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पंजाब को 31 मई तक नशा मुक्त बनाने की तैयारी, DGP ने सभी अधिकारियों को दिए अहम निर्देश
पंजाब को 31 मई तक नशा मुक्त बनाने की तैयारी, DGP ने सभी अधिकारियों को दिए अहम निर्देश

पंजाब को नशा मुक्त बनाने की डेडलाइन तय कर दी गई है। इसे लेकर पंजाब के पुलिस महानिदेशक ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इस अभियान की अगुवाई खुद करें।
पंजाब के पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव ने राज्य में नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को लेकर अहम निर्देश दिए हैं। उन्होंने राज्य के सभी फील्ड पुलिस अधिकारियों, एसएसपी और सीपी को यह आदेश दिया है कि वे इस अभियान की अगुवाई खुद करें और पंजाब को नशा मुक्त बनाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम करें।
गौरव यादव ने कहा, "हमने सभी एसएसपी और सीपी से कहा है कि वे इस अभियान में व्यक्तिगत रूप से नेतृत्व दें, ताकि पंजाब को पूरी तरह से नशा मुक्त बनाया जा सके। एसएसपी और सीपी को यह निर्देश दिया गया है कि वे अपनी-अपनी क्षेत्रों में जो भी आवश्यक कदम उठाने होंगे, उनका एक रोडमैप तैयार करें और उन्हें 31 मई तक पूरा करने का लक्ष्य तय करें।" उन्होंने कहा कि राज्य के सभी क्षेत्रों में नशे की सप्लाई लाइनों को 31 मई तक पूरी तरह से काटने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि हर क्षेत्र नशा मुक्त हो सके।
अच्छे काम के लिए पुरस्कृत होंगे अधिकारी
डीजीपी गौरव यादव ने डेडलाइन पर लक्ष्य हासिल करने के लिए सख्त रवैया अपनाया है। उन्होंने ऐलान किया है कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (SSP) और पुलिस आयुक्तों (CP) को उनके अच्छे काम के लिए पुरस्कृत किया जाएगा और अगर उनका प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा, तो उन्हें जवाबदेह ठहराया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाया जाएगा और मादक पदार्थ की उपलब्धता पूरी तरह खत्म कर दी जाएगी। डीजीपी ने कहा कि यह निर्णय सोच-समझकर कर और मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा नशा विरोधी अभियान 'युद्ध नश्यां विरुद्ध' की समीक्षा किए जाने के बाद लिया गया है। उन्होंने कहा, "हमने सभी पुलिस अधिकारियों को इस अभियान का नेतृत्व करने को कहा है, ताकि पंजाब को सही मायने में नशा मुक्त बनाया जा सके।"
"लक्ष्य तिथि आगे नहीं बढ़नी चाहिए"
पुलिस प्रमुख ने स्पष्ट किया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और पुलिस आयुक्तों को निर्देश दिया गया है कि वे जो भी आवश्यक समझें, उसकी योजना बनाएं, उसे क्रियान्वित करें और इस समस्या को समाप्त करने के लिए एक लक्ष्य तिथि तय करें, लेकिन यह 31 मई से आगे नहीं बढ़नी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि इसका उद्देश्य 31 मई से पहले सभी मादक पदार्थों की आपूर्ति के तरीकों को प्रभावी ढंग से समाप्त करना है। यादव ने कहा कि समय सीमा समाप्त होने के बाद जमीनी स्तर पर वास्तविक स्थिति जानने के लिए गहन क्षेत्रीय आकलन किया जाएगा।
पंजाब को नशा मुक्त बनाने की डेडलाइन तय कर दी गई है। इसे लेकर पंजाब के पुलिस महानिदेशक ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इस अभियान की अगुवाई खुद करें।
पंजाब के पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव ने राज्य में नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को लेकर अहम निर्देश दिए हैं। उन्होंने राज्य के सभी फील्ड पुलिस अधिकारियों, एसएसपी और सीपी को यह आदेश दिया है कि वे इस अभियान की अगुवाई खुद करें और पंजाब को नशा मुक्त बनाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम करें।
गौरव यादव ने कहा, "हमने सभी एसएसपी और सीपी से कहा है कि वे इस अभियान में व्यक्तिगत रूप से नेतृत्व दें, ताकि पंजाब को पूरी तरह से नशा मुक्त बनाया जा सके। एसएसपी और सीपी को यह निर्देश दिया गया है कि वे अपनी-अपनी क्षेत्रों में जो भी आवश्यक कदम उठाने होंगे, उनका एक रोडमैप तैयार करें और उन्हें 31 मई तक पूरा करने का लक्ष्य तय करें।" उन्होंने कहा कि राज्य के सभी क्षेत्रों में नशे की सप्लाई लाइनों को 31 मई तक पूरी तरह से काटने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि हर क्षेत्र नशा मुक्त हो सके।
अच्छे काम के लिए पुरस्कृत होंगे अधिकारी
डीजीपी गौरव यादव ने डेडलाइन पर लक्ष्य हासिल करने के लिए सख्त रवैया अपनाया है। उन्होंने ऐलान किया है कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (SSP) और पुलिस आयुक्तों (CP) को उनके अच्छे काम के लिए पुरस्कृत किया जाएगा और अगर उनका प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा, तो उन्हें जवाबदेह ठहराया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाया जाएगा और मादक पदार्थ की उपलब्धता पूरी तरह खत्म कर दी जाएगी। डीजीपी ने कहा कि यह निर्णय सोच-समझकर कर और मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा नशा विरोधी अभियान 'युद्ध नश्यां विरुद्ध' की समीक्षा किए जाने के बाद लिया गया है। उन्होंने कहा, "हमने सभी पुलिस अधिकारियों को इस अभियान का नेतृत्व करने को कहा है, ताकि पंजाब को सही मायने में नशा मुक्त बनाया जा सके।"
"लक्ष्य तिथि आगे नहीं बढ़नी चाहिए"
पुलिस प्रमुख ने स्पष्ट किया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और पुलिस आयुक्तों को निर्देश दिया गया है कि वे जो भी आवश्यक समझें, उसकी योजना बनाएं, उसे क्रियान्वित करें और इस समस्या को समाप्त करने के लिए एक लक्ष्य तिथि तय करें, लेकिन यह 31 मई से आगे नहीं बढ़नी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि इसका उद्देश्य 31 मई से पहले सभी मादक पदार्थों की आपूर्ति के तरीकों को प्रभावी ढंग से समाप्त करना है। यादव ने कहा कि समय सीमा समाप्त होने के बाद जमीनी स्तर पर वास्तविक स्थिति जानने के लिए गहन क्षेत्रीय आकलन किया जाएगा।
