देश को मिली अंग्रेजी कानूनों से मुक्ति, नए कानून मील का पत्थर बनेंगे : पीएम मोदी

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देश को मिली अंग्रेजी कानूनों से मुक्ति, नए कानून मील का पत्थर बनेंगे : पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि देशवासियों ने सोचा था कि अंग्रेज गए हैं, तो अंग्रेजी कानूनों से भी मुक्ति मिलेगी. अंग्रेजों के अत्याचार के, उनके शोषण का जरिया ये कानून ही तो थे. ये कानून ही तब बनाए गए थे, जब अंग्रेजी सत्ता भारत पर अपना शिकंजा बनाए रखने के लिए कुछ भी करने को तैयार थी.

चंडीगढ़: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंडीगढ़ में तीन परिवर्तनकारी नए आपराधिक कानूनोंभारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के सफल कार्यान्वयन को चिह्नित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्‍होंने तीन नए आपराधिक कानूनों के सफल कार्यान्वयन को राष्ट्र को समर्पित किया. पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि मैं सभी देशवासियों को भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के लागू होने की अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं और चंडीगढ़ प्रशासन से जुड़े सभी लोगों को बधाई देता हूं.

पीएम ने कहा कि एक ऐसे समय में जब देश विकसित भारत का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है, जब संविधान के 75 वर्ष हुए हैं, तब संविधान की भावना से प्रेरित 'भारतीय न्याय संहिता' के प्रभाव का प्रारंभ होना, बहुत बड़ी बात है. देश के नागरिकों के लिए हमारे संविधान ने जिन आदर्शों की कल्पना की थी, उन्हें पूरा करने की दिशा में ये ठोस प्रयास है.

 पीएम ने आगे कहा कि 1947 में, सदियों की गुलामी के बाद जब हमारा देश आजाद हुआ, पीढ़ियों के इंतजार के बाद, लोगों के बलिदानों के बाद, जब आजादी की सुबह आई, तब कैसे-कैसे सपने थे, देश में कैसा उत्साह था.  देशवासियों ने सोचा था कि अंग्रेज गए हैं, तो अंग्रेजी कानूनों से भी मुक्ति मिलेगी. अंग्रेजों के अत्याचार के, उनके शोषण का जरिया ये कानून ही तो थे. ये कानून ही तब बनाए गए थे, जब अंग्रेजी सत्ता भारत पर अपना शिकंजा बनाए रखने के लिए कुछ भी करने को तैयार थी.

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पीएम मोदी ने कहा कि देशवासियों ने सोचा था कि अंग्रेज गए हैं, तो अंग्रेजी कानूनों से भी मुक्ति मिलेगी. अंग्रेजों के अत्याचार के, उनके शोषण का जरिया ये कानून ही तो थे. ये कानून ही तब बनाए गए थे, जब अंग्रेजी सत्ता भारत पर अपना शिकंजा बनाए रखने के लिए कुछ भी करने को तैयार थी.

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पीएम ने कहा कि एक ऐसे समय में जब देश विकसित भारत का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है, जब संविधान के 75 वर्ष हुए हैं, तब संविधान की भावना से प्रेरित 'भारतीय न्याय संहिता' के प्रभाव का प्रारंभ होना, बहुत बड़ी बात है. देश के नागरिकों के लिए हमारे संविधान ने जिन आदर्शों की कल्पना की थी, उन्हें पूरा करने की दिशा में ये ठोस प्रयास है.

 पीएम ने आगे कहा कि 1947 में, सदियों की गुलामी के बाद जब हमारा देश आजाद हुआ, पीढ़ियों के इंतजार के बाद, लोगों के बलिदानों के बाद, जब आजादी की सुबह आई, तब कैसे-कैसे सपने थे, देश में कैसा उत्साह था.  देशवासियों ने सोचा था कि अंग्रेज गए हैं, तो अंग्रेजी कानूनों से भी मुक्ति मिलेगी. अंग्रेजों के अत्याचार के, उनके शोषण का जरिया ये कानून ही तो थे. ये कानून ही तब बनाए गए थे, जब अंग्रेजी सत्ता भारत पर अपना शिकंजा बनाए रखने के लिए कुछ भी करने को तैयार थी.

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