भारतीय शेयर बाजार से माल बेचकर चीन क्यों जा रहे विदेशी निवेशक? मार्च के पहले वीक में ही कर दी बड़ी बिकवाली

On

रुपये में गिरावट ने एफपीआई के लिए रिटर्न को कम कर दिया है। वहीं, भारत का टैक्स स्ट्रक्चर भी एक कारण है, जिसमें लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 12.5 प्रतिशत टौक्स और शॉर्ट टर्म पर 20 फीसदी टैक्स है।

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने मार्च के पहले सप्ताह में भारतीय शेयर बाजारों से 24,753 करोड़ रुपये (2.8 अरब डॉलर) निकाले हैं। कंपनियों की कमजोर आय और वैश्विक स्तर पर व्यापार तनाव बढ़ने के बीच एफपीआई लगातार शुद्ध बिकवाल बने हुए हैं। इससे पहले फरवरी में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से 34,574 करोड़ रुपये और जनवरी में 78,027 करोड़ रुपये निकाले थे। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि 2025 में अब तक एफपीआई कुल 1.37 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं। आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने इस महीने सात मार्च तक 24,753 करोड़ रुपये के शेयर बेचे है। यह उनकी शुद्ध निकासी का लगातार 13वां सप्ताह है।

इस कारण से वापस जा रहे FPI

विदेशी निवेशकों द्वारा निरंतर बिकवाली मुख्य रूप से वैश्विक और घरेलू कारकों के संयोजन के कारण है। मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि अमेरिका द्वारा मेक्सिको, कनाडा और चीन जैसे देशों पर हाई टैरिफ लगाए जाने तथा भारत सहित कई देशों पर जवाबी टैरिफ लगाने की घोषणा से बाजार धारणा प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि घरेलू मोर्चे पर कंपनियों के कमजोर नतीजों ने नकारात्मक धारणा को और बढ़ा दिया है। इससे एफपीआई भारतीय शेयरों को लेकर सावधानी बरत रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह अनिश्चितता कमजोर रुपये से और बढ़ गई है, जिससे भारतीय सिक्यूरिटीज का आकर्षण कम हो गया है।

चीन का रुख कर रहे निवेशक

डेजर्व के को-फाउंडर वैभव पोरवाल ने कहा कि रुपये में गिरावट ने एफपीआई के लिए रिटर्न को कम कर दिया है। वहीं, भारत का टैक्स स्ट्रक्चर भी एक कारण है, जिसमें लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 12.5 प्रतिशत टौक्स और शॉर्ट टर्म पर 20 फीसदी टैक्स है। यह वैकल्पिक बाजारों के विपरीत है, जो कम या जीरो टैक्स एनवायर्नमेंट प्रदान करते हैं। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने चीन के शेयरों के प्रति बढ़ते आकर्षण का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आकर्षक वैल्यूएशन और चीन सरकार की बड़ी कंपनियों के लिए हालिया सकारात्मक पहल से एफपीआई वहां का रुख कर रहे हैं। इसने चीनी शेयरों में उल्लेखनीय तेजी में योगदान दिया है।

चीनी मार्केट दे रहा शानदार रिटर्न

हैंग सेंग सूचकांक ने सालाना आधार पर भारत के निफ्टी के -5 फीसदी रिटर्न की तुलना में 23.48 फीसदी का रिटर्न दिया है। हालांकि, उन्होंने चेताते हुए कहा कि यह एक शॉर्ट टर्म सायकल ट्रेड हो सकता है, क्योंकि चीन के कॉरपोरेट सेक्टर की परफॉर्मेंस 2008 से लगातार उम्मीद से कम रही है। आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने बॉन्ड में सामान्य सीमा के तहत 2,405 करोड़ रुपये का निवेश किया और स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग से 377 करोड़ रुपये निकाले हैं। एफपीआई का 2024 में भारतीय बाजार में निवेश काफी कम होकर 427 करोड़ रुपये रहा था। इससे पहले 2023 में उन्होंने भारतीय बाजार में 1.71 लाख करोड़ रुपये डाले थे। जबकि 2022 में वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में आक्रामक वृद्धि के बीच 1.21 लाख करोड़ रुपये की निकासी की थी।

 

रुपये में गिरावट ने एफपीआई के लिए रिटर्न को कम कर दिया है। वहीं, भारत का टैक्स स्ट्रक्चर भी एक कारण है, जिसमें लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 12.5 प्रतिशत टौक्स और शॉर्ट टर्म पर 20 फीसदी टैक्स है।

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने मार्च के पहले सप्ताह में भारतीय शेयर बाजारों से 24,753 करोड़ रुपये (2.8 अरब डॉलर) निकाले हैं। कंपनियों की कमजोर आय और वैश्विक स्तर पर व्यापार तनाव बढ़ने के बीच एफपीआई लगातार शुद्ध बिकवाल बने हुए हैं। इससे पहले फरवरी में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से 34,574 करोड़ रुपये और जनवरी में 78,027 करोड़ रुपये निकाले थे। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि 2025 में अब तक एफपीआई कुल 1.37 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं। आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने इस महीने सात मार्च तक 24,753 करोड़ रुपये के शेयर बेचे है। यह उनकी शुद्ध निकासी का लगातार 13वां सप्ताह है।

इस कारण से वापस जा रहे FPI

विदेशी निवेशकों द्वारा निरंतर बिकवाली मुख्य रूप से वैश्विक और घरेलू कारकों के संयोजन के कारण है। मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि अमेरिका द्वारा मेक्सिको, कनाडा और चीन जैसे देशों पर हाई टैरिफ लगाए जाने तथा भारत सहित कई देशों पर जवाबी टैरिफ लगाने की घोषणा से बाजार धारणा प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि घरेलू मोर्चे पर कंपनियों के कमजोर नतीजों ने नकारात्मक धारणा को और बढ़ा दिया है। इससे एफपीआई भारतीय शेयरों को लेकर सावधानी बरत रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह अनिश्चितता कमजोर रुपये से और बढ़ गई है, जिससे भारतीय सिक्यूरिटीज का आकर्षण कम हो गया है।

चीन का रुख कर रहे निवेशक

डेजर्व के को-फाउंडर वैभव पोरवाल ने कहा कि रुपये में गिरावट ने एफपीआई के लिए रिटर्न को कम कर दिया है। वहीं, भारत का टैक्स स्ट्रक्चर भी एक कारण है, जिसमें लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 12.5 प्रतिशत टौक्स और शॉर्ट टर्म पर 20 फीसदी टैक्स है। यह वैकल्पिक बाजारों के विपरीत है, जो कम या जीरो टैक्स एनवायर्नमेंट प्रदान करते हैं। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने चीन के शेयरों के प्रति बढ़ते आकर्षण का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आकर्षक वैल्यूएशन और चीन सरकार की बड़ी कंपनियों के लिए हालिया सकारात्मक पहल से एफपीआई वहां का रुख कर रहे हैं। इसने चीनी शेयरों में उल्लेखनीय तेजी में योगदान दिया है।

चीनी मार्केट दे रहा शानदार रिटर्न

हैंग सेंग सूचकांक ने सालाना आधार पर भारत के निफ्टी के -5 फीसदी रिटर्न की तुलना में 23.48 फीसदी का रिटर्न दिया है। हालांकि, उन्होंने चेताते हुए कहा कि यह एक शॉर्ट टर्म सायकल ट्रेड हो सकता है, क्योंकि चीन के कॉरपोरेट सेक्टर की परफॉर्मेंस 2008 से लगातार उम्मीद से कम रही है। आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने बॉन्ड में सामान्य सीमा के तहत 2,405 करोड़ रुपये का निवेश किया और स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग से 377 करोड़ रुपये निकाले हैं। एफपीआई का 2024 में भारतीय बाजार में निवेश काफी कम होकर 427 करोड़ रुपये रहा था। इससे पहले 2023 में उन्होंने भारतीय बाजार में 1.71 लाख करोड़ रुपये डाले थे। जबकि 2022 में वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में आक्रामक वृद्धि के बीच 1.21 लाख करोड़ रुपये की निकासी की थी।

 

भारतीय शेयर बाजार से माल बेचकर चीन क्यों जा रहे विदेशी निवेशक? मार्च के पहले वीक में ही कर दी बड़ी बिकवाली
भारतीय शेयर बाजार से माल बेचकर चीन क्यों जा रहे विदेशी निवेशक? मार्च के पहले वीक में ही कर दी बड़ी बिकवाली
Edited By: [email protected]

खबरें और भी हैं

महागठबंधन की बैठक: स्ट्राइक रेट में है पूरा गेम, कांग्रेस, राजद, लेफ्ट, पारस, सहनी किसके खाते में होगी कितनी सीटें?

नवीनतम

महागठबंधन की बैठक: स्ट्राइक रेट में है पूरा गेम, कांग्रेस, राजद, लेफ्ट, पारस, सहनी किसके खाते में होगी कितनी सीटें? महागठबंधन की बैठक: स्ट्राइक रेट में है पूरा गेम, कांग्रेस, राजद, लेफ्ट, पारस, सहनी किसके खाते में होगी कितनी सीटें?
2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में सीटों का बंटवारा अलग समीकरणों पर हुआ था, लेकिन इस बार INDIA गठबंधन...
अब किसी का मुंह नहीं खुल रहा... मुर्शिदाबाद हिंसा पर सीएम योगी ने ममता बनर्जी को फिर सुनाया...
जिस शर्मनाक रिकॉर्ड से भागते हैं सभी गेंदबाज, संदीप शर्मा के नाम वही जुड़ा
'12 गेंद यॉर्कर डाली...', मिचेल स्टार्क क्यों हैं ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज गेंदबाज? जीत के बाद अक्षर पटेल ने बताया |
DC vs RR: रियान पराग ने हासिल की बड़ी उपलब्धि, इस मामले में अजिंक्य रहाणे को छोड़ा पीछे
Copyright (c) Undekhi Khabar All Rights Reserved.
Powered By Vedanta Software