शिक्षा प्रणाली को आधुनिक बनाने की दिशा में काम कर रही सरकार: PM मोदी

शिक्षा प्रणाली को आधुनिक बनाने की दिशा में काम कर रही सरकार: PM मोदी

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पीएम मोदी ने कहा कि हमने विकसित भारत के लक्ष्य के लिए अगले 25 वर्षों की समयसीमा तय की है. हमारे पास समय सीमित है, लक्ष्य बड़े हैं. इसलिए जरूरी है कि हमारे विचार (आइडिया) की ‘प्रोटोटाइप’ से ‘प्रोडक्ट’ तक की यात्रा भी कम से कम समय में पूरी हो.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि देश के भविष्य के लिए युवाओं को तैयार करने में शिक्षा प्रणाली (Education System) एक अहम भूमिका निभाती है और सरकार इसे आधुनिक बनाने की दिशा में काम कर रही है.‘युग्म' सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य ‘एआई को भारत के लिए कारगर' (मेक एआई वर्क फॉर इंडिया) बनाना है.

देश का भविष्य उसकी युवा पीढ़ी पर निर्भर

उन्होंने कहा कि किसी भी देश का भविष्य उसकी युवा पीढ़ी पर निर्भर होता है, इसलिए यह जरूरी है कि हम अपने युवाओं के भविष्य के लिए और उन्हें भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए तैयार करें. पीएम मोदी ने कहा कि इसमें बड़ी भूमिका देश की शिक्षा प्रणाली की भी होती है, इसलिए हम देश की शिक्षा प्रणाली को 21वीं सदी की जरूरतों के मुताबिक आधुनिक बना रहे हैं. अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) पर 2013-14 में सकल व्यय केवल 60,000 करोड़ रुपये था, जिसे अब सवा लाख करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया गया है.

अगले 25 वर्षों की समयसीमा तय की

पीएम मोदी ने कहा कि हमने विकसित भारत के लक्ष्य के लिए अगले 25 वर्षों की समयसीमा तय की है. हमारे पास समय सीमित है, लक्ष्य बड़े हैं. इसलिए जरूरी है कि हमारे विचार (आइडिया) की ‘प्रोटोटाइप' से ‘प्रोडक्ट' तक की यात्रा भी कम से कम समय में पूरी हो. भारतीय विश्वविद्यालयों के परिसर ऐसे केंद्र बनकर उभर रहे हैं जहां युवाशक्ति सफल नवाचार कर रही है. 

उन्होंने सम्मेलन में कहा कि आज यहां सरकार, शिक्षा, विज्ञान और अनुसंधान से जुड़े भिन्न-भिन्न क्षेत्र के लोग इतनी बड़ी संख्या में उपस्थि​त हैं. इस एकजुटता को ही ‘युग्म' कहते हैं. एक ऐसा युग्म जिसमें विकसित भारत की भविष्य की तकनीक से जुड़े हितधारक एक साथ जुड़े हैं, एक साथ जुटे हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि हमने विकसित भारत के लक्ष्य के लिए अगले 25 वर्षों की समयसीमा तय की है. हमारे पास समय सीमित है, लक्ष्य बड़े हैं. इसलिए जरूरी है कि हमारे विचार (आइडिया) की ‘प्रोटोटाइप’ से ‘प्रोडक्ट’ तक की यात्रा भी कम से कम समय में पूरी हो.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि देश के भविष्य के लिए युवाओं को तैयार करने में शिक्षा प्रणाली (Education System) एक अहम भूमिका निभाती है और सरकार इसे आधुनिक बनाने की दिशा में काम कर रही है.‘युग्म' सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य ‘एआई को भारत के लिए कारगर' (मेक एआई वर्क फॉर इंडिया) बनाना है.

देश का भविष्य उसकी युवा पीढ़ी पर निर्भर

उन्होंने कहा कि किसी भी देश का भविष्य उसकी युवा पीढ़ी पर निर्भर होता है, इसलिए यह जरूरी है कि हम अपने युवाओं के भविष्य के लिए और उन्हें भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए तैयार करें. पीएम मोदी ने कहा कि इसमें बड़ी भूमिका देश की शिक्षा प्रणाली की भी होती है, इसलिए हम देश की शिक्षा प्रणाली को 21वीं सदी की जरूरतों के मुताबिक आधुनिक बना रहे हैं. अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) पर 2013-14 में सकल व्यय केवल 60,000 करोड़ रुपये था, जिसे अब सवा लाख करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया गया है.

अगले 25 वर्षों की समयसीमा तय की

पीएम मोदी ने कहा कि हमने विकसित भारत के लक्ष्य के लिए अगले 25 वर्षों की समयसीमा तय की है. हमारे पास समय सीमित है, लक्ष्य बड़े हैं. इसलिए जरूरी है कि हमारे विचार (आइडिया) की ‘प्रोटोटाइप' से ‘प्रोडक्ट' तक की यात्रा भी कम से कम समय में पूरी हो. भारतीय विश्वविद्यालयों के परिसर ऐसे केंद्र बनकर उभर रहे हैं जहां युवाशक्ति सफल नवाचार कर रही है. 

उन्होंने सम्मेलन में कहा कि आज यहां सरकार, शिक्षा, विज्ञान और अनुसंधान से जुड़े भिन्न-भिन्न क्षेत्र के लोग इतनी बड़ी संख्या में उपस्थि​त हैं. इस एकजुटता को ही ‘युग्म' कहते हैं. एक ऐसा युग्म जिसमें विकसित भारत की भविष्य की तकनीक से जुड़े हितधारक एक साथ जुड़े हैं, एक साथ जुटे हैं.

शिक्षा प्रणाली को आधुनिक बनाने की दिशा में काम कर रही सरकार: PM मोदी
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