सराहना की. मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'कुवैत के महामहिम अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल सबा के साथ शानदार बैठक हुई. हमने औषधि, आईटी, सेहत, बुनियादी ढांचे और सुरक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की.' उन्होंने कहा, 'हमारे देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों के अनुरूप, हमने अपनी साझेदारी को रणनीतिक स्तर तक बढ़ाया है और मुझे आशा है कि आने वाले समय में हमारी मित्रता और भी अधिक प्रगाढ़ होगी.'
पीएम मोदी को 'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कुवैत दौरे के दूसरे दिन सर्वोच्च सम्मान 'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से सम्मानित किया गया. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पीएम मोदी को कुवैत के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किए जाने पर बधाई दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुवैत के अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा से यह सम्मान हासिल किया है. 'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का एक नाइटहुड सम्मान है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह सम्मान मित्रता के प्रतीक के तौर पर राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है. पीएम नरेंद्र मोदी से पहले यह सम्मान बिल क्लिंटन, प्रिंस चार्ल्स और जॉर्ज बुश को दिया जा चुका है.
गणतंत्र दिवस परेड के लिए दिल्ली की झांकी इस बार भी खारिज, AAP और BJP की जुबानी जंग शुरू
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गणतंत्र दिवस परेड के लिए दिल्ली की झांकी इस बार भी खारिज, AAP और BJP की जुबानी जंग शुरू
अरविंद केजरीवाल ने कहा, "वे (बीजेपी) दिल्ली के लोगों से इतनी नफरत क्यों करते हैं? दिल्ली के लोगों को उन्हें वोट क्यों देना चाहिए?"
इस बार भी राजपथ पर 26 जनवरी, 2025 को होने वाली पारंपरिक गणतंत्र दिवस परेड में दिल्ली की झांकी शामिल नहीं होगी. यह निरंतर चौथा गणतंत्र दिवस होगा जिसमें राष्ट्रीय राजधानी का प्रतिनिधित्व नहीं होगा. इउस मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच फिर से वाकयुद्ध शुरू हो गया है. लगभग एक दशक तक दिल्ली सरकार का नेतृत्व करने वाले अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर हमला किया.
केजरीवाल की टिप्पणियों में आने वाले विधानसभा चुनाव का प्रभाव देखा गया. दिल्ली में विधानसभा चुनाव अगले वर्ष फरवरी में होने की संभावना है.
अरविंद केजरीवाल ने एक आक्रामक मैसेज में कहा, "पिछले कई सालों से दिल्ली की झांकी को परेड में शामिल नहीं होने दिया जा रहा है. यह कैसी राजनीति है? वे दिल्ली के लोगों से इतनी नफरत क्यों करते हैं? दिल्ली के लोग उन्हें वोट क्यों दें?" उन्होंने कहा, "उनके पास दिल्ली के लोगों के लिए कोई विजन नहीं है. वे सिर्फ केजरीवाल को गाली देते हैं. क्या हमें सिर्फ इसके लिए उन्हें वोट देना चाहिए? झांकी और दिल्ली के लोगों को 26 जनवरी की परेड में शामिल होने से क्यों रोका जा रहा है?"
अरविंद केजरीवाल ने केंद्र पर इस मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि दिल्ली भारत की राजधानी है और हर साल 26 जनवरी की परेड में इसका प्रतिनिधित्व होना चाहिए.
''सुबह से रात तक केजरीवाल को कोसने पर ध्यान''
केजरीवाल ने दावा किया कि भाजपा के चुनाव अभियान में ‘‘दिल्ली के लोगों के लिए कोई विमर्श, दृष्टि या कार्यक्रम'' नहीं है.उन्होंने कहा, ‘‘उनके पास यह दिखाने की कोई योजना नहीं है कि अगर वे सरकार बनाते हैं तो वे क्या करेंगे.''
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि भाजपा केवल 'सुबह से रात तक केजरीवाल को कोसने' पर अपना ध्यान केंद्रित किए हुए है. यह आरोप लगाते हुए कि भाजपा का एकमात्र मिशन 'केजरीवाल हटाओ' है, केजरीवाल ने सवाल किया कि क्या लोगों को किसी पार्टी को सिर्फ इसलिए वोट देना चाहिए क्योंकि वह दूसरों को गालियां देती है.
राष्ट्रीय त्योहार पर केजरीवाल अपना 'असली रंग' दिखाते हैं : बीजेपी
दिल्ली भाजपा को अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी प्रमुख केजरीवाल पर पलटवार करते हुए दावा किया कि जब भी कोई राष्ट्रीय त्योहार आता है, केजरीवाल अपना 'असली रंग' दिखाते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘दिल्लीवासी 2014 की घटना को नहीं भूले हैं, जब पूरा शहर गणतंत्र दिवस मनाने की तैयारी कर रहा था, लेकिन केजरीवाल ने विरोध प्रदर्शन करके इसकी गरिमा को धूमिल किया.''
उन्होंने यह भी कहा कि गणतंत्र दिवस परेड के लिए झांकियों का चयन करने का निर्णय एक नामित समिति द्वारा किया जाता है और उनकी संख्या भी सीमित होती है, जिसे केजरीवाल अच्छी तरह जानते हैं. भाजपा नेता ने कहा, ‘‘चूंकि दिल्ली में चुनाव नजदीक आ रहे हैं, इसलिए केजरीवाल लोगों का ध्यान वास्तविक मुद्दों से हटाना चाहते हैं.''
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, गणतंत्र दिवस का राजनीतिकरण करना अरविंद केजरीवाल की घटिया सोच है. उन्होंने कहा, "अरविंद केजरीवाल दिल्ली की झांकी में क्या दिखाना चाहते हैं? दिल्ली की सड़कें टूटी हुई हैं. मानसून में सीवर की वजह से बच्चे डूबकर मर जाते हैं. लोग आज दिल्ली में पानी खरीदकर पीते हैं. जिस यमुना में वो पिछले 10 साल से डुबकी लगाने की बात कर रहे हैं, उसको परेड में दिखाएंगे क्या? दिल्ली में केजरीवाल ने विकास का एक काम नहीं किया. उन्होंने सिर्फ झूठ बोला है. जब-जब कोई राष्ट्रीय पर्व आएगा, तो वो ऐसा विवाद पैदा करेंगे, जिससे भारत की गरिमा को ठेस पहुंचेगी."
''घुसपैठियों को पाल रही आम आदमी पार्टी''
दिल्ली में 175 अवैध बांग्लादेशियों की पहचान को लेकर वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, "मुझे लगता है यह संख्या ज्यादा होगी. अभी छानबीन शुरू हुई है. दिल्ली के हकों पर जिस तरीके से घुसपैठियों का हमला हो रहा, वो दिल्ली की जनता के लिए खतरा है. आम आदमी पार्टी के द्वारा उनको जानबूझकर शेल्टर किया दिया जा रहा है और बसाने की कोशिश की जा रही है."
भाजपा नेता ने आगे कहा, हमने 'आप' विधायकों का वीडियो देखा, "जिसमें वो 10 हजार रुपये देते हुए दिख रहे हैं और वो बहुत गर्व के साथ बता रहे हैं कि वो घुसपैठियों को पाल रहे हैं. उनको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वोट बैंक की राजनीति में देश की अस्मिता और एकता को खतरा नहीं आए, यह उन लोगों को सोचना चाहिए. विदेशी घुसपैठियों का मजहब नहीं देखना चाहिए. वो देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं. जितनी भी जांच एजेंसी हैं, उनको जांच करना चाहिए. कानून के अंतर्गत जो नियम है, उसके अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए."
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत गंभीर, आमरण अनशन अब भी जारी
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किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत गंभीर, आमरण अनशन अब भी जारी
डल्लेवाल की जांच करने वाले एक चिकित्सक ने खनौरी सीमा पर बताया कि उनके हाथ-पैर ठंडे थे. भूख से उनके तंत्रिका तंत्र, यकृत और गुर्दे जैसे महत्वपूर्ण अंगों पर प्रभाव पड़ रहा है.
पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन रविवार को 27वें दिन भी जारी रहा, जबकि चिकित्सकों ने बताया कि उनकी हालत ‘‘गंभीर है.'' खनौरी सीमा पर प्रदर्शन स्थल पर उनका इलाज कर रहे चिकित्सकों ने फिर से कहा कि डल्लेवाल को हृदयाघात और कई अंगों के फेल हो जाने का खतरा है.
डल्लेवाल (70) आंदोलनरत किसानों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के वास्ते पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी बॉर्डर पर 26 नवंबर से आमरण अनशन पर बैठे हैं.
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि चिकित्सकों की सलाह के बाद वरिष्ठ किसान नेता रविवार को मंच पर नहीं आए. बयान में कहा गया कि 28 दिनों से लगातार भूख हड़ताल करने से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर हो गई है, जिससे उन्हें संक्रमण का खतरा है.
चिकित्सक ने क्या बताया
डल्लेवाल की जांच करने वाले एक चिकित्सक ने खनौरी सीमा पर संवाददाताओं को बताया, ‘‘उनके हाथ-पैर ठंडे थे. भूख से उनके तंत्रिका तंत्र, यकृत और गुर्दे जैसे महत्वपूर्ण अंगों पर प्रभाव पड़ रहा है. उनका रक्तचाप भी घट-बढ़ रहा है, कभी-कभी बहुत तेजी से गिर जाता है, जो चिंता का विषय है.' डॉक्टर ‘5 रीवर्स हार्ट एसोसिएशन' नामक एक गैर सरकारी संगठन के चिकित्सकों की टीम का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा, ‘‘वह सही से बातों का जवाब नहीं दे पा रहे हैं.''
चिकित्सक ने बताया कि डल्लेवाल का ‘ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन' भी सकारात्मक मिला, जो निम्न रक्तचाप का एक प्रकार है जिससे चक्कर या हल्का सिरदर्द और बेहोशी आ सकती है. उनका हेमोडायनामिक (रक्त का अपर्याप्त प्रवाह) रूप से अस्थिर है. आमतौर पर ऐसे मरीजों को आईसीयू में भर्ती करने की जरूरत होती है. उन्हें दिल का दौरा पड़ने का खतरा है और उनकी हालत गंभीर है.
आगे क्या है प्लान
बयान में कहा गया कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने शनिवार शाम को धरना स्थल पर पहुंच कर डल्लेवाल से मुलाकात की. इसमें कहा गया है, ‘‘कल शाम कृषि संबंधी संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष चरणजीत सिंह चन्नी ने डल्लेवाल से मुलाकात की.'' चन्नी ने कहा कि डल्लेवाल निःस्वार्थ भाव से देश के किसानों के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं. किसान नेताओं के हवाले से बयान में कहा गया कि डल्लेवाल की भूख हड़ताल के समर्थन में 24 दिसंबर को शाम 5.30 बजे देशभर में कैंडल मार्च निकाला जाएगा. उन्होंने कहा कि जब 26 दिसंबर को डल्लेवाल के अनशन का एक महीना पूरा हो जाएगा तो तहसील और जिला स्तर पर सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक सांकेतिक भूख हड़ताल की जाएगी.
पीएम मोदी दो दिन की यात्रा पर कुवैत पहुंचे, गर्मजोशी से किया गया स्वागत
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पीएम मोदी दो दिन की यात्रा पर कुवैत पहुंचे, गर्मजोशी से किया गया स्वागत
पीएम मोदी कुवैत के अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह के आमंत्रण पर दो दिवसीय यात्रा पर कुवैत पहुंचे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दोपहर में कुवैत पहुंचे. कुवैत पहुंचने पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया. पिछले 43 सालों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा है. पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि, इस यात्रा से निस्संदेह विभिन्न क्षेत्रों में भारत-कुवैत की मित्रता मजबूत होगी. मैं आज और कल के लिए निर्धारित कार्यक्रमों की प्रतीक्षा कर रहा हूं.पीएम मोदी कुवैत के अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह के आमंत्रण पर दो दिवसीय यात्रा पर कुवैत पहुंचे हैं. उम्मीद की जा रही है कि पीएम मोदी की यह यात्रा खाड़ी देशों के साथ भारत के करीबी रिश्तों को एक नए स्तर पर ले जाएगी.
पीएम मोदी को बयान पैलेस में औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा फिर वे कुवैत के अमीर और कुवैत के क्राउन प्रिंस के साथ अलग-अलग बैठकें करेंगे. इसके बाद कुवैत के प्रधानमंत्री के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण आयाम की समीक्षा की जाएगी. क्राउन प्रिंस भारतीय प्रधानमंत्री के सम्मान में एक भोज का आयोजन करेंगे.
पीएम मोदी ने कुवैत में अब्दुल्ला अल बरून और अब्दुल लतीफ अल नेसेफ से मुलाकात की. अब्दुल्ला अल बरून ने रामायण और महाभारत दोनों का अरबी में अनुवाद किया है. अब्दुल लतीफ अल नेसेफ ने रामायण और महाभारत के अरबी संस्करण प्रकाशित किए हैं. प्रधानमंत्री ने 'मन की बात' में भी उनके इन प्रयासों का जिक्र किया था.
पीएम मोदी कुवैत की यात्रा के दौरान एक सामुदायिक कार्यक्रम में भारतीय प्रवासियों से बातचीत करने के अलावा एक श्रमिक शिविर का भी दौरा करेंगे. वे कुवैत के अमीर के विशेष अतिथि के रूप में 26वें अरेबियन गल्फ कप के उद्घाटन समारोह में भी शामिल होंगे.
पीएम मोदी ने कुवैत रवाना होने से पहले एक वक्तव्य में कहा, "आज, मैं कुवैत राज्य के अमीर महामहिम शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह के निमंत्रण पर कुवैत की दो दिवसीय यात्रा पर जा रहा हूं. हम कुवैत के साथ ऐतिहासिक संबंधों को बहुत महत्व देते हैं. हम न केवल मजबूत व्यापारिक और ऊर्जा साझेदार हैं, बल्कि पश्चिम एशिया क्षेत्र में शांति, सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि में भी हमारी साझा रुचि है."
बयान में कहा गया, "यह यात्रा हमारे लोगों और क्षेत्र के फायदे के लिए भविष्य की साझेदारी के लिए रोडमैप तैयार करने का अवसर होगा. मैं कुवैत में भारतीय प्रवासियों से मिलने के लिए उत्सुक हूं, जिन्होंने दोनों देशों के बीच मैत्री के बंधन को मजबूत करने में बहुत योगदान दिया है."
अंबेडकर पर सियासत! जयपुर में यूथ कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन, शहीद स्मारक पहुंचे सचिन पायलट
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अंबेडकर पर सियासत! जयपुर में यूथ कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन, शहीद स्मारक पहुंचे सचिन पायलट
शहीद स्मारक पहुंचे राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि गृह मंत्री जी अंबेडकर साहब के प्रति जो भाव रखते हैं, सदन के अंदर वो उनकी जुबान पर आ गए. पूरी भाजपा को माफी मांगनी चाहिए. पूरे देश में आज लोग आंदोलन कर रहे हैं.
जयपुर:बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर पर दिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर सियासत तेज हो गई है. आज इस मुद्दे को लेकर राजस्थान यूथ कांग्रेस के नेताओं ने जयपुर के सिविल लाइंस में स्थित मुख्यमंत्री आवास के घेराव की कोशिश की. राजस्थान यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष व सांगरिया विधायक अभिमन्यु पूनिया के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया. पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी इस प्रदर्शन का हिस्सा बनें. इस दौरान सचिन पायलट ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि संसद में जो प्रकरण हो रहा है, सत्ता पक्ष जिस प्रकार से बाबा साहब को अपमानित करने का काम कर रहा है, वो दुर्भाग्यपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि गृह मंत्री जी अंबेडकर साहब के प्रति जो भाव रखते हैं, सदन के अंदर वो उनकी जुबान पर आ गए. पूरी भाजपा को माफी मांगनी चाहिए... पूरे देश में आज लोग आंदोलन कर रहे हैं... देश में पहली बार संसद के अंदर सत्ताधारी पक्ष के सांसदों ने उन्माद किया है. राहुल गांधी-मल्लिकार्जुन खरगे को संसद में जाने से रोका गया और ऊपर से झूठे केस भी दर्ज करवाए गए... ये जो नाटक है वो केवल भाजपा अपनी खाल बचाने के लिए कर रही है... राहुल गांधी को टारगेट करके वे अपनी जान बचाने और जनता का ध्यान बांटने का काम कर रहे हैं."
सोरोस पर 2009 में किए पोस्ट को लेकर आपस में भिड़े शशि थरूर और हरदीप पुरी, पढ़ें क्या है पीछे की कहानी
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सोरोस पर 2009 में किए पोस्ट को लेकर आपस में भिड़े शशि थरूर और हरदीप पुरी, पढ़ें क्या है पीछे की कहानी
कर्नाटक बीजेपी के कार्यकर्ता ने शशि थरूर से सोशल मीडिया साइट एक्स पर पूछा था सोरोस से मुलाकात को लेकर सवाल. इसके बाद ही थरूर और हरदीप पुरी में शुरू हुई जुबानी जंग.
अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस एक बार फिर भारतीय राजनीति में एक अहम मुद्दा बनते दिख रहे हैं. कांग्रेस के सांसद शशि थरूर और केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के बीच जॉर्ज सोरोस को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जुबान जंग छिड़ी हुई है.इस जंग के केंद्र में हैं 2009 में किए गए कुछ पोस्ट. जिसे लेकर अब शशि थरूर ने हरदीप पुरी पर आरोप लगाया है कि पुरी ने जॉर्ज सोरोस से न्यूयॉर्क में मुलाकात की थी. थरूर का तो यहां तक कहना है कि पुरी ने सोरोस को डिनर पर भी बुलाया था. शशि थरूर द्वारा लगाए इन आरोपों को लेकर हरदीप पुरी ने भी एक्स पर एक पोस्ट लिखकर जवाब दिया है. पुरी ने कहा कि सोरोस को डिनर पर खुद थरूर ने ही बुलाया था. थरूर औऱ पुरी के बीच जारी जुबानी जंग के बीच आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस के साथ संबंधों को लेकर कांग्रेस पार्टी को लंबे से घेरती रही है.
यहां से शुरू हुई ये बहस
शशि थरूर और हरदीप पुरी के बीच जारी जुबानी जंग की शुरुआत उस वक्त हुई जब 15 दिसंबर को कर्नाटक के एक बीजेपी कार्यकर्ता ने शशि थरूर की 2009 की एक पुरानी पोस्ट साझा की. इस पोस्ट में शशि थरूर ने लिखा था कि पुराने दोस्त जॉर्ज सोरोस से मुलाकात हुई.वह भारत को लेकर आशान्वित हैं और हमारे पड़ोस के बारे में जानने को उत्सुक भी हैं. बीजेपी कार्यकर्ता ने इस पोस्ट पर रिपोस्ट करते हुए सवाल किया की आपको इस पोस्ट को लेकर क्या ख्याल है थरूर?
थरूर ने क्या दिया जवाब
थरूर ने अपने जवाब में कहा कि मेरे पुराने रिश्तों के कभी कोई राजनीतिक अर्थ नहीं थे. मुझे उम्मीद है कि यह उन लोगों के लिए इस मामले को और स्पष्ट करेगा जो मेरे 15 साल पुरानी पोस्ट को लेकर बेतुका आरोप लगा रहे हैं. थरूर ने आगे लिखा कि मुझे पता है कि ट्रोल फैक्ट्री कैसे काम करती है और मुझे विश्वास है कि ये लोग नहीं समझेंगे.
पुरी ने किया पलटवार
बीजेपी कार्यकर्ता के उस एक्स पोस्ट के बाद से थरूर औऱ पुरी के एक्स वार शुरू हो गई है. शशि थरूर का यह पोस्ट 15 साल पुराना है. पुरी ने इस पोस्ट और थरूर के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि उन दिनों में अमेरिका में राजदूत था और स्थाई तौर पर यूएन में देश का प्रतिनिधत्व करता था. उस दौर में थरूर विदेश राज्य मंत्री थे.
पुरी ने अपने सोशल पोस्ट में आगे लिखा कि मैंने उन्हें और उनके साथी को 11 अक्टूबर 2009 को नाश्ते पर और फिर 12 अक्टूबर 2009 की शाम को रात्रि भोज पर बुलाया था. चूंकि मैं तब शहर में बस कुछ ही महीने पहले आया था लेकिन थरूर ने न्यूयॉर्क में काफी समय बिताया था. इसलिए मैंने रात्रिभोज के लिए आमंत्रित लोगों की सूची नहीं बनाई थी. ये मुझे थरूर ने ही दिया था.
राजनयिक बिरादरी के सदस्यों के अलावा मैंने सूची में सोरोस का नाम देखा और मुझे स्पष्ट रूप से याद है कि मैंने इसे लेकर तत्कालीन मंत्री (थरूर) से बात भी की थी. के थरूर ने मई 2009 में उनसे मुलाकात भी की थी और इसके बारे में ट्वीट भी किया था.वह मेरे जीवन का एकमात्र अवसर था जब मैं सोरोस से मिला.जब थरूर ने रात्रिभोज के बारे में ट्वीट किया, तो मैंने उन्हें संदर्भ याद दिलाने के लिए 15 दिसंबर को फोन किया. आम तौर पर वह बहुत तत्पर रहता हैं लेकिन इस बार उन्होंने मेरा फोन नहीं उठाया.
कौन हैं जॉर्ज सोरोस
जॉर्ज सोरोस एक अमेरिकी अरबपति उद्योगपति है. उनका जन्म हंगरी में एक यहूदी परिवार में हुआ था. हिटलर के नाजी जर्मनी में जब यहूदियों को मारा जा रहा था तो वह किसी तरह से वहां से बचकर निकल गए थे.94 साल के अरबपति सोरोस खुद को दार्शनिक और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं. हालांकि, उन पर दुनिया के कई देशों में राजनीति और समाज को प्रभावित करने का एजेंडा चलाने का आरोप भी लगता रहा है.
यूक्रेन ने रूस पर किया ड्रोन अटैक, 9/11 हमले की आ गई याद, 37 मंजिला बिल्डिंग से निकलने लगे आग के गोले
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यूक्रेन ने रूस पर किया ड्रोन अटैक, 9/11 हमले की आ गई याद, 37 मंजिला बिल्डिंग से निकलने लगे आग के गोले
यूक्रेन के साथ जारी जंग के बीच रूस के कजान शहर पर एक बड़ा ड्रोन अटैक हुआ है. यह शहर राजधानी मास्को से 800 किलोमीटर दूर है. पिछले दिनों इसी शहर में ब्रिक्स देशों का सम्मेलन हुआ था, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी ने भाग लिया था. बताते चलें कि इस अटैक की खबर टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप के जरिए दी गई. कजान एयरपोर्ट ऑथिरिटी ने बताया कि यूक्रेनी ड्रोन हमले के बाद उड़ानों के आगमन और प्रस्थान को अस्थायी रूप से रोक दिया है.
रूसी राज्य समाचार एजेंसियों ने मॉस्को से लगभग 500 मील (800 किमी) पूर्व में स्थित शहर कजान में कम से कम 6 सोसाइटी के टावर पर ड्रोन हमले हमला हुआ है. TASS एजेंसी ने कहा कि आठ ड्रोन हमले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से छह सोसाइटी के टावर पर हुए हैं. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ड्रोन हमले के चपेट में कमलेयेवा एवेन्यू (दो ड्रोन), क्लारा त्सेटकिन स्ट्रीट, युताज़िंस्काया स्ट्रीट, खादी ताकतश स्ट्रीट, क्रास्नाया पॉज़ित्सिया और ऑरेनबर्गस्की ट्रैक्ट की एक इमारत पर इमारतों को निशाना बनाया गया है.
वीडियो में दिखा भयानक नजारासमाचार एजेंसियों ने स्थानीय अधिकारियों का हवाला देते हुए हमले की जानकारी दी. बताजा जा रहा है कि हमले में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. रूस की सुरक्षा सेवाओं के नजदीकी टेलीग्राम चैनल ने वीडियो फुटेज शेयर किया है. इसमें एक हवाई वस्तु एक ऊंची इमारत से टकराती हुई दिखाई दे रही है, जिससे एक बड़ा आग का गोला बनकर बाहर निकलते हुए दिख रहा है. बताया जा रहा है कि कज़ान के उत्तर-पूर्व में एक छोटे शहर इज़ेव्स्क में भी हवाई अड्डे पर अस्थायी प्रतिबंध भी लगाया जा रहा है.
यूक्रेन पर आरोपरूसी सरकार ने ड्रोन हमले के पीछे यूक्रेन का हाथ होने का आरोप लगाया. हमले के बाद, कजान में अधिकारियों ने आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रयास शुरू किए और प्रभावित इमारतों से निवासियों को निकाला गया.
हंगामे में खो गए जनता के सवाल, संसद के शीत सत्र में सबसे कम काम का बन गया रिकॉर्ड
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हंगामे में खो गए जनता के सवाल, संसद के शीत सत्र में सबसे कम काम का बन गया रिकॉर्ड
संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हुआ था, 26 दिनों के इस सत्र में 19 बैठकें हुईं, लोकसभा में पांच सरकारी विधेयक पेश किए गए और चार विधेयक पारित किए गए
अठारहवीं लोकसभा का तीसरा सत्र शुक्रवार को संपन्न हो गया. इस शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा की 20 बैठकें हुईं, जो 62 घंटे तक चलीं. लोकसभा के इस सत्र के दौरान उत्पादकता 57.87% रही. सत्र के दौरान लोकसभा में पांच सरकारी विधेयक पेश किए गए और चार विधेयक पारित किए गए. शून्य काल के दौरान अविलंबनीय लोक महत्व के 182 मामले उठाए गए और नियम 377 के अंतर्गत 397 मामले उठाए गए. यह सत्र 25 नवंबर से शुरू हुआ था.
भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा 13 दिसंबर को शुरू हुई और 14 दिसंबर को समाप्त हुई. शून्य काल के दौरान 61 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए और सदस्यों द्वारा अविलंबनीय लोक महत्व के 182 मामले उठाए गए.
संसद में 28 नवंबर को दो नवनिर्वाचित सदस्यों ने शपथ ली थी. सत्र के दौरान, लोकसभा ने 17 दिसंबर, 2024 को आर्मेनिया गणराज्य की नेशनल असेंबली के प्रेसिडेंट एलेन सिमोनियन के नेतृत्व में वहां से आए संसदीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया.
शीतकालीन सत्र में सबसे कम उत्पादकता
लोक सभा का शीतकालीन सत्र अब तक के सभी सत्रों में सबसे कम उत्पादकता वाला रहा. लोकसभा की प्रोडक्टिविटी 57% रही और राज्यसभा की प्रोडक्टिविटी 43% रही. संविधान पर चार दिन चर्चा चली और बाकी समय शोरशराबा और हंगामा होता रहा. यह सत्र 25 नवंबर से शुरू हुआ था. 26 दिनों के इस सत्र में 19 बैठकें हुईं.
संसद में कामकाज में लगातार काम में कमी आ रही है. पिछले 10 सत्रों के आंकडों से यही संकेत मिलते हैं. अठारहवीं लोकसभा के बजट सत्र में प्रोडक्टिविटी 135% रही. इस दौरान राज्यसभा में प्रोडक्टिविटी 112% रही थी. 17वीं लोकसभा में 274 बैठकें हुई थीं और 222 बिल पास हुए थे. अधिकांश बिल पेश होने के दो हफ्ते के भीतर पास हुए थे. इनमें से एक तिहाई बिल एक घंटे से भी कम समय में पास हो गए थे. केवल 16% बिल ही स्टैंडिंग कमेटी को भेजे गए थे. 17वीं लोकसभा ने केवल 1,354 घंटे काम किया गया. 15 में से 11 सत्र समय से पहले स्थगित किए गए.
संसद की गरिमा बनाए रखना सभी सदस्यों की सामूहिक जिम्मेदारी
अठारहवीं लोक सभा के तीसरे सत्र के अंतिम दिन अपने समापन भाषण में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि संसद की गरिमा और मर्यादा बनाए रखना सभी सदस्यों की सामूहिक जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि संसद के किसी भी द्वार पर धरना, प्रदर्शन करना उचित नहीं है.
उन्होंने आगे कहा कि यदि इसका उल्लंघन होता है तो संसद को अपनी मर्यादा और गरिमा बनाए रखने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने का अधिकार है. उन्होंने सदस्यों से आग्रह किया कि उन्हें किसी भी दशा में नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए.